National Sports Day: हाकी, कुश्ती के बाद अन्य खेलों में भी चमक रहे गोरक्षनगरी के खिलाड़ी, ऐसे बना रहे पहचान
गोरखपुर के खिलाड़ी हाकी कुश्ती के बाद अन्य खेलों में भी देश- दुनिया में अपनी छाप छोड़ रहे हैं। हाकी और कुश्ती का इतिहास गौरवशाली रहा है। हाकी का नाम आते ही इस्लामिया इंटर कालेज का नाम सबसे पहले सामने आता है। अनवार अहमद एसएम अली सईद जैसे कई स्टार खिलाड़ी यहीं से निकलकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश का झंडा बुलंद किया।
By Jagran NewsEdited By: Pragati ChandUpdated: Tue, 29 Aug 2023 04:32 PM (IST)
गोरखपुर, प्रभात कुमार पाठक। कभी हाकी और कुश्ती के गढ़ के रूप में दुनिया भर में मशहूर गोरखपुर अब अन्य खेलों में भी देश-दुनिया में अपनी छाप छोड़ रहा है। डेफ ओलिंपिक में बैडमिंटन की टीम स्पर्धा की स्वर्ण पदक विजेता आदित्या यादव हों या बाक्सिंग, वालीबाल, हैंडबाल, क्रिकेट, शतरंज और फुटबाल जैसे खेलों में भी यहां के युवा सभी अपनी पहचान बना रहे हैं। यद्यपि, अन्य खेलों में दुनिया भर में यहां के खिलाड़ियों को खुद को साबित करना बाकी है।
हाकी का नाम आते ही इस्लामिया इंटर कालेज का नाम सबसे पहले सामने आता है। अनवार अहमद, एसएम अली सईद जैसे कई स्टार खिलाड़ी यहीं से निकलकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश का झंडा बुलंद किया। आर्य कन्या इंटर कालेज ने प्रेम माया जैसी खिलाड़ी देश को दिया। रेलवे बालक इंटर कालेज, भगवती गर्ल्स इंटर कालेज में भी हाकी का आयोजन पहले बड़े स्तर पर होता था। एस्ट्रोटर्फ का जमाना आया तो इन मैदानों पर हाकी सिर्फ औपचारिकता बनकर रह गई। गोरखपुर में सिर्फ स्पोर्ट्स कालेज में ही एस्ट्रोटर्फ मैदान है, वह भी सिर्फ वहां के विद्यार्थियों के लिए। इससे खिलाड़ी एस्ट्रोटर्फ पर विपक्षी खिलाड़ियों के सामने नहीं टिक पाते।
एक और एस्ट्रोटर्फ मिले तो बने बात
गोरखपुर में एकमात्र एस्ट्रोटर्फ मैदान वीर बहादुर सिंह स्पोर्ट्स कालेज में है। उद्देश्य यह था कि यहां के खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के लिए तैयार हो सकेंगे, बड़ी प्रतियोगिताएं भी होंगी। लेकिन ऐसा न होने से खिलाड़ी को बेहतर प्रशिक्षण नहीं मिल पा रहा है।शतरंज की बिसात पर भी चालें चल रहे खिलाड़ी
शतरंज भी गोरखपुर में लोकप्रिय खेलों में शुमार हो गया है। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि गोरखपुर शहर के करीब आधा दर्जन खिलाड़ी शतरंज की अंतरराष्ट्रीय संस्था फिडे द्वारा रेटेड हैं तो अन्य खिलाड़ी भी बालक-बालिका वर्ग में शानदार प्रदर्शन कर रहे हैं। इनमें रक्षित शेखर द्विवेदी, शाश्वत सिंह, शशि प्रकाश, रवि गौतम, विष्णु देव यादव, विनायक सिंह, पीयूष कारीवाल, अगस्त्य यादव को फिडे की प्रारंभिक रेटिंग मिल चुकी है। इन खिलाड़ियों के प्रदर्शन में भी लगातार निखार आ रहा है।
प्रदेश सरकार व हम सब अपने अनुभवों के जरिये नई खिलाड़ियों की पौध तैयार करने का प्रयास कर रहे हैं। मैदान, किट, कोच व डाइट सभी उपलब्ध हैं। यदि यह सभी सुविधाएं नर्सरी स्तर से ही मिलनी शुरू हो जाएं तो वह दिन दूर नहीं जब यहां से कई और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गोरखपुर का झंडा अंबुलंद करने में सफल होंगे। प्रेम माया, अर्जुन अवार्डी
रामगढ़ताल में आयोजित रोइंग प्रतियोगिता के बाद यहां के युवा खिलाड़ियों का रुझान रोइंग की ओर बढ़ा है। इसी के मद्देनजर खेल विभाग ने यहां कोच की नियुक्ति करने के साथ ही नाव तक की खरीदारी कर ली है। जल्द ही खिलाड़ियों का प्रशिक्षण भी आरंभ हो जाएगा। आने वाले दिनों में यहां के खिलाड़ी भी रोइंग की राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में अपना लोहा मनवाने में सफल होंगे। आले हैदर, क्षेत्रीय क्रीड़ाधिकारी
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