रेलकर्मियों का पेंशन अंशदान बदलने का मामला, यांत्रिक कारखाना के कार्मिक अधिकारी पर गिरी गाज, नप सकते हैं कई लोग
पेंशन अंशदान बदलने के मामले में रेलवे प्रशासन ने कार्रवाई शुरू कर दी है। यांत्रिक कारखाना के कार्मिक अधिकारी पर गाज गिरी है। रेलवे प्रशासन ने उन्हें हटा दिया है। वहीं विजिलेंस जांच अभी जारी है। ऐसे में आशंका है कि संबंधित विभागों के कई अधिकारी व कर्मचारी नप सकते हैं। रेलवे की इस कार्रवाई से महकमे में हड़कंप मचा है।
By Jagran NewsEdited By: Pragati ChandUpdated: Sun, 22 Oct 2023 08:18 AM (IST)
जागरण संवाददाता, गोरखपुर। रेलकर्मियों का पेंशन अंशदान बदलने के मामले में रेलवे प्रशासन ने कार्रवाई शुरू कर दी है। शुरुआत यांत्रिक कारखाना के कार्मिक अधिकारी से गोपाल प्रसाद गुप्ता से हुई है। महाप्रबंधक के निर्देश पर रेलवे प्रशासन ने इन्हें हटाकर मुख्यालय गोरखपुर से संबद्ध कर दिया है। उनकी जगह मुख्यालय गोरखपुर के कार्यकुशलता अधिकारी रवि मिश्रा को भेजा गया है। वह यांत्रिक कारखाना के सहायक कार्मिक अधिकारी के रूप में कार्य करेंगे। यांत्रिक कारखाना में शनिवार को भी विजिलेंस की जांच जारी रही।
जानकारों के अनुसार इस प्रकरण में लेखा व कार्मिक विभाग के कई अधिकारी व कर्मचारी नप सकते हैं। कारखाना कर्मियों में हड़कंप मचा हुआ है। महाप्रबंधक चन्द्र वीर रमण से निर्देश मिलने के बाद रेलवे प्रशासन ने सतर्कता बढ़ाते हुए मामले की जांच तेज कर दी है। सुधारात्मक कार्रवाई के अंतर्गत यांत्रिक कारखाना के कर्मचारियों को 27 अक्टूबर तक का समय दिया गया है।यह भी पढ़ें, Railway News: रेलवे बोर्ड की विजिलेंस टीम भी करेगी पेंशन अंशदान बदलने की जांच, NER की टीम ने शुरू कर दी है पड़ताल
निर्धारित समय में रेलकर्मी अपने निवेश विकल्प की स्थिति जांच कर कार्मिक विभाग को सहमति प्रदान कर सकते हैं। वर्तमान में विद्यमान स्कीम से संतुष्ट होने पर अपने विकल्प की सहमति शाप प्रभारी द्वारा अग्रसारित कराकर कार्मिक विभाग को निर्धारित तिथि तक उपलब्ध करा सकते हैं। अन्यथा, उनका निवेश विकल्प नेशनल सिक्योरिटी डिपाजिटरी लिमिटेड (एनएसडीएल) के माध्यम से एसबीआइ में 34.5 प्रतिशत, यूटीआइ में 32 प्रतिशत और एलआइसी 33.5 प्रतिशत में क्रमवार परिवर्तित कर दिया जाएगा।
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बता दें कि कार्मिक व लेखा विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों के रैकेट ने सरकार के अधीन बैंकों एसबीआइ, यूटीआइ और एलआइसी की जगह प्राइवेट बैंकों में कर्मचारियों का पेंशन अंशदान बदल दिया है। कमीशन के रूप में लाखों कमाने के चक्कर में एनईआर के करीब 20 हजार कर्मियों की पेंशन का करोड़ों अंशदान असुरक्षित हाथों में पहुंचा दिया है। यह मामला यांत्रिक कारखाना ही नहीं, अन्य कारखानों, विभागों व रेल मंडलों के अलावा दूसरे क्षेत्रीय रेलवे में भी फैल चुका है।
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