IRCTC वेबसाइट पर घर बैठे बुक हो जा रहे 80 से 85 प्रतिशत कंफर्म ट्रेन टिकट, काउंटरों पर पसरने लगा है सन्नाटा
भारतीय रेलवे अपने यात्रियों की सुविधा का खास ख्याल रखती है। समय-समय पर नई सुविधा उपलब्ध कराती है। ऐसे में ऑनलाइन टिकट बुकिंग का क्रेज लोगों में काफी बढ़ गया है। ज्यादातर लोग IRCTC की वेबसाइट से या अधिकृत एजेंट के माध्यम से टिकट बुक कर रहे हैं।
गोरखपुर, जागरण संवाददाता। Indian Railway: रेलवे के 80 से 85 प्रतिशत आरक्षित टिकट घर बैठे बुक हो जा रहे। अधिकतर लोग मोबाइल से ही इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कारपोरेशन (IRCTC) की वेबसाइट से टिकट बुक कर ले रहे, तो कुछ अधिकृत एजेंट के माध्यम से। 15 से 20 प्रतिशत लोग ही काउंटर पहुंच रहे हैं। उनके हाथ भी सिर्फ वेटिंग टिकट ही आ रहा है।
रेलवे के आरक्षण काउंटरों पर पसरने लगा है सन्नाटा
आनलाइन टिकट बुक होने से रेलवे के आरक्षण काउंटरों पर सन्नाटा पसरने लगा है। गोरखपुर के आरक्षण काउंटर से प्रतिदिन 12 से 15 सौ लोग ही टिकट बुक कर रहे हैं। कोविड काल के पहले यह संख्या पांच हजार के आसपास थी। जानकारों का कहना है कि धीरे-धीरे यह संख्या भी लगभग समाप्त हो जाएगी। रेलवे प्रशासन ने काउंटरों से आरक्षण टिकटों की बिक्री में भी जनभागीदारी बढ़ाने की तैयारी तेज कर दी है।
टिकटों की मैनुअल बिक्री के लिए खोले जा रहे वाइटीएसके
आरक्षित टिकटों की मैनुअल बिक्री के लिए यात्री टिकट सुविधा केंद्र (वाइटीएसके) खोले जा रहे हैं। लखनऊ मंडल प्रशासन ने गोरखपुर और लखनऊ जंक्शन सहित 37 स्टेशनों के आसपास यात्री टिकट सुविधा केंद्र (वाइटीएसके) खोलने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। वाराणसी मंडल ने भी देवरिया, भटनी और बेल्थरारोड सहित 28 स्टेशनों पर वाइटीएसके के लिए निविदा आमंत्रित कर दिया है। आने वाले दिनों में आरक्षण टिकट काउंटर भी पूरी तरह निजी हाथों में चले जाएंगे।
जनरल के यात्रियों को भी डिजिटल प्लेटफार्म पर लाने की तैयारी तेज
आरक्षण के बाद जनरल टिकट के यात्रियों को भी पूरी तरह डिजिटल प्लेटफार्म पर लाने की कवायद तेज हो गई है। लखनऊ मंडल प्रशासन ने अभियान चलाकर 58 हजार यात्रियों के मोबाइल पर यूटीएस एप रजिस्टर्ड किया है। लोगों को मोबाइल यूटीएस एप से जनरल टिकट बुक करने के लिए जागरूक करने के साथ उसकी सुविधाओं के बारे में जानकारी दी जा रही है। जनरल टिकट काउंटरों को भी निजी हाथों में देने की प्रक्रिया तेज हो गई हैं। स्टेशनों के काउंटरों पर टिकट बुकिंग एजेंट (एसटीबीए) बैठने लगे हैं।