प्रदेश का पहला वेटलैंड घोषित हुआ रामगढ़ ताल, जानें-किन गतिविधियों पर लगेगी रोक Gorakhpur News
रामगढ़ ताल को वेटलैंड घोषित किए जाने के बाद उसके आसपास कई गतिविधियों पर रोक लग जाएगी। ताल के दायरे में कोई भी नया उद्योग नहीं लगाया जा सकेगा। पुरानी इकाईयों के विस्तार पर भी रोक लग जाएगी।
गोरखपुर, जेएनएन। रामगढ़ ताल को प्रदेश सरकार ने वेटलैंड (आर्द भूमि) घोषित कर दिया है। यह प्रदेश का पहला वेटलैंड होगा। सोमवार को इसकी अधिसूचना जारी कर दी गई। 742.245 हेक्टेयर में फैले रामगढ़ ताल को अब 'रामगढ़ ताल अर्द भूमि जिला गोरखपुर के नाम से जाना जाएगा। इसे वेटलैंड घोषित करने की प्रारंभिक अधिसूचना इस साल 14 जून को जारी कर 30 जून तक आपत्तियां मांगी गई थीं। सभी आपत्तियों का निस्तारण करने के बाद सरकार ने सोमवार को इसे वेटलैंड घोषित कर दिया।
प्रदेश सरकार की कमान संभालने के बाद ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वेटलैंड का संरक्षण करने और अवैध कब्जा रोकने के लिए आर्द भूमि (संरक्षण व प्रबंधन) अधिनियम 2017 पास कराया था। इस अधिनियम के तहत रामगढ़ ताल को नौ मार्च 2018 को ही रामगढ़ ताल को वेटलैंड घोषित कर दिया था, लेकिन अधिसूचना में कुछ गाटों की संख्या त्रुटिपूर्ण दर्ज होने की वजह से इस अधिसूचना को वापस ले लिया गया था। अधिसूचना में रामगढ़ ताल आर्द भूमि और प्रभावित परिक्षेत्र में निर्माण से जुड़े क्रिया कलापों को नियंत्रित करने के लिए इसे वैडलैंड घोषित करना आवश्यक बताया गया है। राज्यपाल ने सात दिसंबर को ही रामगढ़ ताल को वेटलैंड के रूप में अधिसूचित कर दिया था।
झील के आसपास इन गतिविधियों पर लग जाएगी रोक
रामगढ़ ताल को वेटलैंड घोषित किए जाने के बाद उसके आसपास कई गतिविधियों पर रोक लग जाएगी। ताल के दायरे में कोई भी नया उद्योग नहीं लगाया जा सकेगा। पुरानी इकाईयों के विस्तार पर भी रोक लग जाएगी। ताल के दायरे में खतरनाक किस्म के कचरे, पालीथिन, नान बायेग्रडिबल ठोस कचरा, गंदा पानी, अशोधित सीवेज के निस्तारण पर पूरी तरह से रोक लग जाएगी। ताल में प्लास्टिक, पालीथिन व अन्य अक्षरणीय अपशिष्ट डालना गैर कानूनी होगा। ताल में नौकायन के लिए जेट्टी को छोड़कर किसी तहर का निर्माण नहीं हो सकेगा। इसके अलावा आद्र भूमि संरक्षण एवं प्रबंधन नियम 2017 के अधीन प्रतिबंधित किए गए क्रिया-कलाप पर रोक लग जाएगी।
यह निर्धारित है ताल का दायरा
रामगढ़ ताल आद्र भूमि के प्रभावित परिक्षेत्र में एक स्थान पर 119 मीटर, चार स्थानों पर सौ मीटर, एक स्थान पर 80 मीटर और 22 स्थानों पर 50 मीटर निर्धारित किया गया है। हालांकि ताल का दायरा निर्धारित करने का मामला एनजीटी में विचाराधीन है।