संघ प्रमुख के जेपी नड्डा पर दिए गए बयान को RSS ने बताया निराधार
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष नड्डा ने मीडिया को दिए साक्षात्कार के दौरान बयान दिया था कि पार्टी तेजी से आगे बढ़ रही है। अब वह उस स्थिति में पहुंच गई है कि उसे संघ की जरूरत नहीं है। अब भाजपा अपने दम पर हर कार्य करने में सक्षम है। संघ को एक वैचारिक मोर्चा बताते हुए भाजपा में हस्तक्षेप को लेकर उसकी प्रासंगिकता पर परोक्ष रूप से सवाल उठाया था।
जागरण संवाददाता, गोरखपुर। सरसंघचालक मोहन भागवत ने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के संघ से जुड़े बयान को उनका व्यक्तिगत विचार बताया। उन्होंने कहा, हमारे देश में हर नागरिक को अपने विचार खुलकर रखने की स्वतंत्रता है। उनके बयान से संगठन का कोई सरोकार नहीं है। ऐसे में उनके बयान को पार्टी व संगठन की नीतियों से जोड़कर देखने की आवश्यकता नहीं है। हालांकि, संघ की ओर से इस खबर को निराधार बताया गया है।
आरएसएस के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने सोशल मीडिया पर इस खबर का खंडन करते हुए लिखा, ''यह समाचार पूर्णतः निराधार है। पूजनीय सरसंघचालक जी ने गोरखपुर में कोई सार्वजनिक वक्तव्य नहीं दिया है। वे वर्तमान में संघ के अंतर्गत प्रशिक्षण कार्यक्रम हेतु देशव्यापी प्रवास पर हैं।'' बता दें, संघ प्रमुख ने रविवार को एसवीएम पब्लिक स्कूल में चल रहे संघ के पूर्वी क्षेत्र के कार्यकर्ता विकास वर्ग में प्रशिक्षुओं से संवाद के दौरान एक स्वयंसेवक के नड्डा के बयान से जुड़े सवाल पर ये बातें कहीं। बीते दिनों भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने मीडिया को दिए साक्षात्कार के दौरान बयान दिया था कि पार्टी तेजी से आगे बढ़ रही है। अब वह उस स्थिति में पहुंच गई है कि उसे संघ की जरूरत नहीं है। अब भाजपा अपने दम पर हर कार्य करने में सक्षम है।
उन्होंने संघ को एक वैचारिक मोर्चा बताते हुए भाजपा में हस्तक्षेप को लेकर उसकी प्रासंगिकता पर परोक्ष रूप से सवाल उठाया था। कहा था कि वह वैचारिक रूप से कार्य करते हैं और हम राजनीतिक संगठन के रूप में। इसे लेकर जब कार्यकर्ता विकास वर्ग में एक प्रशिक्षु ने प्रश्न किया तो मोहन भागवत ने उसकी जिज्ञासा को शांत कर दिया। कहा कि इस पर ध्यान देने की जरूरत नहीं है। केवल संगठन के उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए कार्य करते रहने की जरूरत है।
मतांतरण पर रहें संवेदनशील, लव जिहाद पर रखें नजर
संवाद के क्रम में ही सरसंघचालक मोहन भागवत ने स्वयंसेवकों से कहा कि वह हिंदू धर्म से किसी अन्य धर्म में मतांतरण को लेकर बेहद संवेदनशील रहें। यदि कहीं भी मतांतरण की जानकारी मिले तो बिना किसी उन्माद के उसे रोकने का प्रयास करें। मतांतरण की राह चुनने वालों से इसका कारण जानें और सामने आए कारणों को दूर करने का प्रयास करें, जिससे इस तरह की गतिविधियों पर स्थायी रूप से रोक लगाई जा सके।
मतांतरण को लेकर एक प्रश्न पर उन्होंने न केवल हिंदू धर्म से दूसरे धर्म में परिवर्तन रोकने को लेकर स्वयंसेवकों को सचेत किया, बल्कि हिंदू धर्म में शामिल होने के इच्छुक लोगों की राह आसान करने की सलाह भी दी। कहा कि ऐसे सभी लोगों को शाखाओं में आमंत्रित करें और संघ की कार्यप्रणाली से अवगत कराएं, जिससे संगठन के प्रति उनका आकर्षण बढ़े और वह संघ के माध्यम से राष्ट्र निर्माण में अपनी भूमिका सुनिश्चित कर सकें।
भागवत ने लव जिहाद को लेकर एक प्रशिक्षु स्वयंसेवक की जिज्ञासा शांत करते हुए कहा कि यह हिंदू धर्म के संस्कार और संस्कृति नष्ट करने की साजिश है। इसे कामयाब नहीं होने देना है। लव जिहाद की घटनाओं पर पैनी नजर रखनी है। इसे रोकने के लिए निरंतर सजग रहना होगा। घटना की जानकारी मिलते ही संगठित रूप से इसे रोकें।इंटरनेट मीडिया की सूचनाओं पर बिना परखे न करें विश्वास
स्वयंसेवकों से बातचीत के दौरान इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित होने वालीं खबरों की विश्वसनीयता की चर्चा भी छिड़ी। इस पर मोहन भागवत ने कहा कि इंटरनेट मीडिया से मिलने वालीं सूचनाओं को नजरअंदाज न करें, लेकिन सत्य की कसौटी पर परखने के बाद ही उस पर विश्वास करें। सूचनाओं की सत्यता को लेकर सतर्क रहना जरूरी है। हर सूचना किसी न किसी फायदे या नुकसान से जुड़ी होती है। ऐसे में सभी को गंभीरता से लेना होगा।
डिस्क्लेमर: पूर्व में प्रकाशित खबर में सरसंघचालक टिप्पणी का उल्लेख था, जिसमें उन्होंने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के संघ से जुड़े बयान को उनका व्यक्तिगत विचार बताया था। आरएसएस के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर द्वारा किए गए खंडन के बाद उपरोक्त समाचार में बदलाव किए गए हैं। हमारी टीम प्राप्त तथ्यों की पुन: जांच कर रही है। जागरण डॉट कॉम खबरों की सत्यता को लेकर सदैव सजग रहा है। हम अपने पाठकों तक तथ्यात्मक और पुष्ट जानकारी पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इस असुविधा के लिए सुधी पाठकों के प्रति खेद प्रकट करते हैं।
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