Bangladesh Crisis: बांग्लादेश संकट से प्रभावित होगा रेडीमेड गारमेंट बाजार, उद्यमी सतर्क
लघु उद्योग भारती के मंडल अध्यक्ष दीपक कारीवाल बताते हैं कि गोरखपुर का रेडीमेड गारमेंट उद्योग बूम कर सकता है। देश की कई बड़ी कंपनियां रेडीमेड गारमेंट बांग्लादेश से ही बनवाती थीं। उनके उत्पाद कम कीमत पर यहां के बाजारों में भी नजर आते थे लेकिन अब उन उत्पादों पर प्रभाव पड़ेगा तो स्थानीय उद्यमियों के उत्पाद को महत्व मिल सकेगा।
जागरण संवाददाता, गोरखपुर। बांग्लादेश संकट का उद्योग एवं व्यापार पर असर पड़ने वाला है। यहां के उद्यमी मानते हैं कि कपड़ा उद्योग काफी प्रभावित होगा। बड़े पैमाने पर वहां से रेडीमेड गारमेंट का आयात होता था। अब इस पर प्रभाव पड़ेगा, जिससे देश में बने कपड़े को बाजार मिल सकेगा। गोरखपुर में यह उत्पाद एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी) में शामिल है।
इससे यहां के उत्पाद की बाजार में पूछ बढ़ सकेगी। स्थानीय उद्यमियों में रेडीमेड गारमेंट सेक्टर में बूम आने की उम्मीद बढ़ गई है। इसके साथ ही गोरखपुर में बनने वाले कुछ कपड़े भी बंगाल के व्यापारियों के जरिये बांग्लादेश भेजे जाते थे, इस पर भी प्रभाव पड़ने की आशंका है।
वीएन डायर्स के एमडी एवं चैंबर आफ इंडस्ट्रीज के पूर्व अध्यक्ष विष्णु अजीतसरिया का कहना है कि बांग्लादेश संकट बड़ा है। इसका असर भारत पर पड़ेगा। गोरखपुर में भी वहां से काफी कारोबार होता है। बड़े पैमाने पर वहां से रेडीमेड कपड़े का आयात किया जाता रहा है। अब उस पर रोक लग सकेगी। ऐसी स्थिति आयी तो देश के अन्य हिस्सों के साथ गोरखपुर को भी फायदा मिलेगा, क्योंकि यहां भी रेडीमेड गारमेंट उद्योग तेजी से बढ़ रहा है।
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उनका कहना है कि यहां से बांग्लादेश सीधे तौर पर कोई उत्पाद नहीं जाता। यहां बनाया जाने वाला कपड़ा बंगाल भेजा जाता है और वहां से व्यापारी कुछ कपड़ा बांग्लादेश भी भेजते थे। इस पर असर पड़ सकता है। कितना असर पड़ा, यह कुछ दिन बाद पता चल सकेगा।
इसे भी पढ़ें-गंगा में उफान से सभी घाट डूबे, मणिकर्णिका की छत पर जल रहीं चिताएं; PHOTOSगोरखपुर के व्यापारी भी बांग्लादेश से मंगाते थे कपड़ागोरखपुर के कुछ व्यापारी बांग्लादेश से रेडीमेड गारमेंट मंगाते थे। इस संकट से वे भी चिंतित हैं। टोपी आदि भी वहां से आती रही है। माल मंगाने के लिए अब उन्हें अपने देश के व्यापारियों पर निर्भर होना पड़ेगा।
और भी कई उत्पादों पर पड़ेगा प्रभावचैंबर आफ इंडस्ट्रीज के पूर्व अध्यक्ष एसके अग्रवाल बताते हैं कि इस संकट से यहां के रेडीमेड गारमेंट को अवसर मिलने की उम्मीद है। चीन में बने कई उत्पाद भी बांग्लादेश के रास्ते भारत में आते थे। अब उस पर भी विराम लग सकेगा। गोरखपुर से बहुत अधिक उत्पाद सीधे तौर पर वहां नहीं भेजे जाते थे।
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