International Yoga Day 2024: लंदन से बुजुर्ग दंपती को खींच लाई योग की धरा, ऐसे खत्म हो गया जोड़ों का दर्द
International Yoga Day 2024 आज 21 जून को पूरे विश्व में योग दिवस मनाया जा रहा है। ऐसे में हम आपको गोरखपुर के आरोग्य मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं जहां लोग विदेश से आकर अपना इलाज मात्र योग से कर रहे हैं। आज भी महायोगी गुरु गोरखनाथ व योगानंद की धरती गोरखपुर में योग की अलख जग रही है।
गजाधर द्विवेदी, गोरखपुर। महायोगी गुरु गोरखनाथ व योगानंद की धरती गोरखपुर में आज भी योग की अलख जग रही है। योग से होने वाले स्वास्थ्य लाभों को देखते हुए लंदन से दंपती गोरखपुर खिंचे चले आए और आरोग्य मंदिर में योगाभ्यास कर स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं।
मूलत: पंजाब के रहने वाले 81 वर्षीय साेहन लाल व उनकी पत्नी 78 वर्षीय कुलदीप कौर लगभग 60 वर्षों से लंदन में रहते हैं। सोहन लाल सीवियर रूमेटाइड आर्थराइटिस से पीड़ित हैं। उनकी पत्नी जोड़ों के दर्द, पैरों में जलन व अनिद्रा से परेशान थीं।
वे तीन जून को गोरखपुर पहुंचे, तबसे योगाभ्यास व अन्य प्राकृतिक साधनों से उपचार करा रहे हैं। अब उन्हें रूमेटाइटड आर्थराइटिस, जोड़ों के दर्द, पैरों में जलन व अनिद्रा से राहत मिल गई है। वे आनंदित हैं।
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सोहनलाल लगभग 30 वर्षों से रूमेटाइड आर्थराइटिस से परेशान हैं। 1996 में वह पंजाब आए थे। वहां एक रिश्तेदार से मिलने उनके घर गए थे। उनके यहां आरोग्य मंदिर से छपने वाली मासिक पत्रिका 'आरोग्य' का अंक देखा। उसे पढ़ा और आरोग्य मंदिर आ गए।
यहां एक माह तक उपचार कराया। काफी आराम हो गया था। दवा भी छूट गई थी। जब वे पुन: लंदन गए तो आरोग्य मंदिर की जीवन शैली का पालन करते रहे लेकिन पूरी तरह पालन न हो पाने की वजह से दर्द बढ़ गया। आधुनिक चिकित्सा पद्धति में उपचार शुरू किया।
दो साल पहले उनकी पत्नी कुलदीप कौर को पैरों में जलन, जोड़ों में दर्द व अनिद्रा की समस्या होने लगी। उन्होंने दवा कराई लेकिन आराम नहीं मिला। सोहनलाल को आरोग्य मंदिर की स्मृतियां ताजी हो आईं, उम्र ज्यादा होने के बावजूद उन्होंने पत्नी के साथ यहां आने का निर्णय लिया।
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सोहनलाल व कुलदीप कौर ने बताया कि हम आधुनिक चिकित्सा पद्धति की दवा खाते हैं तो थोड़ा आराम जरूर होता है लेकिन उससे दूसरे तरह की दिक्कतें शुरू हो जाती हैं। इस वजह से आरोग्य मंदिर आने का निर्णय लिया। यहां आए मात्र 13 दिन हुए लेकिन बहुत आराम है। दवा भी नहीं खा रहे हैं। लंदन जाकर यही जीवनशैली अपनाएंगे। योग के प्रति लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से प्रतिवर्ष 21 जून को विश्व योग दिवस मनाया जाता है।
योगाभ्यास से खुल गए जाम कंधे
लखनऊ की अंजली रस्तोगी के दोनों कंधे जाम थे, वह फ्रोजेन सोल्डर व जोड़ों के दर्द से परेशान थीं। 15 दिन के योगाभ्यास से दोनों कंधे खुल गए हैं। एक साल से इन बीमारियों से पीड़ित अंजली ने बताया कि अब उन्हें राहत मिल गई है। जिन आसनों व प्राणायाम का अभ्यास कराया गया और जो आहार-विहार की शिक्षा दी गई। घर जाने पर भी उनका पूरा पालन करूंगी।
योगाचार्य डा. पीयूष पाणि पांडेय ने कहा कि योग जीवन का अनिवार्य हिस्सा है। यदि योगासनों व प्राणायाम का नियमित अभ्यास किया जाए तो कई तरह की गंभीर बीमारियां दूर रहती हैं। जो बीमारियां हो गई हैं, उन्हें खत्म करने में भी मदद मिलती है।