NIA Raid In Gorakhpur: प्रिंटिंग प्रेस व किताब की दुकान पर एनआइए का छापा, 3 घंटे तक चली जांच; पढ़ें पूरा मामला
एनआइए की टीम तलाशी व संचालक से पूछताछ करने के बाद लखनऊ लौट गई। टीम मंगलवार की रात में ही आ गई थी। गोरखपुर जोन में अभी 75 लोगों पर एनआइए और खुफिया एजेंसी की नगर है। केंद्र सरकार ने कट्टरपंथी संगठन पापुलर फ्रंट आफ इंडिया और उससे जुड़े कई संगठनों पर यूएपीए के तहत पांच वर्ष के लिए प्रतिबंध लगाया है।
By Jagran NewsEdited By: Pragati ChandUpdated: Thu, 12 Oct 2023 07:35 AM (IST)
जागरण संवाददाता, गोरखपुर। पीएफआइ (पापुलर फ्रंट आफ इंडिया) से जुड़ा जिहादी साहित्य बेचने के संदेह में एनआइए (राष्ट्रीय जांच एजेंसी) की टीम ने बक्शीपुर स्थित प्रिंटिंग प्रेस/किताब की दुकान पर छापा डाला। तीन घंटे तक चली जांच, पूछताछ व तलाशी के बाद टीम लखनऊ लौट गई। केंद्र सरकार ने कट्टरपंथी संगठन पापुलर फ्रंट आफ इंडिया और उससे जुड़े कई संगठनों पर यूएपीए (गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम) के तहत पांच वर्ष के लिए प्रतिबंध लगाया है। इससे जुड़ी अधिसूचना जारी होने के बाद एजेंसियों ने पूरे देश में संगठन से जुड़े लोगों पर शिकंजा कसना शुरू किया है।
देशभर में दर्जनों स्थानों पर टीम ने की छापेमारी
इसी क्रम में देशभर में दर्जनों स्थानों पर एनआइए की टीम ने छापेमारी की है। लखनऊ के इंस्पेक्टर के नेतृत्व में छह सदस्यीय टीम मंगलवार की रात को गोरखपुर पहुंची। बुधवार की सुबह सात बजे बक्शीपुर स्थित किताब की दुकान व प्रिटिंग प्रेस में छापा डाला, सभी दस्तावेज की तलाशी ली। संचालक से करीब तीन घंटे पूछताछ की। दोपहर बाद टीम लौट गई, यहां किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया। प्रिंटिंग प्रेस/किताब की दुकान एक ही व्यक्ति की है।
पीएफआइ से जुड़े 75 लोगों पर एनआइए व खुफिया एजेंसी की नजर
पीएफआइ (पापुलर फ्रंड आफ इंडिया) की गतिविधियों पर एनआइए के साथ ही खुफिया एजेंसी की नजर है। गोरखपुर रेंज में पीएफआइ से जुड़े 75 लोग चिह्नित हुए हैं, जिसमें 29 लोग महराजगंज जिले में हैं। स्थानीय पुलिस के अलावा खुफिया एजेंसी के लोग इनकी निगरानी कर रहे हैं। गोरखपुर में मुर्तजा अब्बासी व तारिक अतहर के पकड़े जाने के बाद जिहादी साहित्य में रुचि रखने की वजह से इनको चिह्नित किया गया था।किस जिले में कितने संदिग्ध
जिला संख्या गोरखपुर 07
देवरिया 11 कुशीनगर 28 महराजगंज 29यह भी पढ़ें, Ambedkar Jan Morcha: फार्म भरवाकर दिया गया था जमीन दिलाने का झांसा, धरने में फ्रांसीसी भी शामिल- जानें पूरा मामला
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