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Raksha bandhan मनाने को लेकर 11 और 12 अगस्त में कन्फ्यूजन है तो विद्वानों से जानें दोनों दिन का शुभ मुहूर्त

Raksha bandhan 2022 shubh muhurat त्योहार मनाने को लेकर इस बार लोगों में काफी मतभेद है। 11 अगस्त और 12 अगस्त दोनों दिन राखी बांधने की बात कही जा रही है। ऐसे में आपको ये जानना महत्वपूर्ण होगा कि दोनों तिथियों पर राखी बांधने का शुभ मुहूर्त कब है।

By Pragati ChandEdited By: Updated: Tue, 09 Aug 2022 08:28 PM (IST)
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Raksha bandhan 2022 shubh muhurat: विद्वानों से जानें राखी का शुभ मुहूर्त। फोटो: जागरण/इंटरनेट मीडिया।

गोरखपुर, संगम दुबे। Raksha bandhan 2022 shubh muhurat: रक्षाबंधन पर्व की तिथि को लेकर इस बार सभी को कन्फ्यूजन है। इस त्योहार को लेकर उहा पोह बना हुआ है। कुछ लोग 11 अगस्त तो कुछ लोग 12 अगस्त को रक्षाबंधन का त्योहार मनाने की बात कह रहे हैं। आइए हम आपको इस लेख के जरिए विद्वानों की राय बताते हैं।

इस शुभ मुहूर्त में बांधें राखी

ज्ञानगुरु डॉ. धनेश मणि त्रिपाठी का कहना है कि 11 अगस्त को दिन में भद्रा लग रहा है, जो रात को 8:30 बजे समाप्त होगा। इसके बाद राखी बांधने के लिए शुभ मुहूर्त की शुरूआत हो जाएगी। इसके अगले दिन यानी 12 अगस्त को 7 बजकर 16 मिनट तक बहनें राखी बांध सकती हैं। राखी बांधने का शुभ मुहुर्त 11 अगस्त की रात साढ़े आठ बजे के बाद और 12 अगस्त की सुबह 7 बजकर 16 मिनट से पहले ही है।

हर साल लगता है भद्रा

डॉ. धनेश मणि त्रिपाठी के मुताबिक हर साल श्रवण नक्षत्र में ही श्रावण महीने की पूर्णिमा पड़ती है। जैसे ही पूर्णिमा लगती है उस समय भद्रा लग ही जाता है। इस दौरान आधी तिथि भद्रा रहती है। यह कोई नई बात नहीं है। यह भद्रा हर साल मकर राशि में ही लगती है। मकर राशि की भद्रा धनातम करती है, लेकिन विशेष सूत्र है कि फाल्गुनी और श्रावणी दोनों वर्जित हैं। चाहे स्वर्ग में हों या पाताल में हों चाहे मृत्यु लोक में हो। ये शुभ नहीं होता है।

12 को पूरे दिन बांध सकते हैं राखी

आचार्य सुदर्शन त्रिपाठी का कहना है कि उदया तिथि मानकर 12 अगस्त का दिन रक्षाबंधन के लिए शुभ है। इस दिन सौभाग्य योग भी बन रहा है। ऐसे में 12 अगस्त को बहनें पूरे दिन राखी बांध सकती हैं। इस दिन राखी बांधने के लिए पूरा दिन शुभ है।

11 अगस्त की रात में शुरू होगा शुभ मुहू्र्त

ज्योतिष विवेक कुमार उपाध्याय का कहना है कि इस वर्ष श्रावण शुक्ल पूर्णिमा शुक्रवार 12 अगस्त को दिन के सात बजकर 16 मिनट तक की है, जो त्रिमुहूर्त्त से अल्प हो रहा है। जबकि 11 अगस्त दिन गुरुवार को पूर्णिमा दिन के 09:35 के बाद से पूरे दिन है और भद्रा भी उसी समय से प्रारम्भ होकर प्रदोष कालिक रात साढ़े आठ बजे समाप्त हो रही है। ऐसे में स्पष्ट रूप से देखा जाए तो त्रिमुहूर्त्त से अधिक पूर्णिमा की प्राप्ति व भद्रा से रहित होने पर 11 अगस्त गुरुवार को रात साढ़े आठ बजे के बाद रक्षाबंधन का शुभ मुहूर्त शुरू होगा।

इस दिन मनाया जाता है रक्षाबंधन का पर्व

ज्योतिष विवेक कुमार उपाध्याय के अनुसार सामान्यतया देखा जाए तो श्रावण मास की पूर्णिमा को रक्षाबंधन मनाया जाता है। वहीं मुहूर्त शास्त्र के अनुसार शुक्ल पक्ष की अष्टमी व पूर्णिमा के पूर्वार्ध में भद्रा का होना स्वभाविक व सैद्धान्तिक है। यानी रक्षाबंधन पर भद्रा का होना स्वभाविक क्रम है। वहीं धर्म शास्त्रों की बात करें तो रक्षाबंधन के संदर्भ में यह पर्व प्रतिपदा से युत होने पर नहीं करना चाहिए। इससे यह स्पष्ट होता है कि रक्षाबंधन पूर्णिमा में ही करना शुभ माना जाता है।

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