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मुंबई से बड़ी होगी UP की फिल्म सिटी, गोरखपुर में फिल्म फेस्टिवल के शुभारंभ पर बोले सांसद रवि किशन

गोरखपुर में दैनिक जागरण के फिल्म फेस्टिवल के शुभारंभ पर सांसद रवि किशन ने फिल्म उद्योग को लेकर संभावना पर अपने विचार रखे। इस दौरान उन्होंने कहा कि पूर्वांचल में फिल्म उद्योग को लेकर काफी स्कोप है। यहां बन रही भोजपुरी फिल्में करोड़ों का व्यापार कर रही हैं। स्थानीय स्तर रोजगार मिलने से यहां के कलाकारों का पलायन भी रुका है।

By Jagran NewsEdited By: Pragati ChandUpdated: Sat, 26 Aug 2023 07:55 AM (IST)
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फिल्म फेस्टिवल के दौरान बातचीत करते सांसद रवि किशन। -जागरण
गोरखपुर, जागरण संवाददाता। प्रदेश में फिल्म निर्माण का माहौल बनने लगा है। कलाकार उत्साहित हैं। दक्षिण भारत तक से लोग शूटिंग के लिए यहां पहुंच रहे हैं। प्रदेश सरकार का भी इसमें पूरा सहयोग मिल रहा है। नोएडा के जेवर में फिल्म सिटी के निर्माण के लिए एक हजार एकड़ जमीन ली जा चुकी है। चूंकि मुंबई की फिल्म सिटी मात्र 500 एकड़ में है, ऐसे में प्रदेश में वहां से बड़ी फिल्म सिटी कलाकारों को अपनी प्रतिभा के प्रदर्शन के लिए मिलने जा रही है। शुक्रवार को शहर के एडी सिनेप्लेक्स में दैनिक जागरण की ओर से आयोजित जागरण फिल्म फेस्टिवल के पहले दिन उद्घाटन सत्र में सांसद रवि किशन ने जब प्रदेश में फिल्म उद्योग को लेकर संभावना पर अपने विचार रखे तो मौजूद लोग इसे लेकर गौरवान्वित हो उठे कि वह इसी प्रदेश के नागरिक हैं।

तीन दिवसीय फिल्म फेस्टिवल के पहले दिन बातचीत में सांसद ने पूर्वी उत्तर प्रदेश में क्षेत्रीय फिल्म सिटी की स्थापना को लेकर भी खुलकर बात की। कहा कि पूर्वांचल में फिल्म उद्योग को लेकर काफी स्कोप है। यहां बन रही भोजपुरी फिल्में करोड़ों का व्यापार कर रही हैं। स्थानीय स्तर रोजगार मिलने से यहां के कलाकारों का पलायन भी रुका है।

उद्घाटन सत्र के दौरान बातचीत में दक्षिण भारत के मशहूर फिल्म निर्देशक राजेश मोहनन ने कहा कि रवि किशन के अनुरोध पर वह ''महादेव का गोरखपुर'' की शूटिंग के लिए अपनी टीम के साथ आशंका के बीच गोरखपुर आए पर वह निर्मूल साबित हुई। यहां फिल्मों के शानदार शूटिंग स्पाट तो हैं ही कलाकारों की भी कमी नहीं है। बातचीत के क्रम में उन्होंने पूर्वांचल के कलाकारों को अपनी अगली फिल्म में भी अवसर देने की बात कही। मोहनन ने जब रामगढ़ताल, कुस्मही जंगल और गोरखपुर व आसपास की नदियों का जिक्र शूटिंग स्पाट के रूप में किया तो दर्शक उत्साहित हो उठे। बातचीत का माध्यम वरिष्ठ संवाददाता डा. राकेश राय रहे।

पहले दिन के आयोजन का शुरुआत सांसद रवि किशन, उनकी पत्नी प्रीति शुक्ला, फिल्म निर्देशक राजेश मोहन, एसपी नार्थ मनोज अवस्थी, दैनिक जागरण के संपादकीय प्रभारी मदन मोहन सिंह, सहायक महाप्रबंधक प्रवीण कुमार द्वारा मां सरस्वती, जागरण के संस्थापक पूर्णचंद गुप्त, नरेंद्र मोहन व योगेंद्र मोहन के चित्र पर माल्यार्पण और दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुआ। संचालन रेडियो सिटी की आरजे प्रीति व प्रकृति त्रिपाठी ने किया। इस अवसर पर कमिश्नर अनिल ढींगरा, जिलाधिकारी कृष्णा करुणेश, एसएसपी डा. गौरव ग्रोवर, जीडीए उपाध्यक्ष महेंद्र सिंह तोमर, सचिव उदय प्रताप सिंह, एएसपी मानुष पारिक व आदित्य आदि की मौजूदगी महत्वपूर्ण रही।

