बाढ़ में फंसे लोगों को एयरफोर्स की टीम ने किया एयरलिफ्ट, तस्वीरों में देखें हेलीकॉप्टर से पहुंचाई गई राहत सामग्री
Gorakhpur mock drill गोरखपुर जिले में भारी वर्षा के कारण बाढ़ की सूचना से प्रशासन सक्रिय हुआ। इसके बाद बाढ़ राहत दलों ने तत्काल सक्रियता दिखाकर लोगों को बचाया। साथ ही बाढ़ में फंसे लोगों तक हेलीकाप्टर के द्वारा राहत सामग्री पहुंचाई गई।
By Pragati ChandEdited By: Updated: Thu, 07 Jul 2022 07:41 PM (IST)
गोरखपुर, जागरण संवाददाता। 'रामगढ़ताल का जलस्तर बढ़ने के कारण कुछ लोग बाढ़ में फंसे हैं, जिन्हें राष्ट्रीय आपदा मोचक बल (एनडीआरएफ) द्वारा निकाला गया है लेकिन तत्काल चिकित्सा की जरूरत है।' यह सूचना अपर नगर मजिस्ट्रेट द्वितीय के जरिए एयरफोर्स स्टेशन को दी गई। एयरफोर्स की टीम सक्रिय हुई और ताल के ऊपर हेलीकाप्टर लेकर पहुंची। हेलीकाप्टर को कुछ देर तक हवा में रोककर एयरलिफ्ट किया गया। एयरफोर्स की टीम ने लोगों को बचाने के लिए दो चक्कर लगाया। बाढ़ से प्रभावित कुछ लोग चंपा देवी पार्क में फंसे थे, उनतक राहत सामग्री पहुंचाने के लिए भी एयरफोर्स का सहारा लिया गया। हेलीकाप्टर से तीन-तीन किलो के राहत सामग्री पैकेट गिराए गए।
यह दृश्य देखकर रामगढ़ताल क्षेत्र के लोग सकते में आ गए लेकिन जब उन्हें पता चला कि राष्ट्रीय आपदा प्रबंध प्राधिकरण (एनडीएमए) के निर्देश पर प्रशासन द्वारा बाढ़ बचाव कार्यों के लिए माक ड्रिल किया जा रहा है तो उन्होंने राहत की सांस ली। आपरेशन अभिजय के नाम से चलाए गए इस माक ड्रिल को पहली बार रामगढ़ताल क्षेत्र में आयोजित किया गया।
सूचना प्रसारित होते ही सक्रिय हुईं टीमें: सुबह 9.30 बजे तहसील सदर के इमरजेंसी आपरेशन सेंटर (ईओसी) को अचानक सूचना मिली कि भारी वर्षा के कारण रामगढ़ताल के जलस्तर में वृद्धि हो रही है। आसपास के क्षेत्रों में कुछ देर में बाढ़ की आशंका व्यक्त की गई। ईओसी ने सक्रियता दिखाते हुए सभी अधिकारियों व संबंधित विभागों को सूचना दी गई। सभी विभाग सक्रिय हो गए। थोड़ी ही देर बाद सदर तहसील से यह सूचना मिली कि रामगढ़ताल में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई है तत्काल राहत एवं बचाव कार्य की जरूरत है। सूचना मिलते ही जिलाधिकारी कृष्णा करुणेश ने अधिसूचना के आधार पर इंसीडेंट रिस्पांच सिस्टम (आइआरएस) लागू कर दिया। बचाव कार्य के लिए अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व व प्रभारी आपदा राजेश कुमार सिंह को इंसिडेंट कमांडर नियुक्त किया गया।
