Move to Jagran APP

बीमारी का बहाना बना 12 दिन तक BRD में भर्ती रहे रेलवे अधिकारी, कोर्ट ने प्राचार्य को तलब किया तो हुए डिस्चार्ज

रेलवे अधिकारी के खिलाफ पटना के दीघा थाने में मुकदमा दर्ज है। गोरखपुर पहुंची पुलिस टीम के गिरफ्तार करते समय ही रेलवे अधिकारी बीमार हाे गए थे। तभी से वे बीआरडी मेडिकल कालेज में भर्ती थे। इस दौरान बिहार पुलिस की टीम भी जमी रही। मामले में जब कोर्ट ने हस्तक्षेप किया तो अधिकारी को मेडिकल कालेज से डिस्चार्ज कर दिया गया।

By Jagran NewsEdited By: Pragati ChandUpdated: Fri, 25 Aug 2023 04:01 PM (IST)
Hero Image
कोर्ट ने मेडिकल कालेज प्राचार्य को किया तलब, तब डिस्चार्ज हुए रेलवे अधिकारी। -जागरण ग्राफिक्स
गोरखपुर, जागरण संवाददाता। घरेलू हिंसा और दहेज उत्पीड़न के आरोपित रेलवे अधिकारी की तबीयत खराब हो गई। कैंट पुलिस जिला अस्पताल ले गई, जहां से बीआरडी मेडिकल कालेज भेज दिया गया। बीमार होने के नाम पर वह 12 दिन मेडिकल कालेज में भर्ती रहे। इस दौरान बिहार पुलिस की टीम भी जमी रही। विवेचक की अर्जी पर न्यायालय ने बीआरडी मेडिकल कालेज के प्राचार्य, सीएमओ व कैंट थानेदार को तलब किया तो अधिकारी की तबीयत सुधर गई। मेडिकल कालेज से डिस्चार्ज कर दिया गया और ट्रांजिट रिमांड पर बिहार पुलिस अपने साथ ले गई।

यह है मामला

पूर्वोत्तर रेलवे में डिप्टी चीफ इंजीनियर भरत अग्रवाल के विरुद्ध पटना (बिहार) के दीघा थाने में वर्ष 2022 में दहेज उत्पीड़न, बंधक बनाने, धमकी देने का मुकदमा दर्ज हुआ था। इस मामले में न्यायालय से गैर जमानती वारंट जारी होने के बाद 11 अगस्त को पटना पुलिस की टीम गोरखपुर पहुंची। कार्यालय में मौजूद भरत अग्रवाल को गिरफ्तार करने के बाद विवेचक अनूप कुमार ट्रांजिट रिमांड लेने के लिए कैंट थाने पहुंचे जहां डिप्टी चीफ इंजीनियर की तबीयत बिगड़ गई। उनकी शिकायत पर कैंट थाना पुलिस जिला अस्पताल ले गई थी।

इसे भी पढे़ं, Gorakhpur: छह सौ की जगह 17 सौ रुपये में सीटी स्कैन जांच करा रहे रोगी, BRD में 14 दिन से नहीं हो रही जांच

12 दिन से ट्रांजिट रिमांड न बन पाने पर विवेचक ने सीजेएम कोर्ट में अर्जी दी। इसकी सुनवाई कर रहे एसीजेएम ने सीएमओ डा. आशुतोष दूबे, बीआरडी मेडिकल कालेज के प्राचार्य गणेश प्रसाद से रेलवे अधिकारी की बीमारी के बारे में पूछने के साथ ही जांच रिपोर्ट के साथ दो दिन पहले तलब किया था, जिसके बाद भरत अग्रवाल को बीआरडी मेडिकल कालेज से डिस्चार्ज कर दिया गया। ट्रांजिट रिमांड मंजूर होने पर बीमार पुलिस उन्हें अपने साथ ले गई।

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।