Vijayadashami: विजयादशमी पर गोरखपुर में राघव-शक्ति मिलन, मां दुर्गा ने की भगवान राम की प्रदक्षिणा
Vijayadashami विजयादशमी के दिन गोरखपुर में राघव-शक्ति मिलन की अद्भुत परंपरा का साक्षी बना। भगवान राम के आगमन से पहले ही मां दुर्गा की प्रतिमा जुलूस के रूप में पहुंची और उनकी प्रदक्षिणा की। इसके बाद भगवान राम ने मां की आरती उतारी। इस दौरान हजारों की संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे और जय श्रीराम का उच्चघोष गूंज रहा था।
जागरण संवाददाता, गोरखपुर। शहर विजयदशमी के दिन शनिवार को अपनी अद्भुत परंपरा 'राघव-शक्ति मिलन' का पुन: साक्षी बना। हजारों कंठों से निकल रहे गगनभेदी जयघोष के बीच भगवान राम बसंतपुर तिराहे पर पहुंचे। वहां पहले से इंतजार कर रहीं मां शक्ति ने उनकी प्रदक्षिणा की और राम ने मां की आरती उतारी। इस दौरान हजारों की संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे। जयश्रीराम का उच्चघोष गूंज रहा था।
दुर्गाबाड़ी से मां दुर्गा प्रतिमा जुलूस के रूप में निकली, उसके पीछे लगभग डेढ़ हजार प्रतिमाएं थीं। गाजे-बाजे के साथ प्रतिमाओं का जुलूस बसंतपुर तिराहे पर पहुंचा। वहां पहले से ही उपस्थित हजारों श्रद्धालुओं ने मां के पहुंचने पर जयघोष किया। जयघोष काफी देर तक वातावरण में गूंजता रहा।
मिलन के लिए पहुंची दुर्गाबाड़ी की प्रतिमा। बर्रघाट श्रीराम कमेटी का इंतजार करती हुई।-जागरण
अब इंतजार था भगवान राम के आने का। भगवान राम ने बर्डघाट रामलीला मैदान में रावण का वध किया। एक घंटा विश्राम करने बाद उनका रथ गाजे-बाजे व जुलूस के साथ रवाना हुआ। जुलूस में चार अखाड़ा दल- श्रीराम दल, श्रीराम अखाड़ा, परशुराम दल व बजरंग दल के कार्यकर्ता शामिल थे, जो जगह-जगह अपने करतब दिखाते चल रहे थे।
अब इंतजार था भगवान राम के आने का। भगवान राम ने बर्डघाट रामलीला मैदान में रावण का वध किया। एक घंटा विश्राम करने बाद उनका रथ गाजे-बाजे व जुलूस के साथ रवाना हुआ। जुलूस में चार अखाड़ा दल- श्रीराम दल, श्रीराम अखाड़ा, परशुराम दल व बजरंग दल के कार्यकर्ता शामिल थे, जो जगह-जगह अपने करतब दिखाते चल रहे थे।
इसे भी पढ़ें-यूपी में अगले सप्ताह फिर उमड़-घुमड़ कर आ सकते बादल, हो सकती है झमाझम बारिशकहीं आग से खेलना तो कहीं आग की रिंग से गुजर जाना, कहीं लाठी का प्रदर्शन लोगों के आकर्षण का केंद्र रहा। भगवान राम का रथ बसंतपुर तिराहे पर पहुंचा, जहां पहले से इंतजार कर रहे लोगों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा और मुक्त कंठ से निकला जयघोष वातावरण में गूंज गया।
रावण का पुतला जलाकर मनाई गई विजयादशमी।-जागरण
दुर्गाबाड़ी की प्रतिमा को उसी स्थान पर घुमाकर प्रदक्षिणा कराई गई। भगवान राम ने अपने रथ से ही मां की आरती की और मां राजघाट की तरफ अपने जुलूस के साथ रवाना हुईं।भगवान राम का रथ तब तक वहीं रुका रहा जबतक सभी दुर्गा प्रतिमाओं का जुलूस निकल नहीं गया। इसके बाद भगवान राम का जुलूस जगरनाथ अग्रवाल के हिन्दी बाजार स्थित आवास पर पहुंचकर समाप्त हुआ। ड्रोन कैमरे से होती रही निगरानी।-जागरण
इसे भी पढ़ें-यूपी की इस जेल में चल रहा अजीब खेल- उम्रकैद को दोषी को एक साल के भीतर ही निकालने लगे बाहरविजयदशमी के दिन बर्डघाट रामलीला मैदान में करीब सायं चार बजे रामलीला का मंचन शुरू हुआ। इस मौके पर समिति के प्रमुख लोगों ने भगवान श्रीराम की पूजा व आरती की। कुंभकर्ण की मृत्यु से बौखलाया रावण स्वयं श्रीराम से युद्ध करने पहुंचा। दोनों के बीच घमासान युद्ध हुआ। अंत में भगवान राम के एक तीर ने रावण को धराशायी कर दिया। रावण के धरती पर गिरते ही वातावरण जयघोष से गूंज उठा। इसके बाद भगवान राम का विजय जुलूस निकला जो बसंतपुर तक गया।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।दुर्गाबाड़ी की प्रतिमा को उसी स्थान पर घुमाकर प्रदक्षिणा कराई गई। भगवान राम ने अपने रथ से ही मां की आरती की और मां राजघाट की तरफ अपने जुलूस के साथ रवाना हुईं।भगवान राम का रथ तब तक वहीं रुका रहा जबतक सभी दुर्गा प्रतिमाओं का जुलूस निकल नहीं गया। इसके बाद भगवान राम का जुलूस जगरनाथ अग्रवाल के हिन्दी बाजार स्थित आवास पर पहुंचकर समाप्त हुआ। ड्रोन कैमरे से होती रही निगरानी।-जागरण
भगवान राम के एक तीर ने रावण को किया धराशायी
विजयदशमी पर्व परंपरागत रूप से श्रद्धा के साथ शनिवार को मनाया गया। बर्डघाट रामलीला मैदान में रावण वध की लीला प्रस्तुत की गई। भगवान श्रीराम ने जैसे ही तीर चलाया, रावण का पुतला धू-धू कर जलने लगा। रावण वध अधर्म पर धर्म की विजय का संदेश दे गया। पुतले में आग लगते ही दर्शकों ने जयघोष किया। इसके बाद बर्डघाट से भगवान की विजय शोभायात्रा निकली गई जिसमें उनके साथ माता सीता और अनुज लक्ष्मण भी रथ पर सवार थे। लोगों ने श्रीराम की आरती की, मत्था टेका और प्रसाद ग्रहण किया। मेला लगा रहा।बसंतपुर तिराहे पर लाइव शक्ति मिलन का इंतजार।-जागरणइसे भी पढ़ें-यूपी की इस जेल में चल रहा अजीब खेल- उम्रकैद को दोषी को एक साल के भीतर ही निकालने लगे बाहरविजयदशमी के दिन बर्डघाट रामलीला मैदान में करीब सायं चार बजे रामलीला का मंचन शुरू हुआ। इस मौके पर समिति के प्रमुख लोगों ने भगवान श्रीराम की पूजा व आरती की। कुंभकर्ण की मृत्यु से बौखलाया रावण स्वयं श्रीराम से युद्ध करने पहुंचा। दोनों के बीच घमासान युद्ध हुआ। अंत में भगवान राम के एक तीर ने रावण को धराशायी कर दिया। रावण के धरती पर गिरते ही वातावरण जयघोष से गूंज उठा। इसके बाद भगवान राम का विजय जुलूस निकला जो बसंतपुर तक गया।