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UP News: गोरखपुर में ऑक्सीजन प्लांट लगे, फिर भी खरीदने पड़ रहे सिलेंडर

गोरखपुर के अस्पतालों में लगे ऑक्सीजन प्लांट मरीजों के लिए मुसीबत बन गए हैं। कई प्लांट तो स्थापना के समय से ही खराब चल रहे हैं। जबकि अनुरक्षण की जिम्मेदारी साइरेक्स कंपनी को दी गई है। अस्पतालों के अधीक्षक कंपनी से शिकायत करते हैं लेकिन समस्या का हल नहीं निकलता है। एक बड़े सिलेंडर में आक्सीजन रीफिलिंग का खर्च 350 रुपये है।

By Gajadhar Dwivedi Edited By: Vivek Shukla Updated: Sat, 24 Aug 2024 09:41 AM (IST)
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अपने स्थापना काल से ही खराब पड़ा सीएचसी सहजनवां का ऑक्सीजन प्लांट। जागरण

गजाधर द्विवेदी, गोरखपुर। कोरोना संक्रमण काल के दौरान एक तरफ लोगों की सांसें धीमी हो गईं तो दूसरी तरफ आक्सीजन बाजार से गायब हो गया था। रोगियों की दुश्वारियों को देखते हुए सरकार ने सभी बड़े व छोटे अस्पतालों में 2022 में आक्सीजन जनेरेशन प्लांट की स्थापना कराई। लेकिन आज भी अनेक अस्पतालों में आक्सीजन खरीदने पड़े रहे हैं, क्योंकि प्लांट चल ही नहीं रहा है।

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (सीएचसी) में प्रतिमाह लगभग 30 सिलेंडर खरीदने पड़ रहे हैं। एक बड़े सिलेंडर में आक्सीजन रीफिलिंग का खर्च 350 रुपये है।

अनेक प्लांट तो स्थापना के समय से ही खराब चल रहे हैं। जबकि अनुरक्षण की जिम्मेदारी साइरेक्स कंपनी को दी गई है। अस्पतालों के अधीक्षक कंपनी से शिकायत करते हैं लेकिन समस्या का हल नहीं निकलता है। बड़हलंगज के खड़ेसरी स्थित शहीद राजा हरिप्रसाद मल्ल राजकीय होम्योपैथिक मेडिकल कालेज में लगा आक्सीजन प्लांट केवल एक माह चला था।

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इसके बाद परिसर में बाढ़ व बारिश का पानी भर गया। काफी दिनों तक पानी जमा रहा। जब पानी हटा तो प्लांट चलने लायक नहीं था। उसे ठीक कराने की कोशिश की गई लेकिन आज तक वह चल नहीं पाया। सीएचसी कैंपियरगंज में लगे प्लांट का टैंक ही फट गया है।

उसे बीच में बनवाया गया लेकिन फिर फट गया। तबसे यह आक्सीजन का उत्पादन नहीं कर पा रहा है। सीएचसी सहजनवां में लगा प्लांट आज तक चालू नहीं हो पाया। अधीक्षक डा. व्यास कुशवाहा ने बताया कि प्लांट की कमियां दुरुस्त करने के लिए अनुरक्षण कंपनी को पत्र लिखा गया है। लेकिन अभी तक प्लांट ठीक नहीं हो पाया है।

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पिपरौली, बांसगांव, हरनही, चौरीचौरा समेत जहां प्लांट ठीक हैं, वहां बिजली की आपूर्ति बाधित होने व बोल्टेज कम होने से प्लांट नहीं चल पा रहे हैं। जबकि सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर जेनेरेटर रखे गए हैं। डीजल बचाने के लिए उनका उपयोग नहीं किया जाता है।

नोडल अधिकारी आक्सीजन प्लांट डा. एके चौधरी ने कहा कि कैंपियरगंज, बड़हलगंज, सहजनवां के आक्सीजन प्लांट खराब हैं। अनुरक्षण कंपनी को सूचना दी गई है। ठीक कराने की प्रक्रिया चल रही है। शीघ्र ही उन्हें ठीक कराकर संचालित करा दिया जाएगा।