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खिलाड़ियों के लिए खुशखबरी, UP में बनने जा रहा एक और Indoor Stadium; मिलेंगी ये सुविधाएं

Purvanchal First Indoor Stadium सैयद मोदी रेलवे स्टेडियम में खिलाड़ियों को जल्द ही कई नई सुविधाएं मिलने वाली हैं। रेलवे बोर्ड ने स्टेडियम में पूर्वोत्तर रेलवे और पूर्वांचल के पहले इनडोर स्टेडियम के निर्माण को मंजूरी दे दी है। इसके अलावा स्टेडियम में वुडेन कोर्ट और एस्ट्रोटर्फ भी बनाया जाएगा। इन सुविधाओं के मिलने से खिलाड़ियों को काफी सहूलियत होगी और वे बेहतर प्रदर्शन कर सकेंगे।

By Prabhat Pathak Edited By: Riya Pandey Updated: Mon, 16 Sep 2024 02:47 PM (IST)
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रेलवे बोर्ड की मंजूरी से पूर्वांचल को मिलेगा पहला इनडोर स्टेडियम

प्रभात कुमार पाठक, गोरखपुर। सैयद मोदी रेलवे स्टेडियम में हैंडबाल व बास्केटबाल खिलाड़ियों को इनडोर स्टेडियम व वुडेन कोर्ट तो हॉकी खिलाड़ियों को एस्ट्रोटर्फ की दरकार है। बुनियादी सुविधाओं से जूझ रहे खिलाड़ियों के लिए राहत की खबर है कि पूर्वोत्तर रेलवे क्रीड़ा संघ (नरसा) के प्रस्ताव पर रेलवे बोर्ड ने स्टेडियम में पूर्वोत्तर रेलवे और पूर्वांचल के पहले इनडोर स्टेडियम के निर्माण को हरी झंडी दे दी है।

कहने के लिए स्टेडियम में सभी जरूरी संसाधन उपलब्ध हैं लेकिन, हकीकत इससे परे है। बास्केटबाल कोर्ट की पेंटिंग ठीक न होने के चलते खिलाड़ियों को फिसलने का खतरा बना रहता है।

बताते चलें कि वर्तमान में सैयद मोदी स्टेडियम बहुद्देशीय मैदान है। यहां हर तरह की प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती हैं। फुटबाल व हॉकी खिलाड़ियों का कहना है कि यदि उन्हें अलग-अलग मैदान मिल जाए तो अभ्यास करने में सुविधा होगी। हॉकी खिलाड़ियों की माने तो सभी राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताएं एस्ट्रोटर्फ पर होती हैं। ऐसे में घास वाले मैदान पर अभ्यास पदक प्राप्त करने की राह में रोड़ा बन रहा है।

ओपेन जिम तो है, टेक्नो की दरकार

खिलाड़ियों की माने तो स्टेडियम में एक ओपन जिम है लेकिन वह उनके किसी काम का नहीं। उन्हें अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस टेक्नो जिम चाहिए, जिससे वह नियमित वर्कआउट कर सकें।

14 करोड़ रुपये की लागत से बनेगा इनडोर स्टेडियम

सैयद मोदी रेलवे स्टेडियम में भी हैंडबाल, वालीबाल, बास्केटबाल, कुश्ती, कबड्डी और बैडमिंटन आदि खेलों के लीग और राष्ट्रीय स्तर के टूर्नामेंट हो सकेंगे। पूर्वोत्तर रेलवे ही नहीं पूर्वांचल की प्रतिभाओं को भी अंतरराष्ट्रीय मानक के आधार पर बेहतर प्रशिक्षण मिल सकेगा।

रेलवे बोर्ड से हरी झंडी मिलने के बाद पूर्वोत्तर रेलवे क्रीड़ा संघ ने इनडोर स्टेडियम के निर्माण की प्रक्रिया आरंभ कर दी है। 14 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले स्टेडियम के लिए क्रीड़ा संघ ने सैयद मोदी रेलवे स्टेडियम के दक्षिण तरफ स्थल भी चिह्नित कर लिया है।

