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Interpol की मदद से पुलिस सुलझाएगी राखी हत्याकांड की गुत्थी, 5 साल पहले नेपाल के पोखरा में हुई थी वारदात

दो देश के कानूनी पेंच में चार साल से यह चर्चित मामला फंसा है। घटना जून 2018 में हुई थी जिसमें हत्या का खुलासा दिसंबर में हुआ था। राखी की हत्या शाहपुर क्षेत्र से अगवा कर नेपाल के पोखरा में की गई थी। उसे पहाड़ से धक्का दिया गया था। जिसमें एसटीएफ ने सर्विलांस की मदद से जांच की तो शहर के एक सर्जन का नाम सामने आया।

By Jagran NewsEdited By: Pragati ChandPublished: Sun, 10 Sep 2023 10:16 AM (IST)Updated: Sun, 10 Sep 2023 10:16 AM (IST)
भारत-नेपाल के कानूनी पेंच में फंसी राखी हत्याकांड की गुत्थी। -जागरण

गोरखपुर, सतीश पांडेय। दो देश (भारत-नेपाल) के कानूनी पेच में फंसी राखी हत्याकांड की गुत्थी चार वर्ष बाद भी नहीं सुलझ सकी। गोरखपुर पुलिस अब इंटरपोल की मदद से पोस्टमार्टम रिपोर्ट व पंचायतनामा की कापी हासिल करने में जुटी है। जिसके बाद चल रही विवेचना का निपटारा कर न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल करेगी।

गोरखपुर से अगवा कर नेपाल के पोखरा में की गई थी हत्या

शाहपुर के बिछिया में रहने वाली राजेश्वरी श्रीवास्तव उर्फ राखी एक जून, 2018 को संदिग्ध परिस्थिति में गायब हो गई। भाई अमर प्रकाश ने शाहपुर थाने में चार जुलाई, 2018 को पहले पति बिहार के वजीरगंज थाना क्षेत्र स्थित लोहगरा निवासी मनीष सिन्हा पर अपहरण का मुकदमा दर्ज कराया। जांच में पता चला कि राखी को लेकर मनीष नेपाल गया था। तीन जून तक राखी मनीष के साथ रही और बाद में राखी ने मनीष को वापस भेज दिया। पांच जून से मनीष की राखी से बात नहीं हो पा रही थी। उसका वाट्सएप चल रहा था। मैसेज का भी वह जवाब नहीं दे रही थी।

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हत्या के छह माह बाद तक एक्टिव था वाट्सएप और फेसबुक

मनीष ने 24 जून को राखी के बारे में कुछ पता न चलने की सूचना उसके भाई को दी तो उसने अपहरण का मुकदमा दर्ज करा दिया। छह माह तक राखी का मोबाइल फोन चालू रहा। वाट्सएप और फेसबुक भी एक्टिव रहा। चार अक्टूबर, 2018 को मोबाइल फोन बंद होने पर एसटीएफ ने फोटो लेकर छानबीन की तो पता चला कि आठ जून, 2018 को नेपाल के पोखरा में उसका शव मिला था। पहाड़ से धक्का देकर उसे गिराया गया था। एसटीएफ ने सर्विलांस की मदद से जांच की तो शहर के एक सर्जन का नाम सामने आया।

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डॉक्टर व दो कर्मचारियों को किया गया था गिरफ्तार

जांच में साक्ष्य मिलने के बाद एसटीएफ ने चिकित्सक व उनके दो कर्मचारियों को गिरप्तार कर घटना का पर्दाफाश किया। शाहपुर थाना पुलिस अपहरण के मुकदमे में हत्या की धारा बढ़ा दी। इस मामले की अभी तक विवेचना चल रही है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट व पंचायतनामा की सर्टिफाइड कापी न मिलने से अभी तक इस मुकदमे में आरोप पत्र दाखिल नहीं हो सका है। अब इंटरपोल की मदद से पोस्टमार्टम रिपोर्ट, पंचायतनामा की कापी हासिल कर पुलिस आरोप पत्र दाखिल करने की तैयारी में जुटी है।


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