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बच्‍चों को पालने के लिए रचाई दूसरी शादी, वही बना काल, परेशान रेलकर्मी ने पत्नी संग दी जान, सुसाइड नोट में बताई पूरी बात

रामकृपाल कुशवाहा पूर्वोत्तर रेलवे कारखाना में हेल्पर के पद पर तैनात थे। वर्ष 2017 से पत्नी ममता देवीपुत्र कृष्ण (10) और पुत्री गुनगुन (8) के साथ रहते थे। 2022 में कैंसर की वजह से ममता की मृत्यु हो गई। बच्चों की देखरेख करने के लिए रामकृपाल ने 2023 में रोशनी उर्फ कुमकुम से दूसरी शादी कर ली। लेकिन बच्चों की परवरिश को लेकर दोनों के बीच झगड़ा होता था।

By Satish pandey Edited By: Vivek Shukla Updated: Wed, 08 May 2024 08:57 AM (IST)
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पारिवारिक कलह की वजह से पति पत्‍नी ने जान दे दी। जागरण

जागरण संवाददाता,पादरी बाजार। रेलवे डेयरी कालोनी में सोमवार की देर रात रेलकर्मी ने पत्नी के साथ फंदे से लटक कर आत्महत्या कर लिया। आत्महत्या की वजह पारिवारिक कलह बताया जा रहा है। दूसरे कमरे में सो रहे बेटा व बेटी की रात में नींद खुली तो उन्होंने फोन से घटना की जानकारी अपने चाचा का दी। शाहपुर थाना पुलिस को कमरे में सुसाइड नोट मिला जिसमें उन्होंने ससुराल वालों पर उत्पीड़न करने का आरोप लगाया है।

देवरिया, सलेमपुर के भेड़िया चेरी गांव के रहने वाले रामकृपाल कुशवाहा पूर्वोत्तर रेलवे कारखाना में हेल्पर के पद पर तैनात थे। वर्ष 2017 से पत्नी ममता देवी,10 वर्षीय पुत्र कृष्ण और आठ वर्षीय पुत्री गुनगुन के साथ रहते थे।

वर्ष 2022 में कैंसर की वजह से ममता की मृत्यु हो गई। बच्चों की देखरेख करने के लिए रामकृपाल ने वर्ष 2023 में खुखुन्दू के मुसैला गांव की रहने वाली रोशनी उर्फ कुमकुम से दूसरी शादी कर ली। लेकिन बच्चों की परवरिश को लेकर रामकृपाल और रोशनी के बीच अक्सर उनके बीच झगड़ा होता था।

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रामकृपाल को लगता था कि उनकी दूसरी पत्नी उनके बच्चों का ख्याल रखने की बजाए उत्पीड़न करती है।सोमवार की रात भी रामकृपाल और उनकी रोशनी के बीच बच्चों को लेकर विवाद हुआ। झगड़े के बाद रामकृपाल ने दोनों बच्चों को खाना खिलाया।

इसके बाद बच्चे अपने कमरे में और रामकृपाल और रोशनी अपने कमरे में सोने चले गए। रात में बच्चों को सुलाने से पहले रामकृपाल ने उनसे कहा था कि सुबह स्कूल छोड़ने चलेंगे। लेकिन रात में ही रामकृपाल और रोशनी ने खुद को फांसी लगाकर जान दे दी।

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बेटे ने चाचा को दी सूचना

दूसरे कमरे में सो रहे बच्चों को आहट मिली तो उन्होंने कमरे में जाकर देखा तो पंखे से बंधी रस्सी के सहारे माता-पिता का शव लटक रहा था। इसकी जानकारी बेटे कृष्ण ने डेयरी कालोनी में ही रहने वाले अपने चाचा को फोन से दी। चाचा ने फोन कर पड़ोसियों को भेजने के साथ ही शाहपुर थाना पुलिस को बताया।

बच्चों को दुलारने पर पत्नी करती थी विरोध

रामकृपाल ने सुसाइड नोट में लिखा है कि पहली पत्नी के मृत्यु के बाद बच्चों की परवरिश के लिए दूसरी शादी की लेकिन ऐसा नहीं हुआ। दूसरी पत्नी खुद तो देखभाल नहीं करती अगर वह बच्चों को प्यार से बुलाते तो इसका विरोध करती थी। ससुराल के लोग उसका सहयोग करते और हर 15 दिन पर घर आकर पंचायत करते जो मुझे अच्छा नहीं लगता। ईश्वर मेरे बच्चों को सलामत रखें।

बच्चों का रो-रोकर बुरा हाल

पापा आपको नही करनी चाहिए थी आत्महत्या पापा का शव देखकर पुत्र कृष्ण व पुत्री गुनगुन आवाक है। दोनों का रोते रोते गला भर गया है। बेटा बार-बार कह रहा था पापा आपको मेरे लिए नहीं मरना चाहिए था, अब इस दुनिया में मेरा कौन बचा है ।

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