छपरा में एसी कोचों में जनरल यात्रियों की भीड़ बढ़ने से अफरातफरी मच गई। गोरखपुर के प्लेटफार्म नंबर छह पर ट्रेन के पहुंचने पर एसी में घुसे अनधिकृत यात्रियों को जनरल कोचों में भेजा गया। लखनऊ-गोरखपुर-छपरा रूट पर ट्रेनों के निरस्तीकरण ने मुश्किलें बढ़ा दी हैं। एक तो इंटरसिटी और मौर्य जैसी प्रमुख ट्रेनें स्टेशन यार्डों में खड़ी हैं जो चल रही हैं उनमें भी जगह नहीं मिल रही।
प्रेम नारायण द्विवेदी, गोरखपुर।
डिब्रूगढ़ से लालगढ़ जा रही 15909 नंबर की अवध-असम एक्सप्रेस के एसी कोचों में कन्फर्म टिकट के यात्री हिल-डुल नहीं पा रहे हैं। अपनी बर्थ पर दुबके हुए बैठे हैं। एसी के सभी कोच जनरल व अन्य अनधिकृत यात्रियों से भरे हैं। चारों तरफ भीड़ हैं। कोचों में गंदगी फैली हुई है।
सफाईकर्मी भी नहीं दिख रहे हैं। बुलाने पर भी नहीं आ रहे हैं। ट्रेन के छपरा स्टेशन पर पहुंचने पर स्थिति और खराब हो गई है। एसी के यात्रियों की यह गुहार रेलवे बोर्ड से होते हुए जब पूर्वोत्तर रेलवे के कंट्रोल रूम में पहुंची तो संबंधित अधिकारियों और सुरक्षाबलों के कान खड़े हो गए।
यह होने तक ट्रेन छपरा से आगे के लिए रवाना हो गई थी।
ट्रेन आगे बढ़ने लगी और सुरक्षाबल के जवान सिवान, भटनी, देवरिया स्टेशन पहुंचकर एसी कोचों से अनधिकृत यात्रियों को उतारने लगे। शाम छह बजे के आसपास छपरा से रवाना हुई ट्रेन रात जब 12 बजे गोरखपुर पहुंची तो एसी के अधिकतर यात्री जनरल कोचों में शिफ्ट किए जा चुके थे। गोरखपुर के प्लेटफार्म नंबर छह पर ट्रेन के पहुंचने पर एसी में घुसे शेष अनधिकृत यात्रियों को जनरल कोचों में भेजा गया।
साथ ही एसी कोचों की समुचित सफाई और धुलाई कराई गई। ट्रेन गोरखपुर से छूटी तो एसी के यात्रियों ने राहत की सांस ली। इस दौरान एसी कोचों में अफरातफरी मची रही। छपरा स्टेशन पर तो जनरल और स्लीपर में कोचों में चढ़ने की जगह ही नहीं बची थी। गेटों पर यात्री खड़े थे। ऐसे में जनरल के सभी यात्री एसी में चढ़ गए।
कुछ देर के लिए भगदड़ की स्थिति बन गई।
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रअसल, लखनऊ-गोरखपुर-छपरा रूट पर ट्रेनों के निरस्तीकरण ने यात्रियों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। एक तो इंटरसिटी और मौर्य जैसी प्रमुख ट्रेनें स्टेशन यार्डों में खड़ी हैं, जो चल रही हैं, उनमें भी जगह नहीं मिल रही। गोरखपुर-छपरा रूट की स्थिति और खराब हो गई है। जनरल में जगह नहीं मिल रही तो यात्री एसी कोचों में चढ़ जा रहे। जनरल ही नहीं एसी कोचों के गेट, गैलरी और टायलेट फुल हो जा रहे हैं।
पूर्वोत्तर रेलवे के विभिन्न रूटों पर निरस्त हैं 150 ट्रेनें
पूर्वोत्तर रेलवे के विभिन्न रूटों और विभिन्न तिथियों में 150 ट्रेनें निरस्त हैं। गोरखपुर-छपरा रूट पर तो 26 ट्रेनें कैंसिल हैं, जिसमें गोरखपुर-सिवान-छपरा, थावे, भटनी रूट की अधिकतर पैसेंजर ट्रेनें (सवारी गाड़ी) शामिल हैं। एक तो ट्रेनें निरस्त हैं, जो चल रही हैं, उनमें दो से तीन जनरल कोच ही लग रहे हैं। ऐसे में जनरल टिकट पर यात्रा करने वाले लोगों की परेशानी और बढ़ गई है।
रेल मदद पर अनधिकृत यात्रियों की आती हैं सर्वाधिक शिकायतें
रेल मदद एप पर रोजाना लगभग 240 से 250 आनलाइन शिकायतें आती हैं। इनमें सर्वाधिक लगभग 20 प्रतिशत शिकायतें एसी व स्लीपर कोचों में अनधिकृत यात्रियों के जबरदस्ती घुसने की होती है। ट्रेनों की लेटलतीफी की शिकायत करीब 15 प्रतिशत, विद्युत और एसी की 14, कोच में गंदगी की 14 और बेडरोल से संबंधित 12 प्रतिशत शिकायतें होती हैं। हालांकि, रेलवे प्रशासन 10 से 15 मिनट में शिकायतों का निस्तारण करा देता है।
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