रेलवे का गजब कारनामा, घूस लेने का वीडियो वायरल होने के बाद भी स्टेनो को दे दी तैनाती; नहीं की गई कोई कार्रवाई
Gorakhpur News रेलवे के स्टेनो द्वारा घूस लेने का वीडियो प्रसारित हो रहा है। हैरान करने वाली बात तो ये है कि मामले में विजिलेंस केस होने और जांच के बाद भी कार्रवाई नहीं हुई। इससे पहले कारखाना में पिछले साल फर्जी स्थानांतरण का प्रकरण सामने आया था अब पेंशन के अंशदान में बदलाव ने कर्मियों की चिंता बढ़ा दी है।
जागरण संवाददा, गोरखपुर। यांत्रिक कारखाना के कर्मचारियों का अंशदान बदलने का मामला अचानक ही प्रकाश में नहीं आया है। रेलकर्मियों की जमा पूंजी में कार्मिक और लेखा विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों की सेंधमारी से इनकार नहीं किया जा सकता। कारखाना में पिछले साल फर्जी स्थानांतरण का प्रकरण सामने आया था, अब पेंशन के अंशदान में बदलाव ने कर्मियों की चिंता बढ़ा दी है।
यह है मामला
कारखाना कर्मचारियों का कहना है कि रेलवे प्रशासन जब तक आरोपितों को संवेदनशील पदों पर बैठाता रहेगा, कर्मचारी छले जाते रहेंगे। घूस लेने का वीडियो प्रसारित होने के बाद भी एक स्टेनो को कारखाना के कार्मिक विभाग में तैनाती दे दी गई। जानकारों का कहना है कि स्टेनो व क्लर्क अपने हिसाब से कार्मिक विभाग को चलाते रहे हैं।
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क्लर्क ने अपना स्थानांतरण इज्जतनगर मंडल में करा लिया तो स्टेनो का मुख्यालय गोरखपुर स्थित सिग्नल एवं दूर संचार विभाग में स्थानांतरण हो गया। सिग्नल एवं दूर संचार विभाग तो स्टेनो को अपने यहां पदस्थापित करने से इनकार कर दिया। अंशदान बदलने के मामले में चल रही जांच में यह दोनों रेलकर्मी भी शक के दायरे में आ रहे हैं।
विभाग के लोगों का कहना है कि स्टेनो जब रेलवे अस्पताल में तैनात था तो वहां भी अपने हिसाब से प्रबंधन चलाता था। उसी समय स्टेनो का एक लाख रुपये घूस लेते हुए वीडियो भी प्रसारित हुआ था। विजिलेंस केस बनने और जांच के बाद भी उसे कारखाना जैसे महत्वपूर्ण स्थल पर तैनाती दे दी गई।