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प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने इंटरनेट मीडिया पर साझा की बखिरा झील की तस्वीरें

दक्षिण एशिया में रामसर साइटों का सबसे बड़ा नेटवर्क भारत में वनस्पतियों और जैव संपदा की रक्षा और प्रकृति के सामंजस्य के साथ रहने के लिए हमारे नागरिकों की प्रतिबद्धता को प्रकट करता है। बखिरा झील की तस्वीरें ट्वीट किए जाने के बाद लोगों में खुशी का माहौल कायम है।

By Navneet Prakash TripathiEdited By: Updated: Fri, 04 Feb 2022 06:06 PM (IST)
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ट्वीट और ट्वीटर पर डाली गई बखिरा झील की फोटो। फोटो सौ. इंटरनेट मीडिया
गोरखपुर, जागरण संवाददाता। संतकबीर नगर जिले में स्थि‍त बखिरा की मोती झील के रामसर साइट में शामिल होने के बाद वन्य जीव अभ्यारण की तस्वीरें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इंटरनेट मीडिया पर साझा की है। उन्होंने बखिरा झील की तस्वीरें पोस्ट करते हुए इसे रामसर साइट में शामिल होने पर बधाई दी। अपने पोस्ट में पीएम ने लिखा है कि भारत के नवीनतम रामसर स्थल की तस्वीरें सुखद है। यूपी का बखिरा वन्य जीव अभ्यारण रामसर साइट में शामिल हुआ।

पीएम ने लिखा दक्षिण एशिया में रामसर साइटों का सबसे बड़ा नेटवर्क

उन्होंने आगे लिखा है कि दक्षिण एशिया में रामसर साइटों का सबसे बड़ा नेटवर्क भारत में वनस्पतियों और जैव संपदा की रक्षा और प्रकृति के सामंजस्य के साथ रहने के लिए हमारे नागरिकों की प्रतिबद्धता को प्रकट करता है। प्रधानमंत्री के द्वारा बखिरा झील की तस्वीरें ट्वीट किए जाने के बाद लोगों में खुशी का माहौल कायम है। लोगों का कहना है बखिरा पक्षी विहार के रामसर साइट में शामिल होने के बाद इसे अंतरराष्ट्रीय ख्याति मिली है। प्रधानमंत्री के द्वारा इसे ट्वीट किया जाना जनपद के लिए बड़ी उपलब्धि है। स्थानीय लोगों ने प्रदेश व केंद्र सरकार का इसे बेहतर कदम बताते हुए विधायक राकेश सिंह बघेल के प्रयासों की भी सराहना की है।

मोती झील की यह विशेषता

जनपद मुख्यालय से उत्तर दिशा में लगभग 20 किमी दूरी पर स्थित बखिरा पक्षी विहार 28.4 किमी क्षेत्रफल में स्थित है। यहां पर विदेशी पक्षियों का कलरव व सुंदर नजारा देखने के लिए दूरदराज से सैलानी आते हैं। मोती झील का सुंदरीकरण होने से यहां पर्यटन की अपार संभावनाएं बन सकती हैं। बखिरा पक्षी विहार में विदेशी पक्षियों का आना-जाना वर्षभर लगा रहता है। यहां पर मछलियों को भी देखने के लिए दूरदराज से लोग आते हैं। विदेशी पक्षियों के अलावा स्थानीय पक्षियों का भी यहां पर जमावड़ा लगा रहता है। सुंदर नजारा देखने के लिए शाम के समय लोग यहां जुटते हैं। झील का सुंदरीकरण न होने के कारण यहां लोगों के बैठने, घूमने तथा वोटिग करने का संसाधन उपलब्ध नहीं होने के कारण ज्यादा संख्या में सैलानी यहां पर नहीं आते हैं।

झील को लेकर जागरण ने लगातार चलाया था अभियान

बखिरा स्थित मोती झील के सुंदरीकरण एवं इसके रामसर साइट में शामिल करने की मांग को लेकर पिछले चार वर्षों से दैनिक जागरण ने लगातार अभियान चलाकर समय-समय पर खबरें प्रकाशित किया था। जिसका संज्ञान लेकर स्थानीय विधायक राकेश सिंह बघेल ने मुख्यमंत्री से मिलकर प्रस्ताव दिया था। छह माह पूर्व प्रदेश सरकार ने केंद्र सरकार को बखिरा झील के रामसर साइट में शामिल करने का प्रस्ताव भेजा था। बीते बुधवार को केंद्र सरकार ने इसे रामसर साइट में शामिल किया है। जिससे समूचे जनपद में खुशी का वातावरण कायम है। स्थानीय लोग इसे अंतरराष्ट्रीय फलक पर पहुंचने की बात कहते हुए प्रसन्नता जाहिर कर रहे हैं।

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