Gorakhpur News: घोटाले के आरोपों पर सख्त हुआ एमएमयूटी प्रशासन, बताया तथ्यहीन व निराधार
एमएमयूटी में भ्रष्टाचार के आरोपों पर प्रशासन सख्त हुआ है। कुलपति-कुलसचिव पर लगे आरोपों को तथ्यहीन और निराधार बताते हुए विश्वविद्यालय ने 13 बिंदुओं पर सफाई दी है। फार्मेसी भवन निर्माण विश्वेश्वरैया छात्रावास मरम्मत शैक्षणिक माहौल खराब होने समेत सभी आरोपों को खारिज किया गया है। कुलपति प्रो. जेपी सैनी ने कहा कि शिकायतकर्ता की प्रामाणिकता की पुष्टि नहीं हुई है और न ही आरोपों का कोई आधार है।
जागरण संवाददाता, गोरखपुर। मदनमोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति व कुलसचिव पर भ्रष्टाचार के आरोप का मामला गरमाता जा रहा है। विश्वविद्यालय प्रशासन आरोप के विरोध में सख्ती के साथ आगे आया है। 13 बिंद़ुओं पर भ्रष्टाचार के आरोप को पूरी तथ्यहीन, निराधार और मनगढ़त बताया है।
यह भी बताया है कि एक बिंदु को छोड़कर सभी 12 बिंदु वर्तमान कुलपति के कार्यकाल के नहीं है, ऐसे में उनके लिए कुलपति को आरोपित करना पूरी तरह से उनकी और विश्वविद्यालय की छवि धूमिल करने का निंदनीय प्रयास है।
फार्मेसी भवन के निर्माण में भ्रष्टाचार के आरोप को खारिज करते हुए विश्वविद्यालय प्रशासन ने बताया है कि इसके लिए नए सिरे एस्टीमेट बनवाने और टेंडर कराने की जरूरत इसलिए पड़ी क्याेंकि पहले बनाया गया भवन का प्रस्ताव फार्मेसी काउंसिल आफ इंडिया के मानक के अनुरूप नहीं था।
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पहले भवन का क्षेत्रफल 2660 वर्गमीटर था, जो अब 6281.51 मीटर हो गया है। प्रस्ताव व एस्टीमेट में बदलाव के लिए विश्वविद्यालय ने संविधिक निकायों से अनुमोदन प्राप्त करने प्रक्रिया पूरी शुचिता के साथ पूरी की गई है।
विश्वेश्वरैया छात्रावास के मरम्मत कार्य में भ्रष्टाचार के आरोप को खारिज करते हुए विश्वविद्यालय ने बताया है कि इस कार्य के लिए आवंटी ठीकेदार के रुचि न लेने के चलते दूसरी न्यूनतम दर वाली फर्म को कार्य आवंटन का निर्णय लिया गया।
इस प्रक्रिया में किसी तरह का कोई भुगतान नहीं हुआ, इसलिए वित्तीय अनियमितता का प्रश्न ही नहीं उठता। परिसर के शैक्षणिक माहौल के खराब होने के आरोप को विश्वविद्यालय ने हास्यास्पद बताया है। इस आरोप के विरोध में विश्वविद्यालय के नैक से ए ग्रेड और एनआइआरएफ की शानदार रैंकिंग का हवाला दिया है।
इसी तरह विश्वविद्यालय ने केमिकल व शुगर टेक्नालाजी के भवन निर्माण के समायोजन, कंप्यूटर खरीद में धांधली, फर्जी प्रवेश, छात्रवृत्ति, फीस में अनियमितता, पेड़ नीलामी, आवासों के मरम्मत, मैकेनिकल, इलेक्ट्रानिक्स व आरटीआरसी भवन के निर्माण और अनियमित कार्यों के भुगतान को लेकर लगाए गए आरोप को भी तथ्यों के साथ खारिज किया है और इसे विश्वविद्यालय की छवि खराब करने की साजिश बताया है। विश्वविद्यालय ने इस बात को भी गलत बताया है कि शिकायतकर्ता के आरोपों की जांच के लिए कोई जांच कमेटी गठित हुई है।
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एमएमयूटी कुलपति प्रो. जेपी सैनी ने कहा कि न तो शिकायतकर्ता की प्रामाणिकता की पुष्टि अभी तक हो सकी है और न ही उसके आरोपों का कोई आधार है। यह पूरी तरह विश्वविद्यालय छवि खराब करने की साजिश है।