Gorakhpur: 2007 में हुए दंगों के मुख्य आरोपित को आजावीन कारावास, 2012 में हुई थी पिता को सजा
Gorakhpur News साल 2007 में गोरखपुर में हुए दंगे के मुख्य आरोपित मोहम्मद शमीम को अपर सत्र न्यायाधीश ने आजीवन कारावास और 13500 रुपये के अर्थदंड से दंडित किया है। जमानत मिलने के बाद फरार हुए शमीम को कोतवाली थाना पुलिस ने एक माह पहले जाफरा बाजार से गिरफ्तार किया था जहां वह किराए के मकान में पहचान छिपाकर रहता था।
By Jagran NewsEdited By: Nitesh SrivastavaUpdated: Wed, 18 Oct 2023 11:41 AM (IST)
जागरण संवाददाता, गोरखपुर। साल 2007 में गोरखपुर में हुए दंगे के मुख्य आरोपित मोहम्मद शमीम को अपर सत्र न्यायाधीश ने आजीवन कारावास और 13,500 रुपये के अर्थदंड से दंडित किया है। जमानत मिलने के बाद फरार हुए शमीम को कोतवाली थाना पुलिस ने एक माह पहले जाफरा बाजार से गिरफ्तार किया था, जहां वह किराए के मकान में पहचान छिपाकर रहता था।
फरारी के दौरान लंबे समय तक वह चेन्नई में रहा। 27 जनवरी 2007 को कोतवाली थाना क्षेत्र के दीवान बाजार के रहने वाले राजेंद्र प्रसाद अग्रहरि के बेटे राजकुमार की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। घटना मोहर्रम के जुलूस के दौरान हुई थी। इसके बाद गोरखपुर में दंगा भड़क गया था।
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राजकुमार अग्रहरि के पिता राजेंद्र ने मोहम्मद शमीम और उसके साथियों के विरुद्ध बलवा व हत्या करने का मुकदमा दर्ज कराया था। कोतवाली थाना पुलिस ने शमीम को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। 16 अगस्त 2007 को न्यायालय से शमीम को जमानत मिल गई थी, इसके बाद से ही वह फरार हो गया।
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कोर्ट के गैर जमानती वारंट जारी करने के बावजूद वह तारीख पर हाजिर नहीं हो रहा था। कोतवाली पुलिस ने 16 वर्षों से फरार चल रहे शमीम को 12 सितंबर की सुबह निजामपुर में किराए के घर से गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया, जहां से जेल भेज दिया गया। अपर सत्र न्यायाधीश कोर्ट नंबर-छह ने हत्या के मामले में दोषी मानते हुए शमीम को आजीवन कारावास व अर्थदंड की सजा सुनाई।
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