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Gorakhpur News: धान क्रय की व्यवस्था में बड़ा बदलाव, सहकारिता विभाग से पंजीकृत समितियों पर नहीं होगी खरीद

गोरखपुर जिले में एक नवंबर से धान की खरीद शुरू होगी। इस दौरान सहकारिता विभाग से पंजीकृत समितियों पर धान का क्रय नहीं किया जाएगा। बदलाव के बाद भी जिले में 125 क्रय केंद्रों को अनुमोदन मिल चुका है।

By Umesh PathakEdited By: Pragati ChandUpdated: Sun, 30 Oct 2022 08:38 AM (IST)
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धान खरीद की तैयारियों की समीक्षा करते संभागीय खाद्य नियंत्रक महेंद्र सिंह तंवर। सौ. आरएफसी
गोरखपुर, उमेश पाठक। धान खरीद की व्यवस्था में इस साल महत्वपूर्ण परिवर्तन किया गया है। सहकारिता विभाग से पंजीकृत समितियों पर इस बार खरीद नहीं की जाएगी। शुरू में उन्हें केंद्र के रूप में अनुमोदित कराया गया था लेकिन शासन के निर्देश के बाद सभी को क्रय केंद्रों की सूची से हटा दिया गया। इस बार केवल विपणन विभाग एवं सहकारिता विभाग के सीधे नियंत्रण वाली समितियों पर ही खरीद कराई जाएगी। इस बदलाव के बाद भी गोरखपुर में 125 क्रय केंद्रों को अनुमोदन मिल चुका है और वहां धान क्रय को लेकर तैयारियां भी पूरी की जा चुकी हैं।

पहले ही 125 केंद्र किए गए थे अनुमोदित

जिले में बहुत पहले ही 125 केंद्र अनुमोदित करा लिए गए थे लेकिन बाद में सहकारिता विभाग से पंजीकृत निजी समितियों को इस सूची से हटाना पड़ा। गोरखपुर में कोई कृषक उत्पादक संगठन (एफपीओ) भी धान खरीद के लिए आगे नहीं आया है। वर्तमान में जो 125 केंद्र अनुमोदित हैं, उनमें विपणन विभाग एवं सहकारिता विभाग के सीधे नियंत्रण वाली समितियां ही शामिल हैं। शासन की ओर से 131 केंद्र खोलने का लक्ष्य दिया गया है। पिछले साल 148 केंद्र खोले गए थे। इस बार न्यूनतम समर्थन मूल्य दो हजार 40 रुपपये प्रति क्विंटल है।

सात हजार किसानों का हुआ पंजीकरण

अभी तक सात हजार किसानों का पंजीकरण कराया गया है। एक केंद्र पर 600 क्विंटल धान खरीदा जाएगा। शुरूआती एक सप्ताह में बहुत कम किसानों के आने की संभावना है। धान में नमी होने के कारण यह स्थिति आई है। डिप्टी आरएमओ राकेश मोहन पांडेय ने बताया कि जिले में बोरे पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं। दो हजार गांठ बोरे उपलब्ध हैं। सभी केंद्रों पर तौल मशीन उपलब्ध है। पेंटिंग आदि का काम भी कराया जा चुका है। सभी केंद्रों पर अस्वीकृति रजिस्टर भी होगा। उन्होंने किसानों से अपील की है कि वे पंजीकरण जरूर करा लें। केंद्रों तक धान लाने से पहले उसे पूरी तरह से सुखा लें। किसानों को केंद्र पर इंतजार नहीं करना होगा जबकि जो पहले आएगा, उसका धान खरीदा जाएगा।

केंद्र घटे, बढ़ा है लक्ष्य

इस बार केंद्र खोलने का लक्ष्य तो घटा दिया गया है लेकिन धान खरीद का लक्ष्य बढ़ा दिया गया है। इस साल एक लाख 80 हजार मीट्रिक टन धान खरीदना है, पिछले साल यह लक्ष्य एक लाख 68 हजार मीट्रिक टन था। अनुमान है कि जिले में इस बार करीब चार लाख 80 हजार मीट्रिक टन उत्पादन की संभावना है जबकि पिछले साल पांच लाख 50 हजार मीट्रिक टन उत्पादन हुआ था।

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