कमांडर के निर्देश पर ईओसी ने चिकित्सा, पशुपालन, पुलिस, एनडीआरफ, पीएसी बाढ़ दल, नागरिक सुरक्षा, अग्निशमन, सिंचाई, होमगार्ड्स तथा अन्य संबंधित विभागों को सूचना दी। नौकायन पर स्टेजिंग एरिया बनाया गया। राजस्व एवं पुलिस विभाग ने वहां कमांड पोस्ट स्थापित किया और बाढ़ बचाव कार्य शुरू हो गया। पुलिस विभाग ने ग्रीन कारिडोर बनाकर एनडरीआरएफ को तत्काल घटनास्थल पर पहुंचने का रास्ता दिया। स्टेजिंग एरिया पर एकत्रित बाढ़ बचाव एजेंसियों को आपरेशन सेक्शन चीफ के रूप में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक गौरव ग्राेवर ने बताया कि रामगढ़ताल क्षेत्र में फंसे कुछ लोगों को सुरक्षित बाहर निकालना है। उनके निर्देश पर एनडीआरएफ व पीएसी की टीमें रवाना हो गईं। दोनों टीमों ने अलग-अलग लोकेशन से 35 लोगों को बचाया। घायलों को नागरिक सुरक्षा एवं आपदा मित्रों व आपदा सखियों के सहयोग से मेडिकल टीम तक पहुंचाकर प्राथमिक उपचार उपलब्ध कराया गया। इसी बीच सूचना मिली कि एक व्यक्ति बाढ़ के पानी में डूब रहा है। उसकी आवाज सुनकर एनडीआरएफ की टीम ने उसे बाहर निकाला। उस व्यक्ति को प्राथमिक उपचार के बाद एंबुलेंस से जिला चिकित्सालय रेफर किया गया।
पुलिस ने एंबुलेंस को ग्रीन कारिडोर उपलब्ध कराया। इसके बाद ईओसी द्वारा चंपा देवी पार्क में कुछ लोगों के फंसे होने की बात बताई गई। अपर नगर मजिस्ट्रेट द्वितीय ने एयरफोर्स स्टेशन से मदद मांगी और हेलीकाप्टर के जरिए राहत सामग्री गिराई गई। मानक के अनुसार राहत सामग्री तीन किलो की रखी गई थी। बाढ़ पीड़ित के रूप में पार्क में मौजूद सिविल डिफेंस के लोगों ने राहत सामग्री प्राप्त की। इस राहत पैकेट में एक लीटर पानी की बोतल, 250 ग्राम गुड़, आधा किलो चना (भुना हुआ), आधा किलो लाई, छह मोमबत्ती, एक माचिस पैकेट एवं पांच पैकेट बिस्किट रखा गया था। माक ड्रिल का संचालन जिला आपदा विशेषज्ञ गौतम गुप्ता ने किया। पूरी प्रक्रिया के दौरान मोबाइल की जगह वाकी-टाकी का प्रयोग किया गया। इस दौरान अपर पुलिस महानिदेशक अखिल कुमार, मंडलायुक्त रवि कुमार एनजी, डीआइजी रविन्दर गौड, जिलाधिकारी कृष्णा करुणेश, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक गौरव ग्राेवर, सभी अपर जिलाधिकारी, सभी अपर पुलिस अधीक्षक आदि मौजूद रहे।
बाढ़ राहत शिविर का किया निरीक्षण: बाढ़ में फंसे लोगों को निकालकर महंत दिग्विजयनाथ पार्क में बने राहत शिविर में रखा गया था। जिलाधिकारी ने शिविर में सुविधाओं का निरीक्षण किया। शिविर में पीड़ितों को सभी सुविधाएं उपलब्ध कराई गई थीं। वहां विभिन्न विभागों की ओर से स्टाप भी लगाए गए थे। जिलाधिकारी ने सभी स्टालों का निरीक्षण किया।
माक ड्रिल का हुआ सजीव प्रसारण: माक ड्रिल का सजीव प्रसारण सुनो गोरखपुर के यूट्यूब चैनल के माध्यम से किया गया। उत्तर प्रदेश राज्य आपदा प्रबंध प्राधिकरण, लखनऊ के सभागार में राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की उपस्थिति में जिले स्तर पर चल रहे मेगा माक ड्रिल की आनलाइन निगरानी की गई। पीएसी की टीम ने बाढ़ में फंसे लोगों को बचाकर निकालने के दौरान किसी को लाइफ जैकेट नहीं पहनाई थी। एनडीएमए की टीम ने इसपर आपत्ति दर्ज कराते हुए सुधार का निर्देश दिया।
सभी फोटो- संगम दुबे।
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