UP News: गोरखपुर में हथियार लाइसेंस के लिए नया नियम, घर में होगी जगह तभी होगा वरासत
गोरखपुर में नए हथियार लाइसेंस बनना लगभग बंद हो गया है। केवल विरासत और हस्तांतरण की प्रक्रिया ही चल रही है। इसके लिए जिला प्रशासन ने एक शर्त रखी है कि आवेदकों को यह बताना होगा कि उनके घर में हथियार रखने की जगह है। इसके लिए शपथ पत्र प्रस्तुत करना होगा और उस जगह के साथ अपनी फोटो भी प्रस्तुत करनी होगी।
उमेश पाठक, जागरण गोरखपुर। जिले में असलहे का नया लाइसेंस बनना लगभग बंद है। केवल वरासत और हस्तांतरण की प्रक्रिया ही चल रही है। इसके लिए जिला प्रशासन की ओर से लगाई गई एक शर्त चर्चा में है। वरासत या हस्तांतरण के लिए आवेदन करने वालों को जरूरी प्रपत्रों के साथ यह भी बताना होगा कि उनके घर में असलहा रखने की जगह है।
इसके लिए शपथ पत्र प्रस्तुत करना होगा और उस जगह के साथ अपनी फोटो भी प्रस्तुत करनी होगी। कई बार लोग इस शर्त का पालन करना भूल जा रहे हैं, लेकिन जब फाइल अधूरी रह रही है तो घर की आलमारी खोलकर उसके साथ फोटो लेकर प्रस्तुत कर रहे हैं।
असलहे के वरासत एवं हस्तांतरण को लेकर कई नियम बनाए गए हैं। लगभग चार वर्ष पूर्व जिले में एक और नियम लागू किया गया। असलहा रखने की जगह का शपथ पत्र लेने की जब बात आयी तो आवेदकों ने कहा कि जब घर में पहले से असलहा है तो इसका मतलब यही हुआ कि उसे रखने की स्थान होगा ही। फिर भी नियम है तो उसे पूरा करना पड़ रहा है। आवेदक इस नियम को अजीब बता रहे हैं। उसको लेकर खूब चर्चा भी हो रही है, लेकिन औपचारिकता पूरी करने के लिए शपथ पत्र और फोटो प्रस्तुत करनी पड़ रही है।
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वरासत व हस्तांतरण के लिए देने होते हैं ये प्रपत्र
- किसी थाने में मुकदमा पंजीकृत न होने का शपथ पत्र।
- प्रशिक्षण प्रमाण पत्र मूल रूप में।
- शस्त्र भंडारण का शपथ पत्र एवं भंडारण के स्थान के साथ आवेदक की फोटो।
- संबंधित तहसील रिपोर्ट के साथ अदेयता प्रमाण पत्र, मूल निवास प्रमाण पत्र, आय प्रमाण पत्र।
- चिकित्सा प्रमाण पत्र।
- कुटुम्ब रजिस्टर प्रमाण पत्र।
- वरासत के मामले में मृत्यु प्रमाण पत्र, सेफ कस्टडी में शस्त्र जमा प्रमाण पत्र।
असलहों के प्रति नहीं ले रहे रुचि, निरस्त के लिए पुलिस भेज रही फाइल
गोरखपुर जिले के थानों में लाइसेंसी असलहों को जमा करने के बाद लोग उन्हें ले जाने में रुचि नहीं ले रहे हैं। थानों के लिए बोझ बने ऐसे 390 असलहों की सूची पुलिस ने तैयार कर ली है। इसमें से 59 असलहों की फाइलों पर एसएसपी डा. गौरव ग्रोवर ने हस्ताक्षर कर जिलाधिकारी के पास भेज दी है। लाइसेंस निरस्त होने के बाद पुलिस उनके जब्तीकरण की कार्रवाई करेगी।
लोकसभा चुनाव के दौरान जब लाइसेंसी असलहों को जमा कराने की प्रक्रिया शुरू हुई तो सामने आया कि कई ऐसे लोग हैं जो असलहे थानों या दुकानों पर जमा करने के बाद उन्हें भूल गए हैं। इनमें कई असलहे तो 2019 लोकसभा चुनाव के दौरान जमा हुए मिले।इससे थानों के मालखाने में जमा बंदूक, रायफल, पिस्टल, रिवाल्वर आदि की संख्या ज्यादा हो गई और पुलिस को उनकी देखभाल करने में मुश्किल आ रही है। जानकारी होने पर एसएसपी ने वर्षों से जमा असलहों को लेकर समीक्षा की तो पता चला कि जिले भर के थानों में ऐसे कुल 390 असलहे जमा हैं, जिनके मालिक उन्हें जमा करने के बाद से नहीं ले जा रहे।
इनमें सबसे अधिक बड़हलगंज में 46 और गोला में 95 असलहे जमा मिले। कार्रवाई के पहले इन असलहों के मालिकों को पुलिस ने सूचना दी। इसके बाद भी लोग असलहा लेने थाने पर नहीं पहुंचे। अब ऐसे असलहों की फाइल तैयार कर थानों की पुलिस एसएसपी कार्यालय भेज रही है।
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अब तक उरुवा से 25, तिवारीपुर से तीन, गुलरिहा से एक, कैंपियरगंज से दो, चिलुआताल से दो, चौरी चौरा से तीन, गोला से 18, खजनी से चार और सिकरीगंज से एक असलहे की फाइल पर एसएसपी का हस्ताक्षर होने के बाद लाइसेंस निरस्त करने के लिए जिलाधिकारी के पास भेजा जा चुका है।
एसएसपी डा. गौरव ग्रोवर ने बताया कि पांच वर्ष या इसके पहले से थानों में जमा 390 असलहों का लाइसेंस निरस्त कराने की कार्रवाई चल रही है। नौ थानों से अब 59 असलहों की फाइले आ चुकी है। जिसे डीएम के पास भेजी जा चुकी है। रिपोर्ट आने के बाद असलहों के जब्तीकरण की कार्रवाई की जाएगी
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