दर्शकों में फिर बढ़ा सिनेमा हाल का क्रेज

बातचीत के क्रम में सांसद रवि किशन फिल्म इंडस्ट्रीय की संभावनाओं को लेकर खासे अश्वस्त दिखे। उन्होंने कहा कि कुछ साल पहले तक करोड़ों रुपये का भोजपुरी फिल्मों का कारोबार होता था। वेब सीरीज ने नुकसान पहुंचाया। एक बार तो सभी फिल्म वालों को भी लगने लगा कि फिल्मों का दौर खत्म हो चला है लेकिन ''पठान'' ने दर्शकों का ध्यान का खींचा और दर्शक सिनेमा घरों की ओर लौटने लगे। ''गदर-2'' की सफलता ने तो इसे लेकर उपजने वाली आशंका को पूरी तरह शांत कर दिया। सांसद ने बताया कि गोरखपुर में बन रही फिल्म ''महादेव का गोरखपुर'' में इसी तरह की कहानी पर जोर दिया गया है। इसका तमिल, तेलुगु, मंदारिन (चीन की भाषा), नेपाली समेत कई भाषाओं में इसका रूपांतरण किया जाएगा।

शांत हुई दर्शकों की जिज्ञासा

जागरण फिल्म फेस्टिवल में सांसद रवि किशन और फिल्म निर्देशक राजेश मोहनन से दर्शकों ने सवाल भी पूछे। दोनों कलाकारों ने उनकी जिज्ञासा को संतुष्टिपरक जवाब देकर शांत किया। एक सवाल के जवाब में रवि किशन ने कहा कि फिल्म में काम की उम्मीद लेकर जो कलाकार मुंबई जा रहे हैं, उनके लिए धैर्य बहुत जरूरी है। क्योंकि वहां संघर्ष बहुत करना पड़ता है। फिल्म निर्देशन में महिलाओं की संभावना से जुड़े एक अन्य सवाल के जवाब में राजेश मोहनन ने कहा कि महिलाओं के लिए फिल्म इंडस्ट्री में दरवाजे खुले हैं। मेरे निर्देशन टीम में बहुत सी महिलाएं शामिल हैं। बेटी भी डायरेक्टर बनने की राह पर है।

जागरण परिवार की ओर से आयोजित फिल्म फेस्टिवल निश्चित रूप से एक शानदार आयोजन है। इसमें दिखाई जाने वाली फिल्में प्रेरणादायी हैं।- अनिल ढींगरा, मंडलायुक्त

फिल्में बनाते समय वेब सीरीज पर आ रहे कंटेंट को ध्यान में रखना चाहिए। ताकि फिल्म इंडस्ट्री मजबूत हो सके। पुरानी फिल्मों से भी सीख लेने की जरूरत है। -डा. गौरव ग्रोवर, एसएसपी

किताब या अन्य साधनों जो हम साल भर में सीखते हैं, वह मात्र तीन घंटे फिल्म देखने से हासिल हो सकता है। सामाजिक विषयों को इसमें शामिल करना चाहिए। -कृष्णा करुणेश, डीएम

फिल्म इंडस्ट्री का दायरा बढ़ना चाहिए। भोजपुरी के अलावा हिंदी फिल्मों के विस्तार पर भी ध्यान देने की जरूरत है। तभी फिल्म इंडस्ट्री पूरी तरह विकसित हो सकती है। -महेंद्र सिंह तंवर, उपाध्यक्ष, जीडीए

सपने पूरा करने की सीख दे गई ''कच्चे लिंबू''

जागरण फिल्म फेस्टिवल के तहत शुक्रवार को प्रदर्शित पहली फिल्म ''कच्चे लिंबू'' युवाओं के लिए प्रेरणादायी रही। इससे उन्हें सपने पूरा करने सीख मिली। यह फिल्म मुंबई की एक सोसाइटी से जुड़े ऐसे किरदारों की कहानी रही, जो कच्चे नींबू की तरह हैं और अपने सपने पूरा करना चाहते हैं। क्रिकेट इसमें उनका मददगार साबित होता है। फिल्म ने कच्चे निंबुओं को सपने पूरे होने तक दर्शकों को बांधे रखा।

पता चला, कांड नहीं प्रतिकार थी चौरी चौरा की घटना

फिल्म फेस्टिवल में प्रदर्शित फिल्म ''1922 : चौरी चौरा एक प्रतिकार'' ने दर्शकों में खूब रोमांच भरा। साथ ही स्वतंत्रता संग्राम की दिशा बदल देने वाली घटना के प्रारूप को लेकर संशय भी दूर किया। लोगों ने यह जाना कि वह घटना कांड नहीं बल्कि अंग्रेजी सरकार के खिलाफ प्रतिकार थी। सांसद रवि किशन के किरदार की दर्शकों ने जमकर सराहना की। इसके बाद द सी एंड सेवन विलेज डाक्यूमेंट्री दिखाई गई।

फेस्टिवल में आज की फिल्में

  • सुबह 11 बजे से : डा. कबीर खान की फिल्म ''83''
  • दोपहर दो बजे : अभिनेता अतुल बाली की मास्टर क्लास
  • दोपहर 3:30 बजे : डा. दिग्पाल लांजेकर की फिल्म ''पवनखिंड''
  • शाम 6:20 बजे : महेश भट्ट की फिल्म ''सारांश''
  • शाम 9:00 बजे : स्पेनिश फिल्म ''आइ हैव इलेक्ट्रिक ड्रीम''
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