इनडोर स्टेडियम में यह होगी सुविधा

  • सभी खेलों के अलग अलग ग्राउंड और दर्शक दीर्घा बनाई जाएगी।
  • खेल प्रेमी मनपसंद खेलों का आनंद उठा सकेंगे।
  • खिलाड़ियों के रहने के लिए अतिरिक्त हाल, चेंज रूम और प्रसाधन केंद्र भी बनाए जाएंगे।
  • अंतरराष्ट्रीय मानक स्तर के आधार पर तैयार होगा इनडोर स्टेडियम।
  • सभी इनडोर खेल व नेशनल स्तर के टूर्नामेंट अयोजित हो सकेंगे। 

मिलेगी प्रदेश के पहले वातानुकूलित कुश्ती हाल की सौगात

सैयद मोदी रेलवे स्टेडियम में कुश्ती के खिलाड़ियों को सोमवार को प्रदेश के पहले वातानुकूलित कुश्ती हाल की सौगात मिलेगी। इसका उद्घाटन पूर्वोत्तर रेलव क्रीड़ा संघ के अध्यक्ष अभय कुमार गुप्ता करेंगे।

पूर्वोत्तर रेलवे के सहायक क्रीड़ाधिकारी चंद्रविजय सिंह ने बताया कि यह प्रदेश का पहला कुश्ती हाल होगा जो वातानुकूलित होगा। कुश्ती की सभी अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताएं एसी हाल में होती हैं। ऐसे में खिलाड़ियों को इसका अनुभव भी मिलेगा।

खिलाड़ियों को चोट लगने पर उन्हें तात्कालिक इलाज मुहैया नहीं हो पाता है। ऐसे में एक स्थायी फिजियोथेरेपिस्ट की तैनाती होनी चाहिए। साथ ही एक बजट निर्धारित होना चाहिए, जिससे चोट लगने पर खिलाड़ियों का निश्शुल्क इलाज कराया जा सके और उन्हें किसी तरह की कोई परेशानी न हो।

-विक्रम परमार, कोच, बास्केटबाल ब्वायज

बाहरी खिलाड़ियों के लिए एक स्पोर्ट्स हास्टल की जरूरत महसूस की जा रही है। विभिन्न खेलों के शिविर लगने पर नए बच्चे भर्ती होते हैं। उस दौरान उन्हें रहने व खाने के लिए व्यवस्था करनी पड़ती है। इस कारण वह अपने खेल पर फोकस नहीं कर पाते हैं। यदि हास्टल रहता तो उन्हें इन परेशानियों से राहत मिल जाती।

-आशुतोष सिंह, कोच, बास्केटबाल गर्ल्स

वर्तमान में बास्केटबाल के अधिकांश मैच व अभ्यास इनडोर कोर्ट में ही होते हैं। ऐसे में यदि इनडोर कोर्ट के साथ ही वुडेन कोर्ट की सुविधा मिल जाए तो हम और भी ठीक ढंग से अभ्यास कर सकेंगे और राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी चमक बिखेर सकेंगे।

- मेघा सिंह, खिलाड़ी

एक ही मैदान पर हॉकी व फुटबाल समेत अन्य खेल होते हैं। ऐसे में खिलाड़ियों को समस्याओं का सामना करना पड़ता है। यदि हॉकी व फुटबाल के लिए अलग-अलग मैदान बन जाए तो इन दोनों खेल के खिलाड़ियों को काफी सुविधा होगी और वह अपना बेहतर प्रदर्शन कर सकेंगे।

-श्रुति यादव, खिलाड़ी

स्पोर्ट्स हास्टल के लिए 80 लाख रुपये स्वीकृत हो चुका है। रेलवे स्पोर्ट्स प्रमोशन बोर्ड से प्रशासनिक सहमति मिल चुकी है। जल्द ही स्वीकृति कराकर कार्य शुरू कर दिया जाएगा। नई टेक्नो जिम की स्थापना की प्रक्रिया चल रही है। जल्द ही पूरी कर ली जाएगी। शिविर के दौरान फिजियोथेरेपिस्ट की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए निर्देशित कर दिया गया है।

- पंकज कुमार सिंह, महासचिव, नरसा

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