अब एलपीजी बाइक से तय करिए सस्ता सफर
कक्षा ग्यारह में पढ़ने वाले छात्र ने एलपीजी गैस किट से एलपीजी बाइक तैयार कर लिया है।
By Pradeep SrivastavaEdited By: Updated: Tue, 09 Oct 2018 10:45 AM (IST)
महराजगंज, (विश्वदीपक त्रिपाठी)। एलपीजी गैस किट, कार्बोरेटर, अग्निशमन यंत्र व एक मोटरसाइकिल, बस इतने सामान का उपयोग और तैयार हो गई एलपीजी बाइक। महराजगंज के पंडित दीनदयाल उपाध्याय इंटर कालेज में अध्ययनरत 11वीं के छात्र विपुल भारद्वाज ने एलपीजी मोटरसाइकिल का नव अन्वेषण किया है। इस बाइक को एलपीजी चालित बनाने में महज चार हजार रुपये का खर्च आया है। 50 पैसे प्रति किलोमीटर खर्च पर चलने वाली इस बाइक को विपुल ने पुराना सामान जमा कर तैयार किया है।
गत वर्ष आयोजित महराजगंज विज्ञान महोत्सव में हिस्सा लेने आए बीरबल साहनी इंस्टीट्यूट के वैज्ञानिक डॉ. सीएम नौटियाल भी एलपीजी बाइक चलाकर इस होनहार छात्र की सराहना कर चुके हैं। एक अक्टूबर को आइआइटी वाराणसी में आयोजित फेस्टिवल में इस प्रयास की प्रशंसा हुई तो लखनऊ आयोजित भारतीय अंतरराष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव में भी विपुल ने अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया है।
ऐसे तैयार हुई बाइक
विपुल ने बताया कि मोटरसाइकिल में एलपीजी गैस किट लगाई। इसके बाद कार्बोरेटर में एलपीजी स्टोरेज टैंक रखने का स्थान बनाया। पांच किलो के एलपीजी सिलिंडर और अग्निशमक उपकरण की व्यवस्था की। एक बाइक को चुना और उसके कारबोरेटर में ड्रिल कर दिया। प्रेशर रेगुलेटिंग नोजल और गैस सिलिंडर को कनेक्ट किया। एलपीजी से बाइक के इंजन पर असर न पड़े इसके लिए इंजन के फिल्ट्रेशन ट्यूब और फिल्ट्रेशन नोजल को पाइप से जोड़ दिया। अब सिलेंडर की गैस को गैस किट में भेजा। प्रेशर मेंटेन करने के लिए एक वॉल्व लगाया। खराब ईंधन बाहर निकालने के लिए कार्बोरेटर से एक पाइप भी बाहर निकाला। एलईडी लाइट लगाई है जो कोहरे में भी अधिक लाइट देगी। करीब चार हजार रुपये खर्च करके यह तकनीक विकसित हो सकी। एलपीजी से इंजन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। इंजन को मजबूती देने के लिए उसमें पूर्व की तरह इंजन आयल डाला जाएगा। यह तकनीक बाइक को 15 से 20 साल तक एलपीजी व सीएनजी से चलाने में मददगार है।
पेटेंट का आवेदन मंजूर
विपुल ने एलपीजी बाइक का पेटेंट कराने के लिए इंटेलेक्चुएल प्रॉपर्टी राइट््स आफिस (बौद्धिक संपदा कार्यालय) दिल्ली में आवेदन किया है। अब एथेनाल से चलने वाली बाइक बनाने की योजना : वह अपनी इस उपलब्धि व हर तरफ से मिल रही सराहना से उत्साहित हैं। उनका कहना है कि अब प्रयास यह होगा कि एथेनाल से चलने वाली बाइक बनाई जाए।
गत वर्ष आयोजित महराजगंज विज्ञान महोत्सव में हिस्सा लेने आए बीरबल साहनी इंस्टीट्यूट के वैज्ञानिक डॉ. सीएम नौटियाल भी एलपीजी बाइक चलाकर इस होनहार छात्र की सराहना कर चुके हैं। एक अक्टूबर को आइआइटी वाराणसी में आयोजित फेस्टिवल में इस प्रयास की प्रशंसा हुई तो लखनऊ आयोजित भारतीय अंतरराष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव में भी विपुल ने अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया है।
ऐसे तैयार हुई बाइक
विपुल ने बताया कि मोटरसाइकिल में एलपीजी गैस किट लगाई। इसके बाद कार्बोरेटर में एलपीजी स्टोरेज टैंक रखने का स्थान बनाया। पांच किलो के एलपीजी सिलिंडर और अग्निशमक उपकरण की व्यवस्था की। एक बाइक को चुना और उसके कारबोरेटर में ड्रिल कर दिया। प्रेशर रेगुलेटिंग नोजल और गैस सिलिंडर को कनेक्ट किया। एलपीजी से बाइक के इंजन पर असर न पड़े इसके लिए इंजन के फिल्ट्रेशन ट्यूब और फिल्ट्रेशन नोजल को पाइप से जोड़ दिया। अब सिलेंडर की गैस को गैस किट में भेजा। प्रेशर मेंटेन करने के लिए एक वॉल्व लगाया। खराब ईंधन बाहर निकालने के लिए कार्बोरेटर से एक पाइप भी बाहर निकाला। एलईडी लाइट लगाई है जो कोहरे में भी अधिक लाइट देगी। करीब चार हजार रुपये खर्च करके यह तकनीक विकसित हो सकी। एलपीजी से इंजन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। इंजन को मजबूती देने के लिए उसमें पूर्व की तरह इंजन आयल डाला जाएगा। यह तकनीक बाइक को 15 से 20 साल तक एलपीजी व सीएनजी से चलाने में मददगार है।
पेटेंट का आवेदन मंजूर
विपुल ने एलपीजी बाइक का पेटेंट कराने के लिए इंटेलेक्चुएल प्रॉपर्टी राइट््स आफिस (बौद्धिक संपदा कार्यालय) दिल्ली में आवेदन किया है। अब एथेनाल से चलने वाली बाइक बनाने की योजना : वह अपनी इस उपलब्धि व हर तरफ से मिल रही सराहना से उत्साहित हैं। उनका कहना है कि अब प्रयास यह होगा कि एथेनाल से चलने वाली बाइक बनाई जाए।