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Gorakhpur News: डॉक्टर बनकर टेक्नीशियन चला रहा था अस्पताल, लापरवाही से जच्चा-बच्चा की गई थी जान; दो गिरफ्तार

कैंपियरगंज क्षेत्र स्थित मां दुर्गा अस्पताल को टेक्नीशियन डाक्टर बनकर चला रहा था। अस्पताल का पंजीकरण अप्रैल 2020 में समाप्त हुई थी। यहां संचालक व डाक्टर की लापरवाही के चलते 22 अगस्त को जच्चा- बच्चा की जान चली गई थी। मामले में आरोपितों पर गैर इरादतन हत्या का केस दर्ज हुआ। जिसके बाद पुलिस आरोपितों की गिरफ्तारी में जुट गई।

By Jagran NewsEdited By: Pragati ChandUpdated: Fri, 25 Aug 2023 03:12 PM (IST)
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जच्चा- बच्चा की मौत मामले में गिरफ्तार आरोपित। -जागरण

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। कैम्पियरगंज के चौमुखा में अवैध रूप से चल रहे मां दुर्गा हास्पिटल का पंजीकरण 30 अप्रैल, 2020 को समाप्त हो गई थी। यहां का ओटी टेक्नीशियन मो. असलम सिद्दीकी ही फर्जी डाक्टर बनकर अस्पताल चला रहा था। उसकी लापरवाही से 22 अगस्त को जच्चा-बच्चा की मृत्यु हो गई थी। पुलिस ने इस मामले में संचालक, फर्जी डाक्टर समेत पांच पर हत्या के प्रयास का केस दर्ज किया था। संचालक गोरखनाथ के पचपेड़वा के शैलेन्द्र नाथ सोलंकी और मैनेजर महराजगंज के कोटा मुकुंदपुर के श्यामसुंदर पासवान की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने धारा बढ़ाते हुए गैर इरादतन हत्या का केस दर्ज कर लिया। दोनों आरोपितों को पुलिस न्यायालय में पेश किया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया। फर्जी डाक्टर व कम्पाउंडर समेत तीन की पुलिस तलाश कर रही है।

पुलिस लाइन में घटना का पर्दाफाश करते हुए एसएसपी डा. गौरव ग्रोवर ने बताया कि आरोपित संचालक ने वर्ष 2019 में मां दुर्गा अस्पताल का पंजीकरण सीएमओ कार्यालय से कराया था। एक वर्ष बाद ही यह समाप्त हो गया। इसके बाद संचालक द्वारा चिलुआताल के भीटिनी का रहने वाला ओटी टेक्नीशीयन मो. असलम को डाक्टर, कैंपियरगंज की रहने वाली अनीता गिरी और नीतू भारती को नर्स बनाकर अस्पताल चलाया जा रहा था। श्यामसुंदर अस्पताल का मैनेजर था।

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आर्युवेद की डिग्री पर चला रहा था एलोपैथ का अस्पताल

पुलिस अधीक्षक उत्तरी मनोज कुमार अवस्थी ने बताया कि मां दुर्गा हास्पिटल के संचालक शैलेन्द्र नाथ सोलंकी के पास बीएएमएस (बैचलर आफ आर्युवेद मेडिसिन एंड सर्जरी) की डिग्री है। इसके बाद भी वह एलोपैथ का अस्पताल चला रहा था। ऐसे में संचालक समेत अन्य आरोपितों ने बिना डिग्री के महिला का आपेरशन कर दिया और उसकी मृत्यु हो गई। इसलिए पुलिस ने हत्या की धारा बढ़ा दी है। फरार चल रहे अन्य तीन आरोपितों को जल्द गिरफ्तार कर लिया जाएगा। इनके विरुद्ध गैंगस्टर की कार्रवाई की जाएगी।

छह माह में 17 अस्पताल के जिम्मेदारों पर दर्ज हुआ है केस

पुलिस ने छह माह के अंदर अवैध तरीके से चल रहे 36 अस्पतालों की जांच कर स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा उन्हें सीज कराया है। वहीं 17 अस्पताल के जिम्मेदारों पर केस दर्ज किया है। सत्यम हास्पिटल के मामले में गैंगस्टर की कार्रवाई कर आरोपितों को जेल भेजा गया है।

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यह था मामला

21 अगस्त को चौमुखा वार्ड नंबर 14 के शैलेश चौरसिया ने पत्नी सरिता चौरसिया को मां दुर्गा अस्पताल में भर्ती कराया। 22 की सुबह आपरेशन से बच्चा हुआ, जिसकी कुछ देर में मृत्यु हो गई। आपरेशन होने से महिला की हालत गंभीर हो गई तो शाम को संचालक उसे लेकर चिलुआताल के नकहा नंबर एक के पास निर्मला अस्पताल पहुंचा, जहां डाक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। शैलेश ने संचालक समेत पांच के विरुद्ध केस दर्ज कराया था।

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