गोरखपुर जेल में बंद पाकिस्तानी जासूस व शातिरों की बाडी वार्न कैमरे से की जा रही निगरानी, अलर्ट पर जेल प्रशासन
गोरखपुर जेल में बंद पाकिस्तानी जासूस और टॉप-10 खतरनाक बदमाशों की बाडी वार्न कैमरे से निगरानी की जा रही है। साथ ही सारी गतिविधियों की रिपोर्ट कारागार मुख्यालय भेजी जा रही है। चित्रकूट जेल में अब्बास-निखत प्रकरण के बाद संवेदनशील जेलों की चौकसी बढ़ा दी गई है।
By Jagran NewsEdited By: Jagran News NetworkUpdated: Sun, 12 Mar 2023 10:54 AM (IST)
जागरण संवाददाता, गोरखपुर : जिला कारागार में निरुद्ध पाकिस्तानी जासूस समेत दूसरे जिलों से स्थानांतरित होकर आए बदमाशों की गतिविधि पर बाडी वार्न कैमरे से नजर रखी जा रही है। इनकी गतिविधियों की रिपोर्ट फुटेज के साथ रोजाना कारागार मुख्यालय भेजी जा रही है।
टॉप-10 अपराधियों की जा रही निगरानी
जेल में लगे सीसी कैमरे से भी बंदियों से मिलने आने वालों की निगरानी की जा रही है। चित्रकूट जेल में बंद रहे मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास व बहू के पकड़े जाने के बाद प्रदेश की 15 संवेदनशील जेलों में चौकसी बढ़ा दी गई है। यहां सीसी कैमरे के साथ बाडी वार्न कैमरे से भी टॉप-10 और खतरनाक बदमाशों की निगरानी की जा रही है।
बाडी वार्न कैमरे से की जा रही निगरानी
संवेदनशील जेलों की सूची में गोरखपुर का भी नाम होने से यहां बंदियों की चौकसी बढ़ा दी गई है। हाई सिक्योरिटी बैरक में रखे गए पाकिस्तानी जासूस मोहम्मद मसरूफ उर्फ गुड्डू के साथ ही आजमगढ़, जौनपुर, वाराणसी से स्थानांतरित होकर आए बदमाशों की निगरानी बाडी वार्न कैमरे से की जा रही है।हाई सिक्योरिटी बैरक में लगाए गए कैमरा
गोरखपुर जेल में छह बाडी वार्न कैमरे हैं। जेल प्रशासन ने तीन कैमरे हाई सिक्योरिटी बैरक और शेष को सर्किल में ड्यूटी करने वाले बंदी रक्षकों को दिए हैं।
बंदी रक्षकों को दिया गया है प्रशिक्षण
जेल में आए बाडी वार्न कैमरे की बैट्री का बैकअप पांच घंटे का है। इसके संचालन के लिए बंदीरक्षकों और अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया गया है। कैमरे का संचालन, मानिटरिंग, रिकार्डिंग, स्टोरेज के लिए जेल में कंट्रोल रूम बनाया गया है।2019 में गोरखपुर जेल में लाया गया था पाकिस्तानी जासूस
पाकिस्तान के कराची निवासी मसरूफ उर्फ गुड्डू को 2008 में बहराइच पुलिस ने जासूसी, देशद्रोह, जालसाजी और साजिश रचने के आरोप में पकड़ा था। वर्ष 2013 में मसरूफ को आजीवन कारावास की सजा हुई है। इसके बाद वर्ष 2015 में उसे वाराणसी सेंट्रल जेल में भेजा गया। कैदियों को उकसाने और विद्रोह करने के आरोप में वर्ष 2019 में शासन के निर्देश पर मसरूफ को गोरखपुर जेल लाया गया। यहां उसे हाई सिक्योरिटी बैरक में रखा गया है।
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