UP News: गोरखपुर में दुग्ध विक्रेताओं का बनेगा परिचय पत्र, डेयरी खोलने के लिए लेना होगा लाइसेंस
उत्तर-प्रदेश के गोरखपुर जिले में मिलावटी दूध बिकने के बढ़ते मामलों के बीच खाद्य सुरक्षा विभाग ने नया निर्देश जारी किया है। दुग्ध विक्रेताओं पर शिकंजा कसने के लिए अब उनको आईकार्ड बनवाना आवश्यक होगा। इसके अलावा डेयरियों के लिए भी लाइसेंस लेना होगा। निर्देश का पालन नहीं करने पर दूध जब्त कर लिया जाएगा और अन्य प्रकार की कार्रवाई की जाएगी।
जागरण संवाददाता, गोरखपुर। मिलावटी दूध बिकने के बढ़ते मामलों के बीच खाद्य सुरक्षा विभाग ने मिलावट करने वाले दुग्ध विक्रेताओं पर शिकंजा कसने की तैयारी शुरू कर दी है। सभी दुग्ध विक्रेताओं का अब परिचय पत्र (आइडी कार्ड) बनाया जाएगा। साथ ही पांच सौ लीटर से ज्यादा दूध की बिक्री करने वाली डेयरियों को भी लाइसेंस लेना होगा।
भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआइ) नियमों को अब सख्ती से लागू करेगा। पिछले दिनों केंद्रीय राज्यमंत्री अनुप्रिया पटेल ने लोकसभा में बताया था कि दूध और दूध से बने उत्पादों में मिलावट के सबसे ज्यादा मामले उत्तर प्रदेश से आते हैं। इसके बाद दूध और इससे बने उत्पादों की शुद्धता सुनिश्चित कराने में खाद्य सुरक्षा विभाग जुट गया है।
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नहीं बनवाया तो दूध भी हो सकता है जब्त
सभी दुग्ध विक्रेताओं को हर हाल में पंजीकरण कराना होगा। खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम शिविर लगाकर पंजीकरण कराएगी। इसके लिए जिन स्थानों पर दुग्ध विक्रेता इकट्ठा होते हैं, वहां टीम के सदस्य जाएंगे। जो दुग्ध विक्रेता पंजीकरण नहीं कराएंगे उन्हें पहले नोटिस दिया जाएगा और दूध जब्त करने की कार्रवाई की जाएगी।
इसके बाद भी वह नहीं मानेंगे तो न्यायालय में वाद दर्ज कराया जाएगा। मुकदमा में यदि मनमानी की पुष्टि हुई तो दो लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।
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सहायक आयुक्त खाद्य सुरक्षा डॉ. सुधीर कुमार सिंह ने कहा कि अभियान चलाकर दूधियों का पंजीकरण कराया जाएगा। पंजीकरण के लिए सौ रुपये फीस निर्धारित है। दुग्ध विक्रेताओं को परिचय पत्र लेकर चलना होगा। ज्यादातर दुग्ध विक्रेता शुद्धता के लिए सजग होते हैं जो मिलावट को बढ़ा रहे हैं उनकी पहचान के लिए अभियान चलाया जा रहा है। ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।