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UP News: बांग्लादेश सीमा के निकट गणित की गुत्थी में उलझे मिले गोरखपुर के अमित, तीन साल से थे लापता

उत्‍तर प्रदेश के गोरखपुर जिले में एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। एक शख्‍स चाय की दुकान चलाते हैं। उनका बेटा अमित गणि‍त का टीचर था। दिमाग का संतुलन खोने के बाद अमित घर से तीन साल पहले लापता हो गया। घर वालों ने वापसी की सारी उम्‍मीद खो दी थी। इस बीच हैम रेडियो क्लब के सदस्यों ने बांग्लादेश की सीमा के निकट उसे पकड़ लिया।

By Jagran News Edited By: Vivek Shukla Updated: Wed, 14 Aug 2024 07:53 AM (IST)
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बांग्लादेश में मिले अमित कुमार प्रसाद को घर वालों को सौंपती पुलिस। जागरण
 रजनीश त्रिपाठी, जागरण गोरखपुर। गणित की गुत्थी सुलझाने की कोशिश और सबसे अलग-थलग रहने की चाह। बिखरे बाल और मैले कुचैले कपड़े। इस स्थिति में अपने घर से 850 किलोमीटर दूर बांग्लादेश की सीमा के निकट मिले हैं गोरखपुर के अमित कुमार प्रसाद। बंगाल के 24 परगना जिले के पेट्रापोल बाजार में उन्हें इस दशा में देख लोगों ने पहचान पूछी तो बस इतना बोले, मुझे अकेला छोड़ दें।

स्थानीय हैम रेडियो क्लब के सदस्यों ने देशभर में फैले नेटवर्क के सहारे उनके घर का पता ढूंढ़ा। गोरखपुर से गए स्वजन मंगलवार की शाम अमित को लेकर घर लौट आए। झरवां खिरवनिया गांव के बाहर झोपड़ी में चाय की दुकान चलाने वाले पिता गामा प्रसाद ने बताया कि बेटा अमित बचपन से ही पढ़ाई में तेज था। वर्ष 2009 में इंटर पास करने के बाद कॉलेज में प्रवेश लिया।

इसी बीच 2011 में शादी कर दी गई। आर्थिक स्थिति अच्छी न होने के चलते अमित प्राइवेट स्कूल में पढ़ाने लगे। बच्चों में उसकी पहचान अमित सर के नाम से थी। वर्ष 2014 में उनके दिमाग का संतुलन गड़बड़ा गया। शायद पारिवारिक उलझनों के चलते मंजिल तक न पहुंच पाने की मायूसी ने घर छोड़ने पर मजबूर कर दिया।

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दो-तीन महीने बाद लौटे तो बीमारी बढ़ गई थी। डॉक्टर के पास लंबा उपचार भी कराया गया, लेकिन वर्ष 2017 में फिर गायब हो गया। इस बार तीन महीने बाद लौटे। वर्ष 2021 में घर छोड़कर गए तो अब मिले हैं।

अंग्रेजी में भाषण सुन जगजाहिर हुई थी मेधा

गांव और गरीबी में पले अमित की मेधा पहली बार तब जगजाहिर हुई जब गांव के स्कूल में हुए कार्यक्रम में उन्होंने अंग्रेजी में भाषण दिया। अमित को अंग्रेजी में बोलता सुन गांव वालों ने उन्हें पढ़ने के लिए प्रेरित किया। पिता से कहा-रुपया चाहे जितना लगे आप इसे पढ़ाइए, मदद हम लोग करेंगे। लेकिन, नियती को तो कुछ और मंजूर था।

पिता को देखकर पैरों में गिर पड़े अमित

गामा ने बताया कि नौ अगस्त को हमारे पास बंगाल पुलिस का फोन आया। बताया कि आपका बेटा मिला है। पिता गामा प्रसाद, भाई सूर्यभान, रिश्तेदार सोनू निषाद समेत आठ लोग निजी कार से पेट्रापोल रवाना हो गए।

वहां पुलिस चौकी में मौजूद अमित पिता गामा को देखते ही उनके पैरों में गिर पड़े। पिता को पहचान कर आशीर्वाद लिया और हैम रेडियो क्लब के सदस्यों और पुलिस को धन्यवाद बोलकर गोरखपुर लौट आए।

खुशी है कि अमित अपने घर पहुंच गए

अम्बरीश बंगाल हैम रेडियो क्लब के सचिव अम्बरीश नाग बिश्वास ने मोबाइल पर हुई बातचीत में बताया कि किसी भी आपदा या सामान्य स्थिति में घर से बिछड़े लोगों को मिलाने का प्रयास हम लोग करते रहते हैं। पेट्रापोल में हैम रेडियो के स्थानीय आपरेटर को पता चला था कि एक व्यक्ति विक्षिप्त हाल में घूम रहे हैं।

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बताया कि मांगकर खाते हैं और मिट्टी पर गणित के सवाल सुलझाते हैं। हमने पूरे भारत में हैम रेडियो क्लब के आपरेटरों के वाट्सएप पर उनकी फोटो प्रसारित की। तीन महीने अपने साथ निगरानी में रखकर रहने-खाने का प्रबंध किया। पुलिस के साथ सूचनाओं को साझा किया। उनकी बोली के आधार पर कड़ी से कड़ी जोड़ते हुए हम उनके पिता तक पहुंचे। खुशी है कि हमारा प्रयास सफल हुआ।

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