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नेपाल में इस्लाम फैलाने का जाल बिछा रही पाकिस्तानी संस्था, यूपी के सात जिलों में भी खतरा; अलर्ट मोड पर प्रशासन

पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान ने नेपाल में इस्लाम फैलाने के लिए जाल बिछाया है। दावत-ए-इस्लामी नामक संस्था नेपाल के बांके जिले में एक शैक्षणिक संस्था खोली है जिसका उद्देश्य गरीब युवाओं और महिलाओं को मुस्लिम धर्म का कट्टर अनुयायी बनाना है। खुफिया एजेंसियों को इस संस्था की संदिग्ध गतिविधियों की जानकारी मिली है और उन्होंने उत्तर प्रदेश के सात जिलों के पुलिस कप्तानों को सतर्क रहने के लिए कहा है।

By Satish pandey Edited By: Riya Pandey Updated: Wed, 11 Sep 2024 08:21 PM (IST)
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नेपालगंज में शैक्षणिक संस्था की आड़ में मुस्लिम धर्म का प्रचार-प्रसार

सतीश पांडेय, गोरखपुर। पाकिस्तानी के कराची से संचालित संस्था दावत-ए-इस्लामी दक्षिण अफ्रीका, मलावी जैसे देशों के बाद अब नेपाल में इस्लाम फैलाने का जाल बिछा रहा है।

उत्तर प्रदेश के श्रावस्ती जिले से सटे नेपाल के बांके (नेपालगंज) में इसने फैजाने उम्मुल खैर फातिमा इंस्टीट्यूट आफ आलिम कोर्स आफ गर्ल्स नाम से शैक्षणिक संस्था खोली है। इसका उद्देश्य गरीब युवाओं, महिलाओं को मुस्लिम धर्म का कट्टर अनुयायी बनाकर मतांतरण करना है। इंटेलिजेंस के इस खुफिया इनपुट पर सुरक्षा एजेंसियों को अलर्ट किया गया है।

नेपाल से सटे यूपी के सात जिलों में पुलिस चौकन्ना

एसपी कानून-व्यवस्था ने नेपाल सीमा से सटे उत्तर प्रदेश के सात जिलों के पुलिस कप्तान को चौकन्ना रहने के साथ यहां संचालित धार्मिक गतिविधियों पर नजर रखने को कहा है।

खुफिया विभाग को पता चला है कि दावत-ए-इस्लामी शिक्षा की आड़ में मुस्लिम धर्म का प्रचार-प्रसार करता है। नेपालगंज के वार्ड नंबर सात में खोली गई शैक्षणिक संस्था का उद्देश्य भी यही है। संस्था में शिक्षा के अलावा संदेहास्पद गतिविधि संचालित होने व भारी मात्रा में विदेश से फंड आने की जानकारी एजेंसी को मिली है। संदेह है कि यह संस्था शिक्षा के नाम पर स्थानीय लोगों में इस्लाम का प्रचार-प्रसार करने के साथ उन्हें मतांतरण के लिए भी प्रेरित करे।

धार्मिक गतिविधियों की निगरानी शुरू

पुलिस अधीक्षक कानून व्यवस्था शैलेंद्र कुमार राय ने महराजगंज, सिद्धार्थनगर, बलरामपुर, श्रावस्ती, बहराइच, पीलीभीत व लखीमपुर खीरी के पुलिस कप्तान को इससे अवगत कराते हुए अतिरिक्त सतर्कता बरतने को कहा है। पुलिस के साथ ही सुरक्षा व खुफिया एजेंसियों की टीमों ने सीमा क्षेत्र के गांव व कस्बों में चल रही धार्मिक गतिविधियों की निगरानी शुरू कर दी है।

172 देशों में सक्रिय है दावत-ए-इस्लामी

मौलाना मोहम्मद इलियास अतर कादरी दावत-ए-इस्लामी का संस्थापक है, जो कराची में बैठकर नेटवर्क को संचालित करता है। इसने अब्दुल रहमान मियां को नेपालगंज में संस्था का प्रमुख नियुक्त किया है।

दुनिया के 172 देशों में सक्रिय यह संस्था अमीर देशों में धार्मिक कार्यक्रम का आयोजन कर फंड जुटाती है। इसके बाद छोटे और गरीब देशों में शैक्षणिक संस्थाएं खोलकर शिक्षा की आड़ में इस्लाम धर्म का प्रचार प्रसार कर लोगों को मतांतरण के लिए प्रेरित करती है।

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250 से अधिक मदरसों का कर चुकी है सत्यापन

सीमाई इलाके की बदलती डेमोग्राफी चिंताजनक भारत नेपाल सीमा की डेमोग्राफी (जनसमुदाय की आबादी) एक दशक में तेजी से बदली है। बड़ी संख्या में बाहरी लोग यहां जमीन खरीदकर मकान बनवा रहे हैं। इनमें ज्यादातर ऐसे हैं, जिनके पास भारत व नेपाल की दोहरी नागरिकता है। 10 वर्ष के भीतर बाहरी फंडिंग से यहां कई मदरसे खुले हैं। खुफिया एजेंसियां 250 से अधिक मदरसों का सत्यापन कर चुकी हैं।

गृह मंत्रालय के निर्देश पर यूपी पुलिस सीमा से सटे सात जिलों में देशविरोधी तत्वों पर अंकुश लगाने के लिए ऑपरेशन कवच चला रही है। 10 किलोमीटर परिधि में पुलिस पेट्रोलिंग करने के साथ ही गांव और कस्बे में स्थानीय थाना, एलआइयू (लोकल इंटेलीजेंस यूनिट) के साथ हर माह चौपाल भी लगा रही है।

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