महापौर जी! अब पार्षदों का कॉलर पकड़ लेगी पब्लिक, नगर निगम सदन की बैठक में क्यों कही गई ये बात; सदन में उड़ाईं प्रतियां
नगर निगम सदन की मैराथन बैठक में पार्षद जियाउल इस्लाम ने एक-एक कर सभी पार्षदों की समस्याओं के बारे में बताया। इस दौरान 60 प्रतिशत से अधिक सदस्यों ने मेज थपथपाकर समर्थन किया। जियाउल ने कहा कि गलती सर्वे करने वाली कंपनी की है और आपत्ति दर्ज कराने के लिए जनता को 100 रुपये शुल्क जमा करना पड़ रहा है। ऐसे में जनता में नाराजगी है।
जागरण संवाददाता, गोरखपुर। महापौर जी! संपत्ति कर निर्धारण को लेकर चल रहे जीआइएस सर्वे से हर वार्ड के लोग परेशान हैं। वार्ड नंबर 12 की निशा खातून को 350 वर्ग फीट के निर्माण के लिए भी नोटिस दिया गया, जबकि 358 वर्ग फीट से कम के आवासीय निर्माण पर कर निर्धारण का प्रावधान ही नहीं है। वार्ड नंबर तीन के एक व्यक्ति को नोटिस में आच्छादित क्षेत्रफल का कोई जिक्र ही नहीं है, जिसका अब तक 400 रुपये बिल आता था, उससे 40 हजार रुपये कर मांगा जा रहा है।
गुरुवार को करीब नौ घंटे चली नगर निगम सदन की मैराथन बैठक में वार्ड नंबर-76 घंटाघर के पार्षद जियाउल इस्लाम ने एक-एक कर सिलसिलेवार संपत्ति कर (टैक्स) को लेकर चल रहे जीआइएस सर्वे की खामियां गिनानी शुरू कीं तो 60 प्रतिशत से अधिक सदस्यों ने मेज थपथपाकर समर्थन किया। इसमें सत्ता दल के भी कई पार्षद शामिल रहे।
पार्षदों का कालर पकड़ सकती है जनता
जियाउल ने कहा कि गलती सर्वे करने वाली कंपनी की है और आपत्ति दर्ज कराने के लिए भी जनता को 100 रुपये शुल्क जमा करना पड़ रहा है। अधिकारियों के पास तो सुरक्षाकर्मी हैं। पार्षद अकेले चलते हैं। अब वह स्थिति बन रही कि जनता का गुस्सा कभी भी फूट सकता है और वह पार्षदों का कालर पकड़ सकती है। नगर निगम में ऐसी नजीर पेश भी हो चुकी है।
वार्ड 26 बेतियाहाता के पार्षद विश्वजीत त्रिपाठी ने दो महीने बाद भी जीआइएस सर्वे की रिपोर्ट, पार्षदों को नहीं उपलब्ध कराने पर नाराजगी जताई। कहा कि सर्वे रिपोर्ट 40 प्रतिशत से अधिक फर्जी है। कहा कि सर्वे कराने वाली फर्म, महापौर, नगर आयुक्त समेत पूरे सदन की अनदेखी कर रही है और उस पर कार्रवाई नहीं हो रही।
100 रुपये के शुल्क को खत्म करने का आश्वासन
नगर आयुक्त गौरव सिंह सोगरवाल ने आपत्ति के लिए जमा कराए जा रहे 100 रुपये के शुल्क को खत्म करने का आश्वासन दिया। कहा कि सर्वे का लाभ सामने आ रहा है। अब तक 1.52 लाख लोगों का ही कर आता रहा है। इनमें भी 60 हजार ही लोग नियमित कर जमा कर रहे। 92 हजार लोग डिफाल्टर हैं। सर्वे में 1.17 लाख नए घर सामने आए हैं। पिछले साल कर से 52 करोड़ रुपये की आय हुई थी, इस साल यह आंकड़ा 100 करोड़ पार जाने की उम्मीद है।
