रेलवे के इंजीनियर ने बनाया खास एप, आसान हो जागी बोगियों की मरम्मत
एलएचबी बोगी कब-कब बनी। बोगी में लगे उपकरण कब बदले गए। कार्य कर रहे हैं या नहीं। बदले गए नट-बोल्ट नए हैं या पुराने। कारखानों में बोगियों के मरम्मत से संबंधित कोई भी कार्य रजिस्टर पर नोट नहीं करना होगा। समस्त जानकारी एप से ही मिल जाएगी।
By Pradeep SrivastavaEdited By: Updated: Sun, 26 Dec 2021 05:47 PM (IST)
गोरखपुर, प्रेम नारायण द्विवेदी। लिंक हाफमैन बुश (एलएचबी) बोगी कब-कब बनी। बोगी में लगे उपकरण कब बदले गए। कार्य कर रहे हैं या नहीं। बदले गए नट-बोल्ट नए हैं या पुराने। कारखानों में बोगियों के मरम्मत से संबंधित कोई भी कार्य रजिस्टर पर नोट नहीं करना होगा। समस्त जानकारी एप से ही मिल जाएगी। यह सुविधा फिएट बोगी इंटेलीजेंट मैनेजमेंट सिस्टम (एफबीआइएम) नाम के साफ्टवेयर से मिलेगी। जिसका निर्माण गोरखपुर स्थित यांत्रिक कारखाने के इंजीनियर (सहायक प्रबंधक- कार्य) अनुज कुमार मिश्रा ने किया है।
भारतीय रेलवे के दूसरे कारखानों में भी जल्द शुरू होगा नए साफ्टवेयर का उपयोग गोरखपुर यांत्रिक कारखाने में सफलता के बाद साफ्टवेयर का उपयोग जल्द ही भारतीय रेलवे के अन्य कारखानों में भी शुरू हो जाएगा। इससे बोगियों के मरम्मत के समय में बचत होगी। एक एलएचबी कोच को पूरी तरह फिट करने में जहां पांच से छह दिन लगते थे, अब तीन से चार दिन में कार्य पूरा हो जाएगा। मानव संसाधन का उपयोग भी कम हो जाएगा। मरम्मत के नाम पर होने वाले खर्चों में कमी आएगी। गुणवत्ता के साथ संरक्षा भी पुख्ता होगी। यानी, यह साफ्टवेयर बोगियों का पूरा हिसाब-किताब रखेगा।
तस्वीर लेना शुरू करते ही बोगी से जुड़ जाएगा डाटा दरअसल, इंजीनियर अनुज कुमार ने सभी बोगियों को नंबर के आधार पर एफबीआइएम साफ्टवेयर से लिंक कर दिया है। टैबलेट या मोबाइल में एप के रूप में लोड साफ्टवेयर जैसे ही तस्वीर लेना शुरू करेंगे, वह सीधे बोगी से जुड़ जाएगा। बोगी में लगे उपकरणों का पूरा अपडेट डाटा एप में सुरक्षित हो जाएगा। जिसे दफ्तर में बैठे अफसर या इंजीनियर आनलाइन देख सकेंगे। घंटों का कार्य मिनटों में होगा। किसी भी प्रकार की न लापरवाही चलेगी और न कोई अनियमितता हो पाएगी। पारदर्शिता बढ़ जाएगी।
दिल्ली पहुंची साफ्टवेयर की धूम, रेलमंत्री के हाथों पुरस्कृत होंगे अनुज इस साफ्टवेयर की धूम दिल्ली तक पहुंच गई है। रेल मंत्रालय ने अनुज की पीठ थपथपाई है। जल्द ही वह रेलमंत्री के हाथों पुरस्कृत भी होंगे। वीआइटी वेल्लोर (तमिलनाडु) से मैकेनिकल से बीटेक की डिग्री हासिल करने वाले अनुज 2018 बैच में रेलवे इंजीनिययरिंग सर्विसेज में तैनात हुए। मोहद्दीपुर निवासी अनुज की पहली तैनाती यांत्रिक कारखाना गोरखपुर में सहायक प्रबंधक (कार्य) के पद पर नियुक्ति हुई। शुरू से ही कुछ नया करने के जुनून के चलते उन्होंने पहली तैनाती में ही रेलवे को नया साफ्टवेयर दे दिया है। उन्होंने बोगियों पर नजर रखने वाला न सिर्फ साफ्टवेयर तैयार किया है, बल्कि कारखाने में पुराने कोचों से न्यू माडिफाइड गुड्स वैगन (एनएमजी) बनाने में भी अहम भूमिका निभाई है। एनएमजी से देशभर में आटोमोबाइल्स की ढुलाई हो रही है।
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