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यूपी के इस शहर में पतली हुई तेल की धार, महंगाई से नहीं गल रही दाल

किराना व्यापारी निकुंज टेकड़ीवाल के मुताबिक रोजमर्रा के इस्तेमाल में आने वाला आटा भी महंगा हो गया है। इसका कारण गेहूं की उपलब्ध कम होना बताया जा रहा है। एक सप्ताह पहले तक खुले में 28 रुपये बिकने वाला आटा 35 रुपये प्रति किग्रा तथा पैकेट वाला आटा पांच रुपये की तेजी के साथ 33 से 38 रुपये प्रति किग्रा बिक रहा है।

By Prabhat Pathak Edited By: Vivek Shukla Updated: Sat, 13 Jul 2024 01:48 PM (IST)
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पैकेट का आटा व सरसों का तेल। जागरण
जागरण संवाददाता, गोरखपुर। महंगाई की मार से किचन में सरसों तेल की धार पतली होती जा रही है। सप्ताह भीतर तेल के भाव में तेजी से थोक बाजार में जहां तेल 10 रुपये प्रति लीटर की तेजी के साथ 133 से 143 रुपये पहुंच गया है।

वहीं, फुटकर में 150 रुपये तथा मिल का तेल 175 से 200 रुपये प्रति लीटर बिक रहा है। बाजार के जानकारों की माने तो अचानक मांग बढ़ने व वैवाहिक सीजन को देखते हुए कारोबारियों ने कीमत में कृत्रिम तेजी ला दी है। फिलहाल पाम आयल व सोया तेल की कीमत स्थिर हैं।

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अन्य खाद्य सामग्रियों में तीन माह पूर्व तक राहत देने वाला अरहर दाल भी 190 से 200 रुपये प्रति किग्रा के भाव बिक रहा है।

इसी तरह चना 72 से 75 रुपये प्रति किग्रा व चनादाल दो सौ रुपये प्रति क्विंटल की तेजी के साथ 8150 प्रति क्विंटल पहुंच गया है। कारोबारी संजय सिंघानिया के अनुसार इस समय चना व चनादाल की मांग अधिक है, जिससे भाव में तेजी देखी जा रही है।

मंडी में चना आवक चना नागपुर, झांसी के साथ ही पश्चिम उत्तर प्रदेश से हो रहा है। फिलहाल सावन को देखते हुए अभी भाव में तेजी बने रहने की उम्मीद है।

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