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यातायात सुविधाओं के लिए पूर्वोत्तर रेलवे को मिले 38.08 करोड़, बदलेगी स्टेशनों की सूरत

Railway News एनईआर के चार क्षेत्रीय रेलवे में आठ यातायात सुविधाओं के विकास के लिए कुल 105.12 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है जिसमें पूर्वोत्तर रेलवे को 38.08 करोड़ रुपये मिले हैं। इससे कई रेलवे स्टेशनों पर विकास कार्य कराए जाएंगे।

By Jagran NewsEdited By: Pradeep SrivastavaPublished: Sun, 09 Oct 2022 10:04 AM (IST)Updated: Sun, 09 Oct 2022 10:04 AM (IST)
Railway News: एनईआर में विकास कार्यों के लिए 38 करोड़ रुपये मिले हैं। - प्रतीकात्मक तस्वीर

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। रेलवे बोर्ड ने यातायात सुविधाओं के लिए पूर्वोत्तर रेलवे को 38.08 करोड़ रुपये दिया है। जिससे विभिन्न रेल खण्डों पर लूप लाइन, बाइपास लाइन, अतिरिक्त लाइन एवं क्रास ओवर का प्रावधान किया जाएगा। इसके अलावा गुड्स शेड, रेक हैंडलिंग साइडिंग, रेक हैण्डलिंग प्लेटफार्म एवं लो-लेवल गुड्स प्लेटफार्म बनाए जाएंगे।

इन स्टेशनों की बदलेगी सूरत

मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पंकज कुमार सिंह के अनुसार चार क्षेत्रीय रेलवे में आठ यातायात सुविधाओं के विकास के लिए कुल 105.12 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है, जिसमें पूर्वोत्तर रेलवे को 38.08 करोड़ रुपये मिले हैं। वाराणसी मंडल के अंतर्गत सिधवलिया स्टेशन पर नए रेक हैण्डलिंग साइडिंग के निर्माण के लिए 23.72 करोड़ एवं सीवान स्टेशन पर हाफ रेक हैण्डलिंग प्लेटफार्म निर्माण के लिए 5.19 करोड़ रुपये तथा थावे स्टेशन पर गोपालगंज- सासा मूसा स्टेशन के मध्य बाईपास रेल लाइन निर्माण के लिए 9.89 करोड़ रुपये की स्वीकृति प्रदान की गई है। इन सुविधाओं से गाड़ियों के संचालन समय में कमी आएगी। व्यवसायियों एवं कारोबारियों को माल भेजने और प्राप्त करने में आसानी होगी।

रक्षा क्षेत्र में बढ़ाना होगा भारत को आत्मनिर्भरता

मर्यादा पुरुषोत्तम पीजी कालेज मऊ के शिक्षक डा. प्रदीप कुमार राय ने कहा कि देश के उत्तर व पश्चिमी सीमा पर हमारे दो शत्रु हैं। जिसमें चीनी सैनिक तकनीकी दृष्टि से भारत से आगे हैं। इसको देखते हुए भारत को रक्षा क्षेत्र में आत्म निर्भरता को बढ़ाना होगा। भारत अब एक क्षेत्र में आगे बढ़ा है इसलिए सार्वजनिक भारतीय कंपनियों के साथ-साथ निजी कंपनियां भी रक्षा क्षेत्र में कार्य कर रही हैं। यही वजह है कि उप्र तथा तमिलनाडु में डिफेंस इंडस्ट्रियल कारिडोर की स्थापना की जा रही है। इससे भारत न सिर्फ रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर होगा बल्कि यह देश की आर्थिक संपन्नता में भी महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वाह करेगा।

भारत के रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता हेतु बढ़ते कदम विषय पर व्याख्यान

वह दिग्विजयनाथ पीजी कालेज के रक्षा एवं स्त्रातजिक अध्ययन विभाग में वायु सेना दिवस पर ‘भारत के रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता हेतु बढ़ते कदम’ विषय पर आयोजित विशिष्ट व्याख्यान को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आज भारत 75 से ज्यादा देशों में रक्षा सामग्री निर्यात कर रहा है और यह भारत की रक्षा क्षेत्र में बढ़ती आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसर होने का प्रमाण दे रहा है। यह निर्यात प्रत्येक वर्ष बढ़ता जा रहा है। जिससे भारत तेजी से रक्षा निर्यातक देश के रूप में स्थापित हो रहा है।


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