सिपाही-डॉक्टर मारपीट मामला: गोरखपुर में अधिवक्ताओं की अर्जी पर कोर्ट ने थाने से मांगी रिपोर्ट, विवाद थमने का नहीं ले रहा नाम
उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले में बीते दिनों एक हैरान करने वाला मामला सामने आया था। यहां एक सिपाही अपनी पत्नी को दिखाने के लिए डॉक्टर अनुज सरकारी यहां पहुंचा। वहां किसी बात को लेकर बहस हो गई और डॉक्टर के कर्मचारियों ने मिलकर सिपाही को पीट दिया। इस बात का बदला लेने के लिए सिपाही ने हथौड़े से डॉक्टर का सिर फोड़ दिया। सिपाही फिलहाल जेल में है।
जागरण संवाददाता, गोरखपुर। सिपाही को पीटने के मामले में डा. अनुज सरकारी पर केस दर्ज कराने के लिए अधिवक्ताओं ने बुधवार को कोर्ट में बीएनएस 175 (3) के तहत मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजीएम) के यहां प्रार्थना पत्र डाला है। अधिवक्ता ऋषिकेश पांडेय ने यह अर्जी डालने के साथ ही सिपाही पंकज कुमार के जमानत के लिए भी अर्जी डाली है।
सिविल कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष भानू पांडेय ने बताया कि डाक्टर पर केस दर्ज करने के लिए कोर्ट ने कैंट थाने से इस केस की रिपोर्ट मांगी है। 18 अक्तूबर को सिपाही के जमानत पर भी सुनवाई होनी है। उन्होंने कहा कि अधिवक्ता संघ सिपाही के साथ है। बार एसोसिएशन के अध्यक्ष ने कहा कि जब तक डाक्टर पर कार्रवाई नहीं हो जाती अधिवक्ता प्रयासरत रहेंगे।
जिला कारागार पहुंचे एमएलसी
एमएलसी देवेंद्र प्रताप सिंह के नेतृत्व में बुधवार को एक सिस्ट मंडल पूर्व अध्यक्ष राम सिंह, राधेश्याम सिंह, ओम नारायण पांडे, पार्षद विश्वजीत त्रिपाठी, धर्मेंद्र त्रिपाठी सहित अन्य लोग मंडलीय कारागार गोरखपुर में बंद पुलिस कांस्टेबल पंकज कुमार से मिले।वहां जाकर सिपाही से घटना क्रम के बारे में जाना। उन्होंने सिपाही और उसकी पत्नी द्वारा दी गई दोनों तहरीर पर डा. अनुज सरकारी पर केस दर्ज करने की मांग की।
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