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जितनी लंबी उम्र, उतनी अधिक आक्सीजन देता है पाकड़, जानिए इसके लाभ

Pakad Tree Benefits दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में वनस्पति शास्त्र की विभागाध्यक्ष डा.पूजा के अनुसार पाकड़ जुझारू पेड़ होता है। इसकी शाखा भी पनप जाती है। इसका पेड़ घना होकर शीतल छाया देता है। इससे आक्सीजन उत्सर्जन अधिक होता है।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Updated: Wed, 30 Jun 2021 11:46 AM (IST)
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दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विवि में लगा पाकड़ का पेड़। जागरण

गोरखपुर, जितेंद्र पांडेय। पंचवटी यानी वट, पीपल, पाकड़, करील और रसाल में शामिल प्रमुख पेड़ पाकड़ मानव शरीर के साथ पर्यावरण के लिए औषधि का काम करता है। सैकड़ों साल तक जीवित रहने और किसी भी परिस्थिति में पनपने की क्षमता, सबसे कम पतझड़ काल, सर्वाधिक पत्तियों के कारण पाकड़ बढ़ती उम्र के साथ आक्सीजन उत्सर्जन बढ़ाता है। महर्षि पतंजलि ने प्लक्ष (पाकड़ का संस्कृत नाम) का वर्णन औषधि के रूप में किया है। बरगद, पीपल व गूलर की तरह दूध युक्त इस पेड़ के फल, जिसे पकुआ कहते हैं, खाने के काम आता है। थाईलैंड में तो इसकी पत्तियां साग के तौर पर खाई जाती हैं। घर के उत्तर में पाकड़ का पेड़ लगाना ज्योतिषीय दृष्टि से शुभ माना जाता है।

इसके लाभ

  • छाल का काढ़ा हड्डियां मजबूत करता है
  • पत्तियां मधुमेह नियंत्रित रखने के काम आती हैं
  • चोट लगने या कटने पर छाल का चूर्ण डालने से रक्त स्नाव बंद हो जाता है
  • नासूर के लिए पाकड़ रामबाण औषधि है। पाकड़ की छाल का काढ़ा पीना लाभप्रद होता है
  • छाल को पानी में उबालकर उस पानी से नहाने से पसीने की बदबू धीरे-धीरे खत्म होने लगती है
  • पाकड़ की छाल घी में पीसकर लगाने से त्वचा की जलन शांत होती है, त्वचा संबंधी रोग दूर होते हैं
  • छाल के काढ़े का कुल्ला दांत दर्द और मुंह की बदबू से निजात दिलाता है। छाल का चूर्ण भी लाभप्रद होता है
  • छाल के सेवन से रक्त पित्त दोष व वायु दोष से भी निजात मिलती है। इसका फल भी वायु दोष से मुक्ति दिलाता है
  • श्वेत प्रदर (ल्यूकोरिया) और रक्त प्रदर में पाकड़ की छाल का काढ़ा लाभप्रद होता है। रक्त प्रदर में छाल का चूर्ण भी प्रयोग कर सकते हैं

नमी में तेजी से पनपता: प्रभागीय वन अधिकारी अविनाश कुमार के अनुसार पाकड़ के लिए उत्तरी भारत की जलवायु बेहद मुफीद होती है। यह नमी में तेजी से पनपता है। किसी भी मिट्टी में आसानी से उग जाता है, पर हल्की बलुई व चिकनी मिट्टी बेहतर रहती है। बरसात के समय इसके पौधे रोपना अच्छा रहता है।

जुझारू पेड़ है पाकड़: दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में वनस्पति शास्त्र की विभागाध्यक्ष डा.पूजा के अनुसार पाकड़ जुझारू पेड़ होता है। इसकी शाखा भी पनप जाती है। इसका पेड़ घना होकर शीतल छाया देता है। अधिक उम्र तक जीवित रहने, अधिक पत्तियों और सबसे छोटा पतझड़ काल होने के कारण पाकड़ में प्रकाश संश्लेषण की क्रिया हमेशा होती है। इससे आक्सीजन उत्सर्जन अधिक होता है।

(नोट: आयुर्वेदाचार्य से विधि व मात्र के बारे में सलाह लेकर ही इसका प्रयोग करें।)