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पूर्वोत्तर रेलवे के 138 किमी रेलमार्ग पर चलाई जाएगी दीवार, ट्रेनों के लेटलतीफी पर लगेगी रोक

रेलमार्ग पर दोनों तरफ दीवार चलने से दुर्घटनाओं भूमि अतिक्रमण और गाड़ियों की लेटलतीफी पर रोक लगेगी। रेलमंत्री ने भी रेल लाइनों को पूरी तरह सुरक्षित करने के लिए जोर दिया है। सुरक्षा कवच के घेरे में लखनऊ मंडल इज्जतनगर मंडल व वाराणसी मंडल के मार्ग शामिल हैं।

By Jagran NewsEdited By: Pragati ChandUpdated: Fri, 18 Nov 2022 02:49 PM (IST)
पूर्वोत्तर रेलवे के 138 किमी रेलमार्ग पर चलाई जाएगी दीवार, ट्रेनों के लेटलतीफी पर लगेगी रोक
पूर्वोत्तर रेलवे के 138 किमी रेलमार्ग पर चलाई जाएगी दीवार। (प्रतीकात्मक तस्वीर)

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। ट्रेन दुर्घटना, भूमि अतिक्रमण और गाड़ियों की लेटलतीफी पर रोक लगेगी। सुरक्षित और निर्बाध ट्रेन संचालन के लिए पूर्वोत्तर रेलवे के लगभग 138 किमी रेलमार्ग पर दीवार चलाई जाएगी। जिनमें लखनऊ मंडल में 75 किमी, इज्जतनगर मंडल में 10 किमी तथा वाराणसी मंडल में 53 किमी मार्ग शामिल हैं। बोर्ड की संस्तुति के बाद रेलवे प्रशासन ने 68 किमी रेलमार्ग पर दीवार लगाने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है।

अनुपयोगी स्लीपर से दीवार बनाने का काम शुरू

पूर्वोत्तर रेलवे ने तो अनुपयोगी स्लीपर (पटरियों के नीचे लगने वाले कंकरीट के स्लीपर) से दीवार बनाने का कार्य शुरू कर दिया है। प्रथम चरण में स्लीपर की दीवारें उन रेलखंडों पर तैयार की जाएंगी, जिन क्षेत्रों में पशुओं के कटने (सीआरओ) व मानव दुर्घटनाएं (एमआरओ) अधिक होती हैं। इंजीनियरिंग और सुरक्षा विभाग इन संवेदनशील क्षेत्रों को पहले से ही चिन्हित कर लिया है। लखनऊ मंडल में आनंदनगर-कैंपियरगंज, नकहा जंगल- कौड़िया, जगतबेला-सहजनवां, सहजनवां- मगहर, मुंडेरवा, पुरानी बस्ती, गोंडा, स्वामीनारायण छपिया आदि रेलखंड शामिल हैं।

संवेदनशील रेलमार्गों को चिन्हित करने की प्रक्रिया भी शुरू

गोंडा से मनकापुर के बीच मोतीगंज-झिलाई खंड की रेल लाइनों के किनारे स्लीपर की दीवारें लगभग तैयार कर ली गई हैं। धीरे-धीरे सभी संवेदनशील क्षेत्रों में दीवारें खड़ी कर दी जाएंगी। दूसरे चरण के लिए संवेदनशील रेलमार्गों को चिन्हित करने की प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है। गुरुवार को भारतीय रेलवे के क्षेत्रीय महाप्रबंधकों और मंडल रेल प्रबंधकों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग में रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने रेल लाइनों की सुरक्षा पर भी विशेष जोर दिया। उन्होंने कहा कि रेल लाइनों के किनारे नए माडल की दीवारें चलाई जाए। ताकि, ट्रेनों का निर्बाध संचालन किया जा सके।

क्या कहते हैं अधिकारी

पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पंकज कुमार सिंह ने बताया कि ट्रेनों का समय पालन बेहतर करने की दिशा में तथा संरक्षा एवं सुरक्षा को सुदृढ़ करने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। इसीक्रम में संवेदनशील खंडो को चिन्हित कर बाउंड्री वाल बनाने का कार्य प्रगति पर है। इस कार्य के हो जाने से कैटल रनओवर के मामलों में कमी आएगी, जिससे संरक्षा एवं समय पालन में सुधार होगा।