कच्ची बंद करवा दीजिए, पूरे गांव की लड़कियां एहसान मानेंगी; युवती के मैसेज से पुलिस महकमे में मचा हड़कंप
Gorakhpur Crime News गोरखपुर जिले के मूसाबार गांव की लड़कियां शाम होते ही घरों में कैद हो जाती हैं। इसकी वजह कुछ और नहीं शराबियों का खौफ है। इसी खौफ के साए में रह रही एक लड़की के मैसेज ने दो दिन से पुलिस महकमे में हड़कंप मचाया है। मामले का संज्ञान लेकर एडीजी आज चौपाल लगाने वाले हैं।
By Jagran NewsEdited By: Pragati ChandUpdated: Fri, 22 Sep 2023 11:25 AM (IST)
गोरखपुर, सतीश पांडेय। स्थानीय पुलिस की मिलीभगत से गांव में कच्ची का धंधा चल रहा है। कार्रवाई के नाम पर कोरम पूरा करके छोड़ दिया जाता है... कच्ची की बिक्री बंद करवा दीजिए, पूरे गांव की लड़कियां आपका एहसान मानेंगी। यह मूसाबार गांव की एक बेटी के उस मैसेज का मजमून है जिसके कारण दो दिन से पुलिस महकमे में हड़कंप मचा हुआ है। इसी का संज्ञान लेकर एडीजी शुक्रवार यानी आज वहां जाकर चौपाल लगाने वाले हैं।
शाम ढलते ही घरों में कैद हो जाती हैं बेटियां
उनकी चौपाल से पहले गुरुवार को दैनिक जागरण संवाददाता ने सरुआताल के किनारे बसे इस गांव में जाकर पड़ताल की। पता चला कि शाम होते ही मूसाबार गांव की लड़कियां घरों में कैद हो जाती हैं। चोर, डाकू या किसी जंगली जानवर के डर से नहीं, बल्कि शराबियों की दहशत के चलते ऐसा करना उनकी मजबूरी है। यह स्थिति लंबे समय है। कच्ची के धंधेबाजों के डर से कोई विरोध में मुखर नहीं होता। गांव की लड़कियां इसके लिए स्थानीय पुलिस को जिम्मेदार मानती हैं। यह बात गांव की एक युवती ने मैसेज कर एक स्वयंसेवी संस्था के संचालक से साझा की, जो उनके जरिये पुलिस अधिकारियों तक पहुंची। युवती के मैसेज का एडीजी अखिल कुमार ने संज्ञान लिया है। शुक्रवार को वह मूसाबार गांव में चौपाल लगाकर लड़कियों व महिलाओं से बात करेंगे।
दोपहर से ही लगने लगता है पियक्कड़ों का जमावड़ा
दोपहर बाद से ही गांव में शराबियों का जमावड़ा लगना शुरू होता है। शाम होते ही गांव का पूरा रास्ता कच्ची पीने वालों से भर जाता है। इस दौरान अगर कोई लड़की या महिला सड़क से गुजरती है तो शराबी अभद्रता करते हैं। लोकलाज व मारपीट के भय से कोई कुछ बोलता नहीं।यह भी पढ़ें, गोरखपुर में नौ साल की बच्ची को अगवा कर युवक ने किया दुष्कर्म, बिस्किट दिलाने के बहाने सुनसान जगह ले गया था
शराब की वजह से बर्बाद हुए कई परिवार
कच्ची के धंधेबाजों के खौफ का महिलाओं में ऐसा है कि वे उनका नाम लेने से डरती हैं। कुरेदने पर बस इतना कहतीं कि कच्ची से कई परिवार बर्बाद हो चुके हैं। कई के पति इसकी जद में हैं। नाम व फोटो छपने पर वे गांव व घर में रहना दूभर हो जाने की बात कहती हैं। मैसेज भेजने वाली युवती भी दहशत में है।यह भी पढ़ें, गोरखपुर को जाम मुक्त बनाने की नई पहल, शहर में एक अक्टूबर से नहीं आएंगी प्राइवेट बसें; यहां बनेगा स्टैंड
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