गोरखपुर में ड्रोन कैमरे से होगी रेलवे स्टेशन की निगरानी, सुरक्षा का दायरा बढ़ा
गोरखपुर रेलवे स्टेशन की सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम हो गया है। यहां पर ड्रोन कैमरे से निगरानी शुरू हो गई है। इससे हर गतिविधि पर नजर रहेगा।
गोरखपुर, जेएनएन। रेलवे स्टेशन परिसर में अब प¨रदा भी पर नहीं मार पाएगा। परिसर, यार्ड और आसपास क्षेत्रों की निगरानी अब ड्रोन कैमरे से होगी। पूर्वोत्तर रेलवे मुख्यालय स्टेशन गोरखपुर जंक्शन की सुरक्षा व्यवस्था को और पुख्ता करने के लिए आरपीएफ ने ड्रोन कैमरे की व्यवस्था सुनिश्चित कर दी है। प्रमुख मुख्य सुरक्षा आयुक्त राजा राम की मौजूदगी में ड्रोन कैमरे का सफल परीक्षण किया गया।
मालूम हो कि गोरखपुर को विश्व का सबसे लंबा प्लेटफार्म का दर्जा मिला है। ऐसे में सुरक्षा व्यवस्था को ठीक करने के लिए तमाम उपाय किए जा रहे हैं। इसी के तहत ड्रोन कैमरे का इस्तेमाल किया गया है। ड्रोन कैमरे का परीक्षण 100 से 200 मीटर की ऊंचाई पर 200 मीटर के रेडियस में किया गया। इस कैमरे से तरंग क्रॉसिंग, धर्मशाला पुल, न्यू वाशिंग पिट, बौलिया कॉलोनी, वर्कशाप, स्टोर डिपो, पूर्वी वाशिंग पिट, मोहद्दीपुर, महाप्रबंधक कार्यालय, सैयद मोदी रेलवे स्टेडियम, स्टेडियम कॉलोनी परिधि में निगरानी की जा सकती है। ड्रोन कैमरे क्षेत्र के प्रत्येक आवागमन की गतिविधियों पर नजर रख सकेंगे। कैमरे का नाम क्यू टू सी है, जिसमें डे-नाइट कैमरे व नाइट थर्मल कैमरे लगे हुए हैं। यह पूरी तरह जीपीएस पर आधारित है। किसी भी आपात स्थिति में एक कैमरे के खराब होने पर दूसरा अपने आप कार्य करने लगेगा। इसे मुंबई की एक कंपनी ने तैयार किया है। रेलवे स्टेशन परिसर और यार्ड में अपराध की निगरानी, वीआइपी मूवमेंट के दौरान सभा तथा रेल परिसर में होने वाले कार्यक्रमों की सुरक्षा व्यवस्था में इसका उपयोग किया जाएगा। स्टेशन पर पहले से ही एकीकृत सुरक्षा प्रणाली लागू है। ड्रोन कैमरे के परीक्षण के दौरान मुख्यालय और मंडल के समस्त आरपीएफ अधिकारी मौजूद थे।