बैठक की शुरुआत में ही गिरधरगंज के भाजपा पार्षद रणंजय सिंह जुगनू, रायगंज दक्षिणी के पार्षद अशोक यादव, घंटाघर के जियाउल इस्लाम, साहबगंज के शहाब अंसारी और बसंतपुर के पार्षद विजेंद्र अग्रहरि ने बोर्ड बैठक की कार्यवृत्ति और अनुपालन आख्या में कई तरह की त्रुटियां को गिनाते हुए हंगामा किया। विजेंद्र ने तो सदन में ही अनुपालन आख्या की प्रतियां उड़ा दीं।
नगर आयुक्त ने खामियों को गंभीरता से लेते हुए इसके लिए जिम्मेदार अधिकारियों-कर्मचारियों को चेतावनी जारी की। पार्षदों को आश्वस्त किया कि यह सुनिश्चित किया जाएगा कि अब इस तरह की त्रुटि नहीं हो। इसी तरह कई पार्षदों ने अतिक्रमण अभियान में मनमानी का आरोप लगाते हुए कहा कि ठेले-खोमचे और कमजोर तबके के लोगों को उजाड़ा जा रहा है और मजबूत लोगों को छोड़ दिया जा रहा है। वार्ड नंबर 50 के भाजपा पार्षद शिवेंद्र मिश्रा ने कहा कि सबसे ज्यादा उनके वार्ड में पटरी व्यवसायी परेशान हुए हैं।
बाहर किए गए पार्षद पति, दरवाजे से झांकते रहे
बैठक शुरू होते ही सपा पार्षद जियाउल इस्लाम ने महिला पार्षदों के प्रतिनिधि के तौर पर उनके पतियों की मौजूदगी पर आपत्ति दर्ज करते हुए उन्हें बाहर करने की मांग की। इसपर उन्हें बाहर जाना पड़ा। हालांकि सपा के ही बेतियाहाता वार्ड के पार्षद विश्वजीत त्रिपाठी ने पुरजोर विरोध किया। उनके और जियाउल में हल्की नोकझोंक भी हुई। वहीं बाहर किए गए पार्षद प्रतिनिधि पूरे समय सदन गेट पर खड़े भीतर झांकते रहे।
चौराहों के नाम बदलने पर दर्ज कराई आपत्ति
सिविल लाइन प्रथम के पार्षद अजय राय ने चौराहों के नाम बदलने पर आपत्ति दर्ज कराई। कहा कि विश्वविद्यालय चौराहे का नाम पूर्व केंद्रीय मंत्री कल्पनाथ राय के नाम से है, मगर अब एक फर्नीचर कंपनी ने अपने नाम का बोर्ड लगा दिया है। इस पर नगर आयुक्त ने बताया कि चौराहों की देखरेख हो सके और आय भी हो, इसके लिए अबतक 71 प्रमुख चौराहों में से 18 का आवंटन किया गया है।
आवंटन पाने वाली फर्म वहां विज्ञापन के जरिये शुल्क देगी। अब तक इन चौराहों से 40 लाख रुपये की आय भी हो चुकी है। हालांकि उन्हें चौराहों का नाम बदलने का अधिकार नहीं है। इसके लिए चेतावनी दी जाएगी। वह अपनी फर्म के प्रचार के लिए बोर्ड लगा सकती है, मगर चौराहों का पहले से चला आ रहा नाम भी दर्ज करना पड़ेगा।
हालांकि इस पर जियाउल ने आपत्ति दर्ज करते हुए कहा कि नगर आयुक्त को पांच हजार से अधिक के कार्य को आवंटित करने का अधिकार नहीं है। जवाब में नगर आयुक्त ने कहा कि निगम के हित में ऐसा किया जा सकता है। वहीं, अजय राय ने जोन की संख्या बढ़ाने की बजाए संसाधन बढ़ाने की मांग की, ताकि जनता को परेशान न होना पड़े।
पुलों पर दोनों तरफ लगाई जाएगी जाली
