ट्रेनों में विज्ञापन के लिए रेलवे ने खोला दरवाजा, आठ ट्रेनों के 384 कोचों में विज्ञापन के लिए होगी ई नीलामी
प्रथम चरण में ट्रेनों के बाहर विज्ञापन के लिए गोरखधाम चौरी चौरा शालीमार पुणे पूर्वांचल और मौर्य सहित 11 एक्सप्रेस के 602 कोच चिन्हित किए गए हैं। रेल प्रशासन ने इसके लिए आनलाइन नीलामी (ई- आक्शन) की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
गोरखपुर, जागरण संवाददाता। पूर्वोत्तर रेलवे ट्रेनों में भी विज्ञापन के लिए दरवाजा खोल दिया है। उपभोक्ता रेलवे स्टेशन परिसर के बाद अब ट्रेनों में कोचों के बाहर ही नहीं अंदर भी विनायल स्टीकर के माध्यम से अपने ब्रांडों का प्रचार-प्रसार कर सकेंगे। लखनऊ रेल मंडल प्रशासन ने इसके लिए आनलाइन नीलामी (ई- आक्शन) की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
पहले चरण में इन ट्रेनों में विज्ञापन के लिए होगी नीलामी
ट्रेनों के बाहर विज्ञापन के लिए गोरखधाम, चौरी चौरा, शालीमार, पुणे, पूर्वांचल और मौर्य सहित 11 एक्सप्रेस के 602 कोच चिन्हित किए गए हैं। ट्रेनों के अंदर विज्ञापन के लिए गोरखपुर- इंटरसिटी, पूर्वांचल, ओखा और पाटलीपुत्र सहित आठ एक्सप्रेस के 384 कोच चिन्हित किए गए हैं। आनलाइन नीलामी के माध्यम से उपभोक्ता चिन्हित कोचों पर तीन वर्ष तक अपने ब्रांड या उत्पाद का प्रचार- प्रसार के लिए अधिकृत हो जाएंगे।
सफाई के साथ कमाई की भी व्यवस्था बना रहा रेलवे
इसके अलावा लखनऊ मंडल प्रशासन ने ट्रेनों की सफाई के साथ कमाई की भी योजना बनाई है। इस योजना के तहत आनबोर्ड हाउस कीपिंग सर्विस (ओबीएचएस) के तहत बोगियों की सफाई के साथ कंपनियों या फर्मों को विज्ञापन की छूट मिलेगी। यानी, कंपनियां ब्रांड या उत्पाद का प्रचार के बदले बोगियों की सफाई का जिम्मा भी संभालेंगी। साथ ही वेंडर के माध्यम से मल्टी परपज आइटम (मास्क, सैनिटाइजर, रुमाल, नेल कटर, कलम, पेस्ट और ब्रश आदि) बेच सकेंगी।
एक साल का होगा अनुबंध
खानपान सामग्री बेचने की अनुमति नहीं होगी। एक साल के अनुबंध के लिए दस लाख का लाइसेंस शुल्क भी देना होगा। हालांकि रेलवे की यह योजना अभी पायलट प्रोजेक्ट के तहत तैयार की गई है। रेलवे प्रशासन ने लोकल रूट पर चलने वाली आठ ट्रेनों को चिन्हित भी कर लिया है। कंपनियों और फर्मों को आमंत्रित किया जा रहा है। प्रयोग सफल रहा तो अन्य मंडलों में भी इसे लागू किया जाएगा।