कृषि सुधार विधेयक मोदी सरकार की ऐतिहासिक पहल : डॉ धर्मेंद्र सिंह Gorakhpur News
भारतीय जनता पार्टी गोरखपुर क्षेत्र के अध्यक्ष डॉ धर्मेंद्र सिंह ने कृषि सुधार विधेयक की तारीफ करते हुए कहा कि यह विधेेेेयक मोदी सरकार की ऐतिहासिक पहल है। इससे किसान बंधन सेे मुक्त होंगे और उन्हें काफी फायदा होगा।
By Pradeep SrivastavaEdited By: Updated: Fri, 25 Sep 2020 01:08 AM (IST)
गोरखपुर, जेएनएन। भारतीय जनता पार्टी गोरखपुर क्षेत्र के अध्यक्ष अध्यक्ष डॉ धर्मेंद्र सिंह ने कहा कि कृषि सुधार विधेयक मोदी सरकार का किसानों के हित के लिए उठाया गया ऐतिहासिक कदम है। इससे न सिर्फ किसान अच्छी से अच्छी कीमत पर अपनी फसल को पूरे देश में कहीं भी बेच सकता है बल्कि जहां अच्छी से अच्छी कीमत मिले वहां बेचने के लिए वह स्वतंत्र है। कांग्रेस सरकार के काले कारनामों के कारण वर्षों से किसान कानूनों की जंजीरों से जकड़ा हुआ था जिसे पीएम नरेंद्र मोदी ने ऐतिहासिक पहल करते हुए आजाद कर दिया है।
डॉ धर्मेंद्र सिंह ने कहा कि कांग्रेस ने कभी किसानों की चिंता नहीं की बल्कि उसे इस प्रकार की व्यवस्था में जकड़ कर रखा कि वह सिर्फ गुलाम ही बने रहे। सरकार की नीतियों का गुलाम सरकार द्वारा निर्धारित की गई मूल राशि का गुलाम। परंतु भारतीय जनता पार्टी ने और देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने किसानों के हित के लिए हमेशा कार्य किया है,और करते रहेंगे। किसानों की आय दुगुनी करने उन्होंने जी वादा किया था उसको पूरा होने में यह बिल मील का पत्थर साबित होगा।
गलतफहमी फैला रहा है विपक्ष
डॉ धर्मेंद्र ने कहा कि आज किसान के खाते में सीधा 6000 पहुंच रहा है, वहीं सरकार प्रति वर्ष फसलों का समर्थन मूल्य बढ़ाकर किसानों के आय को दुगुना करने का प्रयास कर रही है। वहीं विपक्ष गलतफहमी फैला रहा है कि भाजपा मंडी व्यवस्था को समाप्त करना चाहती है तथा किसानों को समर्थन मूल्य नहीं देना चाहती। जबकी भाजपा और मोदी जी बार-बार कह रहे है कि मंडी व्यवस्था व समर्थन मूल्य व्यवस्था यथावत रहेगी, इसमें कोई परिवर्तन नहीं होने वाला। परंतु समर्थन मूल्य से अधिक अगर मूल्य किसानों को मिलता है तो इसमें बुराई क्या है। किसान सीधे व्यापारी से संपर्क कर सकता है।
डॉ सिंह ने कहा कि 2013 में राहुल गांधी स्वयं एपीएमसी एक्ट को हटाने की बात करते थे परंतु आज कांग्रेस इस बिल का विरोध कर रही है। किसान बिल किसानों की आजादी है। वन नेशन वन मार्केट के बंधन से किसान आजाद हो चुका है। किसान स्वतंत्र है उसे जहां अधिक मूल्य मिले वहां वह अपनी फसल बेचे। इस बिल में एक बात और साफ है जिस पर विपक्ष गुमराह कर रहा है की जमीन की बिक्री और गिरवी रखना पूरी तरह से गैरकानूनी रहेगा करार फसलों का होगा ना कि जमीन का।
छोटे किसानों को होगा होगा क्षेत्रीय अध्यक्ष ने कहा कि पहले से ही कई राज्यों में किसान सफलतापूर्वक बड़े कारपोरेट के साथ कपास चाय काफी जैसे उत्पादो का करार करके लाभ कमा रहे है। डॉ सिंह ने कहा कि इस बिल से छोटे किसानों को भी बहुत लाभ होगा वह भी भविष्य की प्लानिंग करके मार्केट के अनुसार अपनी फसलों का अधिक से अधिक मूल्य पा सकेंगे। इस बिल का वही लोग विरोध कर रहे हैं जिनको लग रहा है कि उनकी दलाली खत्म हो जाएगी उन्हें किसानों की चिंता नहीं अपने मार्केट की चिंता है।
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