अब गूंजेगा हैलो जिला जेल, संचालनकर्ता भी बंदी और श्रोता एवं फरमाइश करने वाले भी रहेंगे बंदी Gorakhpur News
कार्यक्रम का संचालन करने से लेकर गानों की फरमाइश करने वाले एवं श्रोता सिर्फ गोरखपुर जिल जेल में बंद कैदी ही रहेंगे। 30 नवंबर से रेडियो जेल शुरू हो जाएगा।
By Satish ShuklaEdited By: Updated: Fri, 29 Nov 2019 04:32 PM (IST)
गोरखपुर, जेएनएन। जिला कारागार में 30 नवंबर से 'रेडियो जेल शुरू हो जाएगा। बंदी अपनी इच्छानुसार गीतों का लुफ्त उठा सकेंगे। कार्यक्रम का संचालन करने से लेकर गानों की फरमाइश करने वाले एवं श्रोता सिर्फ गोरखपुर जिल जेल में बंद कैदी ही रहेंगे। एटा के रहने वाले सामाजिक कार्यकर्ता प्रदीप रघुनंदन की मदद से जेल प्रशासन ने 'रेडियो जेल शुरू करने की योजना तैयार की है।
आधुनिक सिस्टम से जुड़ा स्टूडियो तैयारसंचालन के लिए परिसर में आधुनिक सिस्टम से जुड़ा स्टूडियो तैयार किया गया है। रेडियो पर बंदी न सिर्फ अपनी फरमाइश वाले गीत और कविता सुनेंगे, बल्कि खुद भी गुनगुना सकेंगे। जेल में हर रोज दोपहर बाद तीन से चार बजे के बीच प्रसारण होगा। 'रेडियो जेल का मकसद बंदियों में शिक्षा की अलख और आत्मविश्वास जगाना है। रेडियो का प्रसारण करने के लिए जेल में एक कक्ष बनाया है। जिसमें रेडियो का संचालन किया जाएगा। बंदियों की बैरकों में लगे स्पीकर के जरिए बंदी रेडियो पर चलने वाले कार्यक्रम सुनेंगे। बंदियों की फरमाइश को सुबह जेल खुलने पर नोट किया जाएगा। इस पर विचार के बाद ही रेडियो पर सुनाया जाएगा। जिला कारागार में इस समय 1900 से अधिक बंदी हैं। 'रेडियो जेल का शुभारंभ पहले 28 अक्टूबर को होना था। लेकिन जेल में बवाल होने की वजह से कार्यक्रम टल गया।
15 जेलों में शुरू हो चुका है रेडियो जेलएटा के रहने वाले सामाजिक कार्यकर्ता प्रदीप रघुनंदन ने बताया कि 12 साल से बंदियों के जीवन में बदलाव लाने का प्रयास कर रहे हैं। अब तक प्रदेश की 15 जेलों में रेडियो जेल शुरू हो चुका है। 30 नवंबर को इसमें गोरखपुर जेल का नाम भी जुड़ जाएगा। इस संबंध में वरिष्ठ जेल अधीक्षक डा. रामधनी का कहना है कि 30 नवंबर को 'रेडियो जेलÓ का शुभारंभ करने की तैयारी पूरी हो चुकी है। आधुनिक स्टूडियो बनकर तैयार है। शुक्रवार तक मुख्य अतिथि का नाम तय हो जाएगा।
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