Good News : रेलवे का मेडिकल पास अब पांच माह तक के लिए मान्य
मेडिकल पास पर रेलकर्मी फालोअप चिकित्सकीय परीक्षण के लिए निर्धारित डेट से सात दिन पहले और 21 दिन बाद तक टिकट हासिल कर सकते हैं।
By Edited By: Updated: Wed, 28 Nov 2018 09:58 AM (IST)
गोरखपुर, जेएनएन। इलाज के लिए दिल्ली, मुंबई और चेन्नई आदि शहरों में जाने वाले रेलकर्मियों के लिए राहत भरी खबर है। अब उन्हें मेडिकल पास और आरक्षित टिकट के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा। पहली बार जारी मेडिकल पास, फालोअप चिकित्सकीय परीक्षण के लिए पांच माह के लिए मान्य होगा। ऐसे में रेलकर्मी सुविधानुसार अपना टिकट बुक करा सकेंगे। साथ ही यात्रा की पूरी प्लानिंग भी तैयार कर सकेंगे।
रेलवे बोर्ड ने भारतीय रेलवे के समस्त जोनल कार्यालयों को दिशा-निर्देश जारी कर दिया है। बोर्ड का कहना है कि कैंसर, लीवर, हृदय और गुर्दा आदि गंभीर बीमारियों के लिए दूसरे शहरों में जाने वाले रेलकर्मियों को जारी मेडिकल पास की वैधता पांच माह तक प्रदान की जाती है। मेडिकल पास पर रेलकर्मी फालोअप चिकित्सकीय परीक्षण के लिए निर्धारित डेट से सात दिन पहले और 21 दिन बाद तक टिकट हासिल कर सकते है।
रेलवे बोर्ड ने इस नए नियम को तत्काल प्रभाव से लागू करने के लिए निर्देशित किया है। दरअसल, गंभीर बीमारी से पीड़ित रेलकर्मियों को फालोअप चिकित्सकीय परीक्षण के लिए बार-बार मेडिकल पास बनवाना पड़ता है। ऐसे में वे न समय से टिकट ले पाते हैं और न यात्रा प्लानिंग तैयार हो पाती है। वर्तमान में रेलकर्मियों को फालोअप चिकित्सकीय परीक्षण के लिए अलग से मेडिकल पास लेना पड़ता है।
रेलकर्मियों की समस्याओं को गंभीरता से लेते हुए बोर्ड ने संशोधित नया नियम जारी कर सहूलियत प्रदान की है। कर्मचारी संगठनों ने किया स्वागत पूर्वोत्तर रेलवे कर्मचारी संगठनों ने रेलवे बोर्ड के इस नए नियम का स्वागत किया है। पीआरकेएस के प्रवक्ता एके सिंह के अनुसार नेशनल फेडरेशन आफ इंडियन रेलवे कर्मचारियों की इस समस्या को मंत्रालय के समक्ष उठाता रहा है। नए नियम से कर्मचारियों और उनके परिजनों को सहूलियत मिलेगी। एनई रेलवे मजदूर यूनियन के संयुक्त महामंत्री नवीन मिश्रा ने बताया कि आल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन की मांग को बोर्ड ने गंभीरता से लिया है। इससे राहत मिलेगी।
रेलवे बोर्ड ने भारतीय रेलवे के समस्त जोनल कार्यालयों को दिशा-निर्देश जारी कर दिया है। बोर्ड का कहना है कि कैंसर, लीवर, हृदय और गुर्दा आदि गंभीर बीमारियों के लिए दूसरे शहरों में जाने वाले रेलकर्मियों को जारी मेडिकल पास की वैधता पांच माह तक प्रदान की जाती है। मेडिकल पास पर रेलकर्मी फालोअप चिकित्सकीय परीक्षण के लिए निर्धारित डेट से सात दिन पहले और 21 दिन बाद तक टिकट हासिल कर सकते है।
रेलवे बोर्ड ने इस नए नियम को तत्काल प्रभाव से लागू करने के लिए निर्देशित किया है। दरअसल, गंभीर बीमारी से पीड़ित रेलकर्मियों को फालोअप चिकित्सकीय परीक्षण के लिए बार-बार मेडिकल पास बनवाना पड़ता है। ऐसे में वे न समय से टिकट ले पाते हैं और न यात्रा प्लानिंग तैयार हो पाती है। वर्तमान में रेलकर्मियों को फालोअप चिकित्सकीय परीक्षण के लिए अलग से मेडिकल पास लेना पड़ता है।
रेलकर्मियों की समस्याओं को गंभीरता से लेते हुए बोर्ड ने संशोधित नया नियम जारी कर सहूलियत प्रदान की है। कर्मचारी संगठनों ने किया स्वागत पूर्वोत्तर रेलवे कर्मचारी संगठनों ने रेलवे बोर्ड के इस नए नियम का स्वागत किया है। पीआरकेएस के प्रवक्ता एके सिंह के अनुसार नेशनल फेडरेशन आफ इंडियन रेलवे कर्मचारियों की इस समस्या को मंत्रालय के समक्ष उठाता रहा है। नए नियम से कर्मचारियों और उनके परिजनों को सहूलियत मिलेगी। एनई रेलवे मजदूर यूनियन के संयुक्त महामंत्री नवीन मिश्रा ने बताया कि आल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन की मांग को बोर्ड ने गंभीरता से लिया है। इससे राहत मिलेगी।