Nepal Bus Accident: प्रत्यक्षदर्शियों ने बयां किया दर्द, कहा- आंखों के सामने अपनों को मरते देखा
Nepal Bus Accident नेपाल से लौटे श्रद्धालुओं ने पोखरा बस दुर्घटना के भयावह मंजर को याद किया। आंखों के सामने अपनों को मरते देखने का दर्द बयां करते हुए। उन्होंने बताया कि कैसे मदद के लिए चिल्ला रहे साथियों को बचाना मुश्किल था। सेना के त्वरित पहुंचने से घायलों को अस्पताल पहुंचाया गया और स्वजनों को सूचित किया गया। इस दुखद घटना ने सभी को झकझोर कर रख दिया है।
सतीश पांडेय, गोरखपुर। हमने आंखों के सामने अपनों को मरते हुए देखा। यह बहुत भयावह मंजर था। चाहकर भी कुछ कर नहीं पाए। इस भयानक हादसे को वह लोग कभी नहीं भूल पाएंगे। हालांकि, कुछ देर में ही सेना पहुंच गई और त्वरित मदद मिली। घायलों को अस्पताल पहुंचाने के साथ ही उनके स्वजन को फोन से जानकारी दी।
नेपाल से शनिवार की रात गोरखपुर पहुंचे श्रद्धालुओं ने भोजन के बाद हादसे के बारे में बताना शुरू किया तो उनके चेहरों पर वह संत्रास एक बार फिर उभर आया, जिसे उन्होंने नियति का क्रूर खेल मानकर सहा था।
रेलवे स्टेशन पर एलटीटी एक्सप्रेस में लगे विशेष कोच में सवार होकर रवाना होने से पहले सभी ने योगी बाबा व जिला प्रशासन का आभार जताया।
हादसे के बारे में पूछने पर सबकी आंखे नम
महाराष्ट्र के भुसावल में रहने वाले किशोर देवराम राणे, दीपक अरुण राणे, सूरज सरोद शनिवार की रात नेपाल से अपने साथियों संग गोरखपुर पहुंचे। हादसे के बारे में पूछने पर सबकी आंखें नम हो गईं।
धार्मिक यात्रा के बारे में बताया कि चौथी बार सभी लोग एक साथ सफर पर निकले थे। इस जत्थे में शामिल लोग आपस में रिश्तेदार व दोस्त हैं। इससे पहले वह लोग केदारनाथ, बैष्णो देवी व कुल्लू मनाली गए थे।
इस बार 15 दिन की धार्मिक यात्रा पर 95 लोग 16 अगस्त को ट्रेन पकड़कर प्रयागराज पहुंचे। यहां से केसरवानी ट्रेवल की दो बस व ट्रैवेलर से चित्रकूट, अयोध्या, गोरखनाथ मंदिर होते हुए पोखरा पहुंचे थे।
यह भी पढ़ें- Nepal Bus Accident: पोखरा से काठमांडू जा रही UP नंबर की बस नदी में गिरी, अब तक 27 लोगों की मौतपशुपतिनाथ का दर्शन करने के बाद 29 अगस्त को काशी विश्वनाथ पहुंचना था। वहां से दर्शन कर सभी लोग ट्रेन से भुसावल लौट जाते, पर पशुपतिनाथ पहुंचने से पहले ही पीछे चल रही एक बस खाई में गिर गई। हादसे में 27 लोगों के सांसों की डोर थम गई।
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