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गोरखपुर में सर्किल रेट में बदलाव की तैयारी, आठ साल से नहीं बढ़े हैं दाम

सर्किल रेट बढ़ने से जहां जमीन-मकान खरीदने की तैयारी करने वालों को झटका लगेगा वहीं बेचने वालों को मुनाफा होगा। सरकारी परियोजनाओं के लिए अधिगृहीत की जाएंगी उन्हें बढ़ा हुआ मुआवजा मिलेगा। सर्किल रेट में बदलाव से जमीन की खरीद-बिक्री बढ़ेगी। विभाग की आय बढ़ेगी। शासन को भी यदि मुआवजे के तौर पर अधिक धन खर्च करना पड़ेगा तो दूसरी ओर रेट में बदलाव से स्टांप ड्यूटी बढ़ेगी।

By Umesh Pathak Edited By: Vivek Shukla Updated: Thu, 01 Aug 2024 09:57 AM (IST)
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गोरखपुर के सर्किल रेट में बदलाव की तैयारी शुरू। जागरण
जागरण संवाददाता, गोरखपुर। आठ साल बाद निबंधन विभाग ने गोरखपुर के सर्किल रेट में बदलाव की तैयारी शुरू की है। सर्वे का काम आखिरी चरण में चल रहा है। इसके बाद आपत्ति मांगी जाएगी।

दावा किया जा रहा है कि अगस्त के दूसरे पखवारे तक आपत्तियों के निस्तारण के बाद नया सर्किल रेट लागू कर दिया जाएगा। यद्यपि, जिला प्रशासन का कहना है कि शासन से अनुमति के बाद ही नई रेट लिस्ट जारी की जाएगी। मंडल के अन्य जिलों देवरिया, कुशीनगर और महराजगंज में भी 15 अगस्त के बाद ही नया सर्किल रेट लागू करने की तैयारी है।

निबंधन विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक मंडल में पांच से दस प्रतिशत तक की वृद्धि हो सकती है। फिलहाल आखिरी निर्णय सर्वे का काम पूरा होने के बाद ही लिया जाएगा।

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गोरखपुर के सहायक महानिरीक्षक निबंधन संजय कुमार दुबे का कहना है कि 2016 से जिले के सर्किल रेट का पुनरीक्षण नहीं हुआ है। तब से इन आठ सालों में जिले में काफी बदलाव हुआ है।

उन्होंने बताया कि सभी तहसीलों में सर्वे कराया जा रहा है। बाजार और सर्किल रेट में अंतर के साथ ही गाटा नंबरों की सूची तैयार कराई जा रही है। वर्ष 2016 के बाद कई नई सड़कें बनी हैं तो कई चौड़ी हुई हैं। ऐसे में सड़कों के किनारे के गाटा नंबर की अलग से सूची तैयारी की जा रही है।

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पुरानी और वर्तमान बाजार दर मिलाई जा रही है। कई जगहों पर नए व्यावसायिक क्षेत्र विकसित हुए हैं। ऐसे में पूरा अध्ययन किया जा रहा है।

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