Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

रहस्‍य बनी यह कहानी: पुलिस बता रही मर गया कुंभकरण, बहन का दावा- जिंदा है भाई

उत्‍तर प्रदेश के गोरखपुर जिले में एक पुराना मामला प्रकाश में आया है। यहां एक परिवार का दावा है कि उनके बेटे कुंभकरण को 19 साल पहले अगवा कर लिया गया था और अब उनकी बहन का कहना है कि वह जिंदा है। पुलिस ने सर्पदंश से उनकी मौत का दावा किया था लेकिन परिवार का आरोप है कि यह एक साजिश है। मामले की जांच चल रही है।

By Satish pandey Edited By: Vivek Shukla Updated: Wed, 18 Sep 2024 08:35 AM (IST)
Hero Image
भाई को जिंदा बता रही बहन सुमित्रा। जागरण

जागरण संवाददाता,गोरखपुर। ट्रक चलाने के लिए चंड़ीगढ़ गए पीपीगंज के कुंभकरण को परिवार के लोग 19 वर्ष से ढूंढ रहे हैं। दावा है कि ट्रांसपोर्टर ने अगवा कर बेच दिया है। कोर्ट के आदेश पर 17 वर्ष पहले इस मामले में महिला समेत तीन के विरुद्ध अपहरण का मुकदमा दर्ज हुआ, पुलिस ने सर्पदंश से कुंभकरण की मृत्यु होने का दावा करते हुए मुकदमे में एफआर लगा दिया।

परिवार का आरोप है कि कूटरचित दस्तावेज का इस्तेमाल कर आरोपितों को बचाया गया। मंगलवार को पुलिस कार्यालय पहुंची बहन का दावा है कि कुंभकरण जिंदा है। अगवा करने वाले आरोपितों ने साजिश के तहत उसे रिकार्ड में मार दिया। एसपी उत्तरी मामले की जांच करा रहे हैं।

बढ़नी गांव के रहने वाला कुंभकरण अपने चार-भाई बहनों में सबसे बड़ा था। मंगलवार को पुलिस कार्यालय पहुंची उसकी बहन सुमित्रा का कहना है कि आठ मई 2005 को गुलरिहा में रहने वाला मामा का लड़का ट्रक चलाने के लिए अपने दो साथियों के साथ उसे चंड़ीगढ़ ले गया था। उसके साथ गांव के एक व्यक्ति व उनकी बेटी भी गए थे।

इसे भी पढ़ें-गणेश प्रतिमा विसर्जन के दौरान युवक पर चाकू से हमला, मचा हड़कंप; तीन गिरफ्तार

चंड़ीगढ़ में रहने वाले अमरजीत सिंह नाम के ट्रांसपोर्टर के यहां रहकर कुंभकरण ट्रक चलाता था। 17 मई 2005 को उसके विरुद्ध पीपीगंज थाने में युवती के अपहरण का मुकदमा दर्ज करा दिया गया जो अपने घर पर थी। इस घटना के बाद परिवार के लोगों ने भाई की खोजबीन शुरू की, तलाश में चंड़ीगढ़ गए तो ट्रांसपोर्टर ने बताया कि सर्पदंश से कुंभकरण की मृत्यु हो गई थी।

चंड़ीगढ़ पीजीआइ की एक रिपोर्ट दिखायी जिस पर सर्पदंश से मृत्यु होने की बात लिखी गई थी। रिपोर्ट रिसीव करने वाले व्यक्ति ने पोस्टमार्टम कराने से मना दिया था, वह कौन है पुलिस के पास इसकी जानकारी नहीं है।

पिता ने कोर्ट के आदेश पर वर्ष 2007 में आरोपितों के विरुद्ध पीपीगंज थाने में अपहरण का मुकदमा दर्ज कराया लेकिन आरोपितों द्वारा दी गई झूठी रिपोर्ट के आधार पर विवेचक ने मुकदमे में एफआर लगा दिया। सुमित्रा का दावा है कि कुंभकरण को ट्रांसपोर्टर ने किसी दूसरे व्यक्ति को बेच दिया है। अपनी कारस्तानी दिखाने के लिए मौत होने की झूठी जानकारी दे दी। परिवार को न तो उसकी कोई तस्वीर दी गई और न ही प्रमाणित रिपोर्ट।

इसे भी पढ़ें- लखनऊ-आगरा सहित कई जिलों में भारी बारिश का अलर्ट, मौसम विभाग ने जारी की चेतावनी

आइजीआरएस पर की शिकायत

सुमित्रा ने इस मामले की शिकायत उच्चाधिकारियों से करने के साथ ही आइजीआरएस पर भी प्रार्थना पत्र दिया है,जिसकी जांच चल रही है। परिवार का दावा है कि अगर नए सिरे से मामले की जांच हो तो आरोपितों के साजिश का पर्दाफाश हाे सकता है।

एसपी उत्तरी जितेंद्र कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि पीपीगंज की रहने वाली युवती ने 19 वर्ष से भाई के लापता होने और साजिश के तहत उसे मृत घोषित करने की शिकायत की है।मामले की जांच कराई जा रही है।साक्ष्य के आधार पर कार्रवाई होगी।

आपके शहर की तथ्यपूर्ण खबरें अब आपके मोबाइल पर