Move to Jagran APP

Gorakhpur News: गोरखपुर में रामगढ़ताल रिंग रोड का निर्माण जल्द होगा शुरू, जीडीए जल्द तय करेगा मुआवजा

सीएम योगी के ड्रीम प्रोजेक्‍ट रामगढ़ताल के चारों ओर ताल रिंग रोड के निर्माण में आ रही बाधा जल्द ही दूर हो जाएगी। जीडीए ने 10 एकड़ जमीन के लिए कास्तकारों के साथ सहमति बना ली है उन्हें सर्किल रेट के दोगुणा के बराबर मुआवजे का भुगतान करने का प्रस्ताव दिया गया है। इस प्रस्ताव को प्रशासन के पास भेजा गया है।

By Umesh Pathak Edited By: Vivek Shukla Updated: Sat, 24 Aug 2024 03:09 PM (IST)
Hero Image
मुआवजे का भुगतान करने का प्रस्ताव दिया गया है।
जागरण संवाददाता,गोरखपुर। रामगढ़ताल के चारो ओर बन रहे ताल रिंग रोड के निर्माण में आ रही बाधा अब जल्द दूर हो जाएगी। गोरखपुर विकास प्राधिकरण (जीडीए) ने 10 एकड़ जमीन के लिए कास्तकारों के साथ सहमति बना ली है। उन्हें सर्किल रेट के दोगुणा के बराबर मुआवजे का भुगतान करने का प्रस्ताव दिया गया है।

इस प्रस्ताव को प्रशासन के पास भेजा गया है। एडीएम की अध्यक्षता वाली समिति ने इसपर निर्णय ले लिया है। अब इसे डीएम एवं कमिश्नर के यहां भेजा जाएगा। अगले कुछ दिनों में मुआवजे की दर अनुमोदित हो जाएगी, उसके बाद रजिस्ट्री शुरू हो जाएगी।

रामगढ़ताल के किनारे सहारा एस्टेट से कूड़ाघाट तक लगभग चार किलोमीटर तक दो लेन सड़क बनाई जा रही है। इसे ताल रिंग रोड नाम दिया गया है। कुछ जमीन अधिगृहीत करने की जरूरत पड़ी तो लोगों ने विरोध शुरू कर दिया। विरोध के कारण काम रोकना पड़ा था।

इसे भी पढ़ें-अब A1-A2 के नाम से नहीं बिकेगा दूध, घी और मक्खन, FSSAI ने जारी किया आदेश

उसके बाद जीडीए ने कास्तकारों के साथ बात की और मुआवजे को लेकर हल निकाला। जीडीए को लगभग 10 एकड़ जमीन खरीदनी है। डीएम एवं कमिश्नर के यहां से अनुमोदन मिलने के बाद जमीन खरीद का रास्ता साफ हो जाएगा।

इसे भी पढ़ें-मानक से आगे निकले अगस्त में वर्षा वाले दिन, धोखा दे गया मानसून

जीडीए के उपाध्यक्ष आनन्द वर्द्धन ने बताया कि सहारा एस्टेट की ओर जितनी जमीन की जरूरत है, उसको लेकर कास्तकारों से बात की जा चुकी है। मुआवजे की दर को लेकर प्रस्ताव तैयार किया गया है और इसे प्रशासन के पास भेज दिया गया है। विभिन्न स्तरों पर अनुमोदन के बाद जमीन की खरीद शुरू की जाएगी।

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।