MMMUT Gorakhpur में बीटेक के बाद PhD में सीधे मिलेगा प्रवेश, 75 प्रतिशत अंक पाने वाले विद्यार्थियों मिलेगा मौका
MMMUT Gorakhpur एमएमएमयूटी में बीटेक कर रहे विद्यार्थियों के लिए राहत भरी खबर है। अब यहां बीटेक के बाद एमटेक नहीं करना पड़ेगा। 75 प्रतिशत अंक पाने वाले बीटेक विद्यार्थियों को सीधे पीएचडी में प्रवेश मिल जाएगा। यह अवसर केवल विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों को ही नहीं दिया जाएगा। देश के सभी तकनीकी विश्वविद्यालय और संस्थान के विद्यार्थियों को मिलेगा।
जागरण संवाददाता, गोरखपुर। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुपालन के क्रम में शोध व नवाचार को बढ़ावा देने के लिए मदनमोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय अपने पीएचडी प्रवेश अध्यादेश में आमूल-चूल परिवर्तन करने जा रहा है। परिवर्तन के लिए तैयार की गई कार्ययोजना के मुताबिक बीटेक विद्यार्थियों को पीएचडी करने के लिए एमटेक करने की बाध्यता नहीं होगी। वह सीधे पीएचडी में प्रवेश ले सकेंगे।
प्रवेश परीक्षा पास करके विश्वविद्यालय के औपचारिक शोधार्थी के रूप में पंजीकृत कर अपनी शोध-अनुसंधान प्रक्रिया को आगे बढ़ा सकेंगे। पर यह अवसर उन्हीं बीटेक विद्यार्थियों को मिलेगा, जिन्होंने 75 प्रतिशत अंक के साथ बीटेक पूरा किया हो।
बीटेक करके सीधे पीएचडी का अवसर केवल विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों को ही नहीं दिया जाएगा। देश के सभी तकनीकी विश्वविद्यालय और संस्थान के विद्यार्थी विश्वविद्यालय से मिलने वाले इस अवसर का लाभ उठा सकेंगे। इसके लिए उन्हें विश्वविद्यालय की ओर से पीएचडी में प्रवेश के लिए आयोजित होने वाली प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण करनी होगी। बीटेक में 75 प्रतिशत अंक पाने की अर्हता उन पर भी लागू होगी।
यह भी पढ़ें, Dev Deepawali 2023: काशी की देव दीपावली के साक्षी बनेंगे गोरक्षनगरी के हवन कप, पीएम मोदी करेंगे प्रज्ज्वलित
इतना ही नहीं विश्वविद्यालय ने अधिक से अधिक मेधावी विद्यार्थियों को शोध-अनुसंधान से जोड़ने के लिए पीएचडी प्रवेश परीक्षा वर्ष में दो बार आयोजित करने का निर्णय लिया है। पाठ्यक्रम पूरा करने के बाद कुछ महीने में ही विद्यार्थी अपनी शोध प्रक्रिया को आगे बढ़ा सकेंगे।
पीएचडी अध्यादेश में बदलाव के लिए तैयार प्रस्ताव को विश्वविद्यालय प्रशासन 28 अक्टूबर को आयोजित होने वाली अकादमिक परिषद की बैठक में रखेगा। परिषद की स्वीकृति के बाद तीन नवंबर को होने वाली प्रबंध बोर्ड की बैठक में प्रस्ताव को अंतिम मुहर के लिए रखा जाएगा। परिषद और बोर्ड की स्वीकृति के बाद नया अध्यादेश जारी कर दिया जाएगा।
यह भी पढ़ें, डीडीयू में B.Com, B.Sc करने वाले विद्यार्थी भी कर सकेंगे MA, NEP अनुपालन में फिर लागू होगा पुराना नियम
शोध प्रवेश प्रक्रिया में विभागों की बढ़ेगी भागीदारी
योग्य शोधार्थियों का चयन करने के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन ने प्रवेश प्रक्रिया में विभागों की भागीदारी बढ़ाने की योजना बनाई है। अब अपने विभाग के शोधार्थियों का चयन वह खुद करेंगे। प्रवेश परीक्षा से लेकर साक्षात्कार तक की सारी प्रक्रिया संबंधित विभाग में पूरी की जाएगी। अभी यह कार्य अधिष्ठाता द्वारा संपन्न किया जाता है।
कुलपति बोले
परिसर में शोध और अनुसंधान की प्रक्रिया तेज करने और गुणवत्तापूर्ण शोध को बढ़ावा देने के लिए शोध अध्यादेश में व्यापक परिवर्तन का प्रस्ताव विश्वविद्यालय द्वारा गठित विशेषज्ञ समिति द्वारा तैयार किया गया है। बीटेक से पीएचडी में सीधे प्रवेश देना और वर्ष में दो बार पीएचडी प्रवेश परीक्षा कराना प्रस्ताव के प्रमुख बिंदु हैं। अकादमिक परिषद और प्रबंध बोर्ड से प्रस्ताव पारित होने के बाद अतिशीघ्र इस बदलाव को लागू कर दिया जाएगा। -प्रो. जेपी सैनी, कुलपति, एमएमयूटी