वार्ड नंबर 80 की निर्विरोध पार्षद पूनम सिंह ने राजघाट पुल की तरह मोहद्दीपुर, धर्मशाला, गोरखनाथ और नकहा पुल पर दोनों तरफ जाली लगाने की मांग की। कहा कि पिछले दिनों दो ऐसी दुर्घटनाएं हुईं, जिसमें ठोकर लगने से लोग पुल के नीचे गिर गए और जान चली गई।
नगर आयुक्त ने इस मांग को जनहित वाला बताते हुए आश्वस्त किया कि लोनिवि के अधिकारियों को पत्र लिखा जाएगा। उधर, पार्षद ने नगर निगम लेखा परीक्षक पर फाइलें लटकाने और वार्ड के पोखरे का काम नहीं पूरा होने की शिकायत की। इसी तरह वार्ड में तीन महीने पहले जोनल कार्यालय खुलने के बाद भी संसाधन व स्टाफ नहीं होने से इसका संचालन नहीं हो पाने का भी उन्होंने मुद्दा उठाया।
बैठक में ये प्रस्ताव हुए स्वीकृत
- गोलघर समेत नगर निगम की दुकानों के सामने के बरामदों का आवंटन निरस्त करने पर बनी सहमति
- जलकल परिसर स्थित मल्टीलेवल पार्किंग की दुकानों का टेंडर निकालने के प्रस्ताव को मिली मंजूरी
- स्ट्रीट वेंडर को वेंडिंग जोन में बसाने का प्रस्ताव भी हुआ स्वीकृत, अभी दो जगह तैयार किया गया है वेंडिंग जोन, और भी बनाए जाएंगे
-जोन पांच में जरूरी संसाधन और स्टाफ के प्रस्ताव पर भी सहमति बनी
-आपत्ति निस्तारण के बार डेयरी उपविधि के सरकारी गजट के प्रकाशन को मिली अनुमति यानी अब शहरी इलाकों में डेयरी संचालित करने के लिए तय मानकों का पालन करना पड़ेगा। पहले कोई बायलाज नहीं होने की वजह से कार्रवाई में दिक्कत होती थी।
-श्वान उपविधि के गजट प्रकाशन पर भी मुहर लगी। श्वान पालने के लिए पंजीकरण समेत अन्य नियमों का अब कड़ाई से पालन कराया जाएगा।
- स्वच्छ भारत मिशन के तहत सफाई के लिए जरूरी संसाधन का प्रस्ताव भी अनुमोदित
- सफाई मित्र कल्याण कोष बनेगा, निगम के सभी कर्मचारी साल भर में एक दिन का वेतन देगा
ये भी मुद्दे उठे
- वर्तमान जनसंख्या के हिसाब से वार्डों में सफाई कर्मचारी और संसाधन बढ़ाया जाए, अभी 10 हजार पर 28 कर्मचारी का प्रविधान है।
-दिग्विजयनगर के पार्षद ऋषि मोहन वर्मा ने वार्ड में दो साल पहले 13 लाख की सड़क का टेंडर होने के बाद भी काम नहीं शुरू करने की मांग उठाई
- रामजानकीनगर के पार्षद अशोक मिश्र ने जल निकासी की समस्या उठाते हुए कहा की वार्ड की बड़ी जनसंख्या इससे परेशान है।
- सिविल लाइन द्वितीय के पार्षद देवेंद्र उर्फ पिंटू गौड़ ने वार्ड में अवैध डेयरी के संचालन से गंदगी का मुद्दा उठाया
- हनुमंत नगर की पार्षद रंजुला रावत ने गरीबों के अंतिम संस्कार के लिए गाड़ी और अन्य जरूरी संसाधन उपलब्ध कराने की मांग की।
- घंटाघर के पार्षद जियाउल इस्लाम ने जल मूल्य के प्रस्ताव पर बाद में चर्चा करने का मुद्दा उठाया। अभी 12 प्रतिशत जलकर लगता है।
ये भी पढ़ें -
UP News: धार्मिक स्थल का सरकारी जमीन पर हो रहा था अवैध निर्माण, SDM ने चलवाया बुलडोजर; दी ये चेतावनी