Neck Pain: गर्दन में दबाकर करते मोबाइल फोन पर बात, हो जाएगी यह गंभीर बीमारी
गर्दन में दर्द और हाथों में झनझनाहट की समस्या से परेशान हैं? जानिए मोबाइल फोन को गलत तरीके से इस्तेमाल करने से होने वाले नुकसान और इससे बचने के उपाय। गर्दन के नीचे और कंधे के बीच में मोबाइल फोन दबाकर बात करने से नसों में दर्द हो सकता है। समय रहते सावधानी बरतें और सही मुद्रा में मोबाइल फोन का इस्तेमाल करें।
जागरण संवाददाता, गोरखपुर। आप बाइक चला रहे हैं या कार, मोबाइल फोन की घंटी बजी तो जरूरी काल को रिसीव कर बात करना शुरू कर देते हैं। गर्दन के नीचे और कंधे के बीच में मोबाइल फोन दबाकर बात करते चले जाते हैं। कुछ लोग तो इसी मुद्रा में कई किलोमीटर चलते रहते हैं।
यह यातायात के नियमों का उल्लंघन तो है ही, नसों से जुड़े दर्द का बड़ा कारण है। घर में काम कर रहीं महिलाएं भी इसी मुद्रा में मोबाइल फोन पर बात करती हैं। इससे गर्दन में दर्द, हाथ में झनझनाहट, हाथ सुन्न होना शुरू होता है।
समय से न चेतने पर शरीर के संतुलन की प्रक्रिया पर भी असर पड़ने लगता है। मोबाइल फोन के गलत मुद्रा में इस्तेमाल का दुष्प्रभाव न सिर्फ ज्यादा वरन कम उम्र वालों पर भी पड़ रहा है।
एम्स गोरखपुर में अवध एसोसिएशन आफ फिजिकल मेडिसिन एंड रिहेबिलिटेशन (एएपीएमआरकान) 2024 के वार्षिक सम्मेलन के दूसरे दिन भी उठने-बैठने, चलने, मोबाइल फोन, लैपटाप, टैबलेट आदि के इस्तेमाल की सही मुद्रा पर विशेषज्ञों ने मंथन किया।
फिजिकल मेडिसिन एंड रिहेबिलिटेशन (पीएमआर) की ओर से आयोजित सम्मेलन में विशेषज्ञों ने बताया कि यदि लैपटाप पर ज्यादा देर तक काम करना है तो इसे इतनी ऊंचाई पर रखें कि स्क्रीन का ऊपर का एक तिहाई हिस्सा आंख की सीध में हो।कार्यालय या जिस स्थान पर देर तक लैपटाप का इस्तेमाल करना है वहां कुर्सी और मेज की भी सही ऊंचाई होनी बहुत जरूरी है। लैपटाप की ऊंचाई के लिए स्टैंड या मोटी किताबों को नीचे रखा जा सकता है।
इसे भी पढ़ें-मंत्री नन्दी की कंपनी से ठगी की रकम से खरीदी गई क्रिप्टो करेंसी, 100 से अधिक खाते में हुई ट्रांसफरएम्स गोरखपुर में पीएमआर विभाग के प्रमुख व सम्मेलन के आयोजन सचिव डा. अमित रंजन ने कहा कि अब कम उम्र के बच्चे भी गर्दन, हाथ में दर्द के साथ आ रहे हैं। इनको दिक्कत सही मुद्रा में न बैठने के कारण हुई है। कई बार एम्सरे, सीटी स्कैन या एमआरआइ में भी कोई दिक्कत नहीं मिलती पर दर्द बना रहता है।
यह होता है गलत मुद्रा में कार्य करने के कारण। इस पर सभी को बात करनी चाहिए और जानकारी रखनी चाहिए। विभाग जल्द ही जागरूकता कार्यक्रम भी शुरू करेगा।सम्मेलन के मुख्य अतिथि एम्स गोरखपुर में अकादमिक समिति के चेयरमैन डा. अशोक प्रसाद रहे। एम्स नई दिल्ली के डा. सलाज राणा ने दिव्यांगाें के लिए सहायक उपकरणों के बारे में बताया।
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