Move to Jagran APP

सर्वे की भूल भुलैया में गुम हो गईं नई रेल लाइनें

नई रेल लाइनों का सर्वे तो हुआ लेकिन इनपर अमल नहीं हो पाया। 19 नई रेल लाइनों की सर्वे रिपोर्ट भेजी गई है लेकिन एक भी रिपोर्ट को हरी झंडी नहीं मिली।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Mon, 01 Oct 2018 02:33 PM (IST)Updated: Tue, 02 Oct 2018 10:00 AM (IST)
सर्वे की भूल भुलैया में गुम हो गईं नई रेल लाइनें

गोरखपुर, (जेएनएन)। पूर्वोत्तर रेलवे की नई रेल लाइनें सर्वे की भूलभुलैया में ही उलझ कर गुम हो गई हैं। पिछले चार साल में 19 नई रेल लाइनों की सर्वे रिपोर्ट रेलवे बोर्ड को भेजी गई है लेकिन अभी तक एक भी रिपोर्ट को हरी झंडी नहीं मिल पाई है। सहजनवां-दोहरीघाट, बस्ती-कपिलवस्तु और आनंदनगर- घुघली आदि नई रेल लाइनों का तो डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) भी भेजा जा चुका है। यह तब है जब पूर्वांचल के पिछड़े क्षेत्र बांसगांव के लोगों को 40 किमी चलकर ट्रेन पकडऩी पकड़ी है। महराजगंज जनपद मुख्यालय होने के बावजूद अभी भी रेल लाइन से जुड़ नहीं पाया है।

रेल मंत्रालय ने तो सहजनवां-दोहरीघाट की 70 किमी नई रेल लाइन के लिए 743.55 करोड़ का बजट भी स्वीकृत कर दिया है। इसका सत्तर के दशक से सर्वे कार्य चल रहा है। गोरखपुर-कुशीनगर लाइन के लिए भी चार बार सर्वे हो चुका है। यह रेल लाइन बौद्ध रेल परिपथ के लिए भी अहम है। सहजनवां-दोहरीघाट, गोरखपुर-कुशीनगर ही नहीं बस्ती-कपिलवस्तु और आनंदनगर-घुघली नई रेल लाइन तो डीपीआर के बाद भी आगे नहीं बढ़ पा रही है। ये चारों परियोजनाएं रेट आफ रिटर्न (आरओआर) सर्वे में फंसी हुई हैं। रेलवे बोर्ड का कहना है कि इन नई रेल लाइनों का आरओआर शून्य फीसद से भी कम है, जबकि कम से कम 14 फीसद होनी चाहिए।

आरटीआइ के तहत मांगी गई सूचना में पूर्वोत्तर रेलवे प्रशासन ने जो जानकारी दी है, उसके अनुसार चार नई रेल लाइनों के लिए अभी भी सर्वे कार्य चल रहा है। जल्द ही रिपोर्ट भेज दी जाएगी। सर्वे के अलावा पिछले चार वर्ष में औडि़हार-सारनाथ 24 किमी तथा सारनाथ-वाराणसी सिटी 7.3 किमी रेलमार्ग का दोहरीकरण पूरा हुआ है। बथुआ से पंचदेवरी 11 किमी और महराजगंज से मसरक 45.754 किमी नई रेल लाइन तैयार हो गई है। इन रेल लाइनों पर अब ट्रेन चलाने की तैयारी है।

इन रूटों का हो चुका है सर्वे

अरौल माकनपुर-मदार शाह मजार, मऊ गाजीपुर-ताड़ीघाट, फर्रुखाबाद शाहजहांपुर-मैलानी, टनकपुर बागेश्वर, खलीलाबाद-बलरामपुर, कासगंज-अलीगढ़, सहजनवां-दोहरीघाट, पडरौना-कुशीनगर, खलीलाबाद-बहराइच, आनंदनगर-घुघली, बस्ती-कपिलवस्तु, एटा-कासगंज, आजमगढ़-मुबारकपुर, सहजनवां-बखिरा-बांसी, बस्ती-फैजाबाद, वाराणसी-गोरखपुर, फर्रुखाबाद-फफूंद, बाराबंकी-फतेहपुर और पलियाकलां-बेलरायां।

इन नई लाइनों का चल रहा सर्वे

हल्द्वानी-चोरगलिया, हल्द्वानी-रीठ साहब, झिलाहारी-टिवरी और चौखुटिया-गैरसैण